सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें पाकिस्तानी झंडे को भारतीय झंडे से बड़ा और ऊंचा दिखाया गया है. सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस घटना को सांप्रदायिक ऐंगल देते हुए दावा किया कि ये घटना केरल के कोच्चि के लूलू मॉल में हुई है.

X (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर @Incognito_qfs नामक एक यूज़र ने तस्वीर शेयर करते हुए इसे केरल की धार्मिक जनसंख्या से जोड़ा. उन्होंने लिखा, ”ये तस्वीर केरल के कोच्चि के लुलु मॉल की है. जैसा कि आप देख सकते हैं, पाकिस्तानी झंडा हमारे तिरंगे से बड़ा है और भारतीय फ्लैग कोड का उल्लंघन करते हुए इसे ऊंचा रखा गया है. मजेदार फ़ैक्ट: 2015 में इकोनॉमिक्स और स्टैटिक्स डिपार्टमेंट द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के मुताबिक, केरल राज्य में कुल 5,16,013 लाइव बर्थ में से 42.87% हिंदू समुदाय, 41.45% मुस्लिम समुदाय और 15.42% ईसाई समुदाय से हैं.” इस ट्वीट को 5,55,000 से ज़्यादा बार देखा गया, साथ ही इसे 1,884 लाइक्स मिले. (आर्काइव)

राजनीतिक विश्लेषक प्रदीप भंडारी ने भी ये तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “ये तस्वीर केरल के लुलु मॉल की है. चल रहे क्रिकेट विश्व कप का जश्न मनाने के लिए पाकिस्तान के झंडे को तिरंगे से बड़ा रखा गया था. ये फ्लैग कोड का उल्लंघन है, संबंधित अधिकारियों को इस पर ध्यान देना चाहिए.” इस ट्वीट को 1.1 मिलियन से ज़्यादा बार देखा गया, साथ ही इसे 23,000 लाइक्स और 11,000 रीट्वीट मिले. बाद में उन्होंने ये ट्वीट डिलीट कर दिया. (आर्काइव)

एशियानेट सुवर्णा न्यूज़ ने भी तस्वीर को ट्वीट करते हुए कैप्शन लिखा, “लुलू मॉल में भारतीय झंडे से बड़ा पाकिस्तान का झंडा, बढ़ा आक्रोश.” ट्वीट को 3,71,000 से ज़्यादा बार देखा गया और इसे 556 लाइक्स मिले. (आर्काइव)

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने कोच्चि के लूलू मॉल के अधिकारियों से संपर्क किया जिन्होंने बताया कि ICC विश्व कप के मद्देनज़र, लूलू मॉल ने विश्व कप में हिस्सा लेने वाले देशों के झंडे प्रदर्शित किए थे. उन्होंने कहा, “मॉल के भीतर, अलग-अलग देशों के झंडे एक ही लेवल पर छत से लटकाए गए थे. जब एरियल परस्पेक्टिव से या एक स्पेसिफ़िक ऐंगल से देखा जाता है, तो ऐसा लग सकता है कि कुछ तरफ के झंडे बड़े दिखें. हालांकि, जब नीचे से देखा जाता है, तो ये साफ़ हो जाता है कि सभी झंडे एक ही आकार के हैं. अफसोस की बात है कि सोशल मीडिया पर झूठा दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान का झंडा भारतीय झंडे से बड़ा दिखाया गया. ये पहचानना ज़रूरी है कि झंडों को स्पेसिफ़िक ऐंगल से देखने पर स्वाभाविक रूप से ये ऑप्टिकल भ्रम होता है. इस तरह, दूसरों की तुलना में पाकिस्तान के झंडे के लंबाई के बारे में कोई भी दावा पूरी तरह से ग़लत और भ्रामक है.”

कोच्चि के लूलू मॉल के अधिकारियों ने ये भी कहा कि वो भ्रामक जानकारी फैलाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ़ कानूनी कार्रवाई की योजना बना रहे हैं.

नीचे से ली गई झंडों की तस्वीरें ये दिखाती हैं कि सभी झंडे एक ही हाईट में लगे हैं और एक ही साइज़ के हैं. नीचे डि गई तस्वीर देखिए.

हालांकि, अलग-अलग ऐंगल्स से देखने पर झंडे की साइज़ अलग-अलग लगती है.

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द टेलीग्राफ़ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय तिरंगे की तुलना में पाकिस्तान के झंडे को ज़्यादा प्रमुखता दिए जाने के झूठे दावे के बाद मॉल की मार्केटिंग मैनेजर अथिरा नम्पियाथिरी को पद छोड़ना पड़ा. हालांकि, कंपनी ने दावा किया कि उन्हें ऐसा करने के लिए नहीं कहा गया था.”

