सोशल मीडिया पर अलग-अलग ड्यूरेशन की कुछ वीडियो क्लिप्स शेयर की जा रही हैं जिनमें एक मस्जिद को गिराते हुए दिखाया गया है. दावा किया जा रहा है कि ये मस्जिद प्रयागराज के सैदाबाद की है और इसे इसलिए तोड़ा गया क्योंकि उस पर पाकिस्तानी झंडा फहराया गया था. अक्सर ग़लत जानकारी फैलाने वाले यूज़र @MrSinha_ ने ये वीडियो 11 जुलाई 2023 को शेयर करते हुए ऐसा ही दावा किया. बाद में उन्होंने ये ट्वीट डिलीट कर दिया लेकिन इसका स्क्रीनशॉट आप नीचे देख सकते हैं.
हरिन्दर सिक्का ने भी ये वीडियो शेयर करते हुए ऐसा ही दावा किया. उन्होंने ये भी लिखा कि फ्रेंच को योगी आदित्यनाथ से सीखना चाहिए कि कैसे उन्होंने झण्डा उतरवाने के बजाय पूरा मस्जिद ही तुड़वा दिया.
11 मार्च, 2023 को कुछ यूज़र्स ने ये वीडियो शेयर करते हुए यही दावा किया. इसके अलावा भी ट्विटर पर कई यूज़र्स ये वीडियो शेयर कर रहे हैं. (लिंक 1, लिंक 2, लिंक 3)
सैदाबाद ( प्रयाग ) की एक मस्जिद में पाकिस्तान* का झंडा लहराता मिला ।
योगी जी ने झंडा नहीं उतरवाया !
मस्जिद ही नीचे उतार दी !!* ऐसा लगता है मुगलों का सामना करने वाले महाराणा प्रताप शिवाजी महाराज साक्षात उतर आए हैं योगी जी जिंदाबाद👌👌
आप धन्य हैं बाबा जी 🙏🏽👍👍👍 pic.twitter.com/xn979qNpKw— 🔥अजय सिंह चौहान अज्जू भाई🔥 (@AJJUBHAI2196) March 11, 2023
जनवरी 2023 से ही ये वीडियो इसी दावे के साथ वायरल है.
*योगी बाबा के राज्य में, सैदाबाद प्रयागराज( उ0प्र)* और लगवाओ पाकिस्तान का झंडा😡😂😂👌👇 pic.twitter.com/jhhchXojRK
— Munna _Yadav 💯%FB (@YadavMu91727055) January 12, 2023
कुछ यूज़र्स बिना वीडियो शेयर किये भी यही दावा कर रहे हैं. ऐसी ही एक पोस्ट फ़ेसबुक पर बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा के फ़ैन पेज ‘संबित पात्रा बीजेपी‘ ने शेयर की.
कई फ़ेसबुक यूज़र्स ने भी ये वीडियो पोस्ट किया है जिनमें ‘कैथल प्राइम टीवी‘ नाम का एक पेज शामिल है. गौर करें कि इस पेज के 60 हज़ार से ज़्यादा फ़ॉलोवर्स हैं.
ऑल्ट न्यूज़ की मोबाईल ऐप और व्हाट्सऐप हेल्पलाइन नंबर (76000 11160) पर इस वीडियो की सच्चाई जानने के लिए कई रिक्वेस्ट मिली हैं.
फ़ैक्ट-चेक
इस वीडियो में मस्जिद के सभी गुंबद पर एक झंडा दिख रहा है. इसमें बीच का झंडा हरे रंग का लग रहा है और इसमें एक आधा चांद और तारे का एक निशान है. वीडियो की खराब क्वॉलिटी की वजह से ये ठीक से नहीं दिख रहा.
इस बारे में और जानने के लिए हमने गूगल पर की-वर्ड्स सर्च किया.
