सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर एक इन्फ़ोग्राफ़िक शेयर किया जा रहा है जिसमें अंग्रेजी और उर्दू में लिखी कुछ पंक्तियों के साथ ‘ओरियो’ बिस्किट की तस्वीर है. टेक्स्ट में लिखा है कि ‘ओरियो’ बिस्किट ‘हराम’ हैं क्योंकि ये वसा और सूअर के दूध से बने होते हैं जैसा कि कंपनी द्वारा ऑफ़िशियल तौर पर बताया गया है. इस वायरल ग्राफ़िक में ‘ज़मजम रियल्टर्स’ नाम की एक कंपनी के बारे में भी जानकारी दी गई है. और बताया गया है कि ये कंपनी ही इस जानकारी के सोर्स हैं.

पूरे अंग्रेजी टेक्स्ट में लिखा है, “भगवान के लिए इसे शेयर करें. अपनी आंखें खोलें. कंपनी ने ऑफ़िशियल तौर पर घोषणा की है कि ओरियो बिस्किट मुसलमानों के लिए प्रतिबंधित है क्योंकि ये वसा और सुवर दूध से बना है. इसे शेयर करें ताकि आपके दोस्त भी जागरूक हो सकें.”

ऑल्ट न्यूज़ को इस खबर की सच्चाई वेरिफ़ाई करने के लिए व्हाट्सऐप हेल्पलाइन नंबर (+91 7600011160) पर कई रिक्वेस्ट मिली हैं.

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कुछ बदले हुए ग्राफ़िक के साथ ये दावा फ़ेसबुक पर भी व्यापक रूप से शेयर किया जा रहा है.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल ग्राफ़िक पर मौजूद कंपनी के नंबर पर कॉल करना शुरू किया. हालांकि, किसी ने कॉल नहीं उठाया. लेकिन हमें तुरंत SMS के माध्यम से ये कहते हुए प्रतिक्रिया मिली कि कंपनी को वायरल पोस्ट के बारे में पता नहीं था और किसी ने सोशल मीडिया पर जानकारी फ़ैलाने के लिए उनके नंबर, ईमेल और लोगो का इस्तेमाल किया था.

इसके बाद हमने ओरियो यूके की वेबसाइट पर FAQ पेज चेक किया. कंपनी के मुताबिक, “यूरोप में उत्पादित ओरियो बिस्किट हलाल प्रमाणित नहीं हैं. लेकिन इसकी बनावट या उत्पादन प्रक्रिया मुस्लिम आहार के लिए नाजायज नहीं है.” इसमें पांच ओरियो उत्पादों की लिस्ट भी दी गई है जिनमें इस्लामी आहार प्रतिबंधों का पालन नहीं किया गया है. ये हैं ‘ओरियो स्ट्रॉबेरी चीज़केक’, ‘ओरियो चोको ब्राउनी’, ‘ओरियो एनरोब्ड मिल्क एंड व्हाइट’, ‘ओरियो कैडबरी कोटेड’ और ‘ओरियो क्रंची बाइट्स’ डिप्ड.

2019 के ‘ओरियो’ के ऑफ़िशियल ट्विटर हैंडल से किए गए एक ट्वीट से भी पता चलता है कि ‘ओरियो’ बिस्किट उत्तरी अमेरिका और कनाडा में हलाल-प्रमाणित नहीं हैं.

इसका क्या मतलब है?

इससे पहले, भारतीय ब्रांडों को हलाल सर्टिफ़िकेशन देने वाला जमीयत उलमा हलाल फाउंडेशन (JUHF) में हलाल समन्वयक और शरिया ऑडिटर, वसीम अख्तर शेख, ने ऑल्ट न्यूज़ के साथ बातचीत में बताया, “हलाल एक अरबी शब्द है जिसका मतलब है ‘जायज़’. ये बहुत सी चीजों को संदर्भित कर सकता है, न कि सिर्फ उसको जो आपके खाने के लिए जायज है. इसका मतलब कुछ ऐसा भी हो सकता है जिसे आप पहन सकते हैं या जिसे पी सकते हैं, या ऐसी चीजें जिनकी आपको कहने की इजाजत है, आदि. हलाल के उलट ‘हराम’ शब्द है जिसका मतलब गैरकानूनी या नाजायज़ होता है.

बीबीसी ने हलाल भोजन को ऐसे भोजन के रूप में परिभाषित किया गया है जिनमें इस्लामी आहार मानकों का पालन किया जाता है. इसलिए, कुछ क्षेत्रों में ‘ओरियो’ बिस्किट हलाल-प्रमाणित नहीं होने के बावजूद, कंपनी ये कंफ़र्म करती है कि उत्पादन प्रक्रिया मुस्लिम आहार के लिए नाजायज नहीं है, सिवाय उन पांच उत्पादों के जिनका नाम उन्होंने दिया है.

ऑल्ट न्यूज़ ने इस मामले के बारे में और समझने के लिए उद्योग जगत के एक विशेषज्ञ से बातचीत की. प्रमुख कन्फ़ेक्शनरों के साथ काम कर चुके एक फ़ूड टेक्नोलॉजिस्ट ने हमें बताया कि बिस्किट जैसे बेकरी आइटम को 240-300 डिग्री सेल्सियस पर बेक किया जाता है, इसलिए उस प्रक्रिया में अल्कोहल के रहने की कोई संभावना नहीं है. इसके आलावा, यदि बिस्किट जैसे ‘ओरियो’ में ‘सूअर के मांस का दूध’ या ‘सूअर की चर्बी’ शामिल है, तो ये पैकेट पर उस हरे सिंबल को इंगित नहीं करेगा जिसके अनुसार खाद्य पदार्थ शाकाहारी है. उन्होंने कहा कि बिस्किट में पायसीकारी होता है जिसे पौधे या जानवरों से निकाला जा सकता है. लेकिन अगर ‘ओरियो’ में जानवरों का पायसीकारी होगा, तो इसमें हरे रंग का सिंबल नहीं होगा.

ऑल्ट न्यूज़ के एक सवाल के जवाब में, ‘ओरियो’ ब्रांड के मालिक, मोंडेलेज़ के एक प्रवक्ता ने कहा, “भारत में मोंडेलेज़ इंडिया फूड्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित सभी उत्पाद शाकाहारी मूल के हैं. रैपर पर हरे रंग के सिंबल से ये बात साबित होती है.”

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