नम्पियाथिरी ने 12 अक्टूबर को अपने लिंक्डइन पेज पर ये मैसेज पोस्ट किया: “एक जुनून के साथ कंपनी के लिए एक पूरा दशक समर्पित करने के बाद, मुझे ये देखकर दुख होता है कि मैं अब यहां काम नहीं कर रही हूं. ये सब निराधार झूठ और सोशल मीडिया पर हुए सनसनीखेज मामले की वजह से हुआ. सजावट के रूप में झंडों का इस्तेमाल करते हुए खेल भावना के समर्थन के एक सरल संकेत के रूप में जो हुआ, वो एक भयानक विकृति में बदल गया. हममें से किसी ने भी इसकी कल्पना नहीं की होगी. हम सच्चे, गौरवान्वित भारतीय हैं, अपूर्व भक्ति के साथ अपनी कंपनियों के प्रति गहराई से प्रतिबद्ध हैं. हालांकि, सोशल मीडिया के अफवाह, बकवास और अनवेरिफ़ाईड रिपोर्ट्स किसी की ईमानदारी और आजीविका को तबाह करने की क्षमता रखती है.”

नम्पियाथिरी ने आगे कहा लिखा, “जिस तरह एक कंपनी अपनी प्रतिष्ठा और अखंडता को महत्व देती है, उसी तरह इस देश के नागरिक के रूप में, मैं अपने देश के लिए गहरा प्यार रखती हूं और इसके सम्मान को बनाए रखने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हूं. इस झूठी ख़बर या इस तरह की पोस्ट से मेरी छवि, ईमानदारी, या मेरे काम में लगाए गए समर्पण और उपलब्धियों के सालों को बदनाम नहीं किया जाएगा. मैं आप सभी से आग्रह करती हूं कि प्लीज नफरत फैलाने से बचें और ऐसी गतिविधियों में शामिल होने से बचें जो व्यक्तियों के करियर और जीवन को बर्बाद कर सकती हैं. आइए हम इस डिजिटल युग में सच्चाई और निष्पक्षता के पक्ष में एकजुट होकर खड़े हों. मेरा नुकसान तो नुकसान है लेकिन इस नफरत की वजह से किसी को प्रभावित नहीं होना चाहिए. मुझे उम्मीद है कि ये मैसेज भी उतना ही वायरल होगा जितना दूसरे मैसेज होते हैं जिनसे ज़िंदगियां बर्बाद होती हैं.”

हालांकि, नम्पियाथिरी के लिंक्डइन पोस्ट के एक दिन बाद, उन्हें लुलु ग्रुप में फिर से शामिल होने के लिए बुलाया गया था. उन्होंने अपने लिंक्डइन पेज पर कहा कि, “आपके अटूट समर्थन के लिए आप सभी को धन्यवाद. सोशल मीडिया पर झूठी सूचनाओं के प्रसार से निपटने में हमने जो एकता प्रदर्शित की है, उससे मैं बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं. हमारे सामूहिक प्रयासों के प्रत्यक्ष परिणाम के रूप में मुझे जल्द से जल्द लुलु ग्रुप के साथ फिर से जुड़ने के लिए बुलाया गया है. जैसा कि मेरी पिछली पोस्ट में भी बताया गया है, हम सभी के लिए ये याद रखना जरूरी है कि ये सिर्फ व्यक्तियों को प्रभावित नहीं करता है; इसका कंपनियों पर भी काफी असर पड़ता है. मैं आप सभी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं जो इस ग़लत सूचना और अफ़वाह के खिलाफ़ लड़ाई में शामिल हुए. साथ मिलकर, हम ज्ञान, जागरूकता, उदारता को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म की शक्ति का फायदा उठा सकते हैं.”

कुल मिलाकर, केरल के कोच्चि में लूलू मॉल के अंदर अलग-अलग राष्ट्रीय झंडों की तस्वीर इस झूठे दावे के साथ शेयर की जा रही है कि पाकिस्तानी झंडे को भारतीय झंडे से ऊंचा रखा गया था. और इस झंडे की लंबाई भी ज़्यादा थी. हालांकि, हमारी फ़ैक्ट-चेक से पता चला कि झंडे ICC विश्व कप के मद्देनज़र वहां लगाए गए थे और सभी झंडे एक ही साइज़ के थे और एक ही लेवल पर लगाए गए थे.

अबीरा दास ऑल्ट न्यूज़ में इंटर्न हैं.

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