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विवादित मस्जिद प्रयागराज के हंडिया की शाही मस्जिद है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस मस्जिद का निर्माण सूर साम्राज्य के संस्थापक शेर शाह सूरी के शासन काल में 15वीं और 16वीं शताब्दी के बीच किया गया था. गूगल मैप्स पर मस्जिद की लोकेशन यहां देखी जा सकती है.
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सार्वजनिक निर्माण विभाग (हंडिया तहसील के सैदाबाद बाजार) ने बगल की सड़क को चौड़ा करने के लिए इसे तोड़ा था. मस्जिद के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुए इसे तोड़े जाने के नोटिस को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. हाई कोर्ट ने इस मामले को सिविल कोर्ट में ट्रांसफ़र कर दिया था. रिपोर्ट के मुताबिक, निचली अदालत में सुनवाई के दिन मस्जिद को तोड़ा गया था.
अगस्त 2022 में द टाइम्स ऑफ़ इंडिया (TOI) ने रिपोर्ट किया, “इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रयागराज के सैदाबाद में जीटी रोड पर स्थित शाही मस्जिद को, राजमार्ग को चौड़ा करने के लिए प्रस्तावित मस्जिद हटाने के खिलाफ़ दायर याचिका को ये कहते हुए खारिज कर दिया कि याचिका के दायरे में इस मुद्दे पर विचार नहीं किया जा सकता है.” मस्जिद हटाने के खिलाफ याचिका शाही मस्जिद की इंतेज़ामिया कमेटी ने दायर की थी.
द टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने रिपोर्ट किया कि इंतेज़ामिया समिति द्वारा दायर रिट याचिका को खारिज करते हुए, न्यायमूर्ति श्रीमती सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की एक खंडपीठ ने कहा था, “आज दिए गए लिखित निर्देश और अधिकारियों द्वारा उठाए गए रुख को देखते हुए और रेस्पोंडेंट्स के साफ़ रुख के मद्देनजर, स्टेट हाईवे 106 के प्रयागराज से हंडिया खंड पर स्थित शाही मस्जिद का मौजूदा निर्माण, उप-मंडल अधिकारी, हंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक प्रयागराज, गाटा संख्या 402 नामक सरकारी जमीन पर अतिक्रमण है, हम याचिकाकर्ता के दावे के अनुसार परमादेश जारी करने की स्थिति में नहीं हैं.”
रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च न्यायालय ने इस तर्क पर विचार करने से इनकार कर दिया कि मस्जिद लंबे समय से अस्तित्व में है, यानी आजादी से पहले से. अदालत ने कहा, “इस रिपोर्ट को देखकर ये पता चलता है कि ये इलाके के लोगों द्वारा दिए गए बयान पर आधारित है और ऐसा कोई डेटा या कंटेंट नहीं है जिसमें शाही मस्जिद के अस्तित्व के बारे में ये बयान लेने से पहले रिपोर्टिंग अधिकारी द्वारा देखा गया हो.”
हमने पिछले दो सालों से शाही मस्जिद की इंतेज़ामिया कमेटी के सदस्य मोहम्मद अकबर से संपर्क किया. उन्होंने कहा, “मस्जिद को 9 जनवरी को तोड़ दिया गया था. सोशल मीडिया पर किया गया दावा कि मस्जिद के ऊपर पाकिस्तान का झंडा फहराया गया था, झूठा है. हमने इसकी सूचना पुलिस को दे दी है.” मोहम्मद अकबर ने तोड़े जाने से पहले मस्जिद की तीन वीडियो क्लिप्स हमारे साथ शेयर की जिसमें हरा झंडा साफ देखा जा सकता है.
मस्जिद पर लगा झंडा पाकिस्तान का राष्ट्रीय झंडा नहीं है. यहां पाकिस्तान के राष्ट्रीय झंडे के साथ मस्जिद पर लगे झंडे के तस्वीर की तुलना की गई है.
कुल मिलाकर, सोशल मीडिया का दावा कि प्रयागराज की शाही मस्जिद मस्जिद को इसलिए गिराया गया क्योंकि उस पर पाकिस्तानी झंडा लगा था, झूठा है.
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