एक महीने से चल रहे इज़राइल-गाज़ा युद्ध के बीच, गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वहां 9,700 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं जिनमें 4,800 बच्चे भी शामिल हैं. इस दौरान, इज़राइल सरकार और इज़राइल समर्थक टिप्पणीकारों ने कई मौकों पर गाज़ा में मौत और तबाही के दावों पर सवाल उठाया है. इससे पहले, 27 अक्टूबर को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि “फ़िलिस्तीनी जिस संख्या (मरने वालों की) का इस्तेमाल कर रहे हैं उस पर उन्हें कोई भरोसा नहीं है.” अगले दिन, गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय ने 212 पन्नों के एक डॉक्यूमेंटेशन के साथ जवाब दिया जिसमें 6,747 लोगों के नाम, उम्र, जेंडर और ऑफ़िशियल आइडेंटिफिकेशन नंबर थे. और इनके बारे में दावा किया गया कि ये 7 अक्टूबर से शुरू हुए युद्ध में गाज़ा में मरने वालों के आंकड़े हैं.

सोशल मीडिया पर, इज़रायल समर्थक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ने इस ‘पालीवुड’ कांसिपिरेसी थ्योरी को बढ़ावा दिया है – कि फ़िलिस्तीनी मौत का नाटक कर रहे हैं. ऐसे ही एक हालिया दावे में, इज़राइल के ऑफ़िशियल हैंडल ने CNN रिपोर्ट की एक क्लिप ट्वीट करते हुए ये दावा किया कि कफ़न में लिपटे शव को ‘अपना सिर हिलाते हुए’ देखा गया. वीडियो में सिर पर लाल घेरा लगाया गया है. ट्वीट में लिखा था, “रिमाइंडर: गाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय = हमास. शव अपना सिर नहीं हिला सकते.” (आर्काइव)

30 अक्टूबर तक, इस वीडियो को 40 लाख से ज़्यादा बार देखा गया और लगभग 8 हज़ार बार रीट्वीट किया गया. इसके बाद ये ट्वीट हटा दिया गया.

संयुक्त राज्य अमेरिका में इज़राइल दूतावास के ऑफ़िशियल X (ट्विटर) अकाउंट ने भी ये वीडियो ट्वीट करते हुए दावा किया कि हमास ने “दुनिया से झूठ बोलने के लिए फ़र्ज़ी न्यूज़ और प्रॉपगेंडा” का इस्तेमाल किया था. ट्वीट में लिखा था, “टेलीविज़न पर शोक मनाने के लिए एक्टर्स को बॉडी बैग में रखा जाता है, जैसा कि इस @CNN वीडियो क्लिप में देखा गया है, जहां एक बॉडी बैग ने चमत्कारिक ढंग से अपना सिर उठाया.” (आर्काइव)

पहले भी कई बार इस युद्ध से संबंधित फ़िलिस्तीन विरोधी ग़लत सूचनाएं शेयर करने वाले इज़रायली कार्यकर्ता, यूसुफ हद्दाद ने भी इस वीडियो को ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, “पालीवुड में आपका स्वागत है.” (आर्काइव)

ऑस्ट्रेलियाई इन्फ्लुएंसर और स्वयंभू ‘इमाम’ शांति के इमाम ने वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “गाज़ा में, लोग वापस ज़िंदा हो गए हैं. ये सच है. हमास ने चमत्कार को रिकॉर्ड किया.” (आर्काइव)

इज़राइल की ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद के एक पैरोडी हैंडल @TheMossadIL ने भी वीडियो ट्वीट किया. (आर्काइव)

भारतीय राईट विंग इन्फ्लुएंसर अरुण पुदुर ने भी वीडियो ट्वीट करते हुए व्यंग्यात्मक ढंग से इसके कैप्शन में लिखा, “ये मैंने अभी क्या देखा?” इसके बाद, उन्होंने इज़राइली हवाई हमले में मारे गए एक और बच्चे का वीडियो पोस्ट किया, जिसे इजरायली अधिकारियों और अन्य लोगों ने ग़लत तरीके से गुड़िया बताया था. उन्होंने इसे पोस्ट करते हुए पूछा, “इन दोनों में से किसे पालीवुड पुरस्कार मिलेगा?” ऑल्ट न्यूज़ ने इस ग़लत दावे की भी फ़ैक्ट-चेक की है. (आर्काइव)

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फ़ैक्ट-चेक

वायरल वीडियो में मुख्य रूप से कफ़न में ढके शवों के पास बैठी रोती हुई एक महिला दिखती है. इसके अलावा, ऐसे दो शव दिखाई दे रहे हैं. एक शव शायद वयस्क का है और दूसरा किसी बच्चे का. ये फ़ुटेज सबसे पहले CