ट्विटर हैंडल @Padhalika से राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस के रोड शो के दो वीडियो शेयर किए गए। इन दोनों वीडियो में, केरल के वायनाड में अपने रोड शो के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी को ट्रक में खड़े होकर भीड़ की ओर हाथ लहराते हुए देखा गया। राहुल गांधी ने 4 अप्रैल को वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल किया।

इस रोड शो में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बैनर सहित विभिन्न झंडे लहराती हुई भारी भीड़ देखी गई। दोनों गांधी के नेतृत्व में हुई इस रैली के वीडियो में देखे गए हरे रंग के झंडे की ओर इशारा करते हुए @Padhalikha ने ट्वीट किया, “भारतीय झंडे की तुलना में राहुल गांधी की रैली में इस्लामी झंडे अधिक हैं।”- (अनुवाद)

एक अन्य ट्वीट में, जिसमें उस रोड शो का एक वीडियो भी था, @Padhalika ने कहा, “बस उनकी रैली में पाकिस्तानी/इस्लामी झंडों की संख्या को देखो।” इस ट्वीट में लोगों को चेतावनी भी दी गई कि अगर राहुल गांधी सत्ता में आते हैं, तो आपके “पूरे भारत में 500 कश्मीर” होंगे।

अभिनेत्री कोएना मित्रा ने भी रैली की एक तस्वीर यह कहते हुए पोस्ट की कि राहुल गांधी का केरल में “इस्लामी झंडे” के साथ स्वागत किया गया। इस तस्वीर में लोगों को हरे रंग के झंडे पकड़े हुए देखा जा सकता है।

यह वीडियो उसी दिन पहले, कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पोस्ट किया गया था।

तथ्य-जांच

वीडियो में देखा गया हरे रंग का झंडा इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के झंडे का प्रतिनिधित्व करता है, न कि पाकिस्तानी ध्वज का। नीचे अगल-बगल रखी गई तस्वीरों में दोनों झंडों के बीच का अंतर स्पष्ट दिखाई देता है।

इसके अलावा, रैली में लहराए गए झंडे भी ‘इस्लामी ध्वज’ नहीं हैं, जैसा कि दावा किया गया है। नीचे, की गई तुलना में, बाईं ओर की तस्वीर अक्सर भारत में मुस्लिम धार्मिक संगठनों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले झंडे की है। IUML के झंडे में अर्धचंद्र और तारा सबसे ऊपरी कोने पर होते हैं, जबकि भारतीय उपमहाद्वीप में अक्सर इस्तेमाल होने वाले सामान्य धार्मिक बैनर में इन्हें बीच में रखा जाता है।

राहुल गांधी की रैली में, जैसा कि देखा जा सकता है, इन झंडों के बाएं ऊपरी कोने में अर्धचंद्र और तारा है, इसलिए इनके IUML के झंडे होने का निष्कर्ष निकलता है, पाकिस्तानी झंडा या सामान्य इस्लामी झंडा होने का नहीं।

IUML, यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट गठबंधन की छह पार्टियों में से एक है। इस गठबंधन में कांग्रेस पार्टी भी है। द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में भी कहा गया है, “लोगों को अपने मोबाइल फोन से तस्वीरें क्लिक करते और कांग्रेस पार्टी और उसकी सहयोगी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के झंडे लहराते हुए देखा गया।” -(अनुवाद)

पुरानी तस्वीरें

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि कोएना मित्रा द्वारा पोस्ट की गई तस्वीर पुरानी, जनवरी 2016 की, है। यह केरल के कोझिकोड में हुई केरल के पूर्व मंत्री पीके कुन्हालीकुट्टी की रैली से संबंधित है। वह इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग से ताल्लुक रखते हैं। इस तस्वीर में लोग IUML के कैडर हैं, जिन्होंने IUML के झंडे पकड़ रखे हैं, न कि इस्लामिक झंडे।

सोशल मीडिया

फेसबुक यूजर, ध्रुव कुमार ने हरे रंग के पहनावे में IUML-समर्थकों की तस्वीरें इस भ्रामक संदेश के साथ पोस्ट की हैं, “वायनाड में रैली काँग्रेस की है या #हाफिज_सईद की समझ नही आ रहा।”

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के ट्वीट को उद्धृत करते हुए, जिसमें इस रैली की तस्वीरें हैं, ट्विटर हैंडल @squintneon ने ट्वीट करके लिखा है, “हरे पाकिस्तानी झंडे पर ध्यान दें”

फेसबुक और ट्विटर पर कई अन्य व्यक्तियों ने केरल के वायनाड में राहुल गांधी की रैली का वीडियो यह कहते हुए पोस्ट किया है, “ये दृश्य पाकिस्तान में किसी जलसे का नहीं केरल में #वायनाड में राहुल की रैली का है। *पप्पू4पाकिस्तान* अब तो समझ जाओ”।

जिन राज्यों में IUML की उपस्थिति है, वहां अक्सर उनके समर्थकों को IUML का झंडा लिए हुए कांग्रेस की रैलियों में देखा जाता है और इन्हें नियमित रूप से इस्लामी या पाकिस्तानी झंडे के रूप में गलत तरीके से रखा जाता है। इससे पहले, राहुल गांधी द्वारा केरल में वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की खबरों के बाद, IUML झंडे को गलत तरीके से, कांग्रेस समर्थकों द्वारा इस्लामिक झंडे लहराने के रूप में शेयर किया गया था।

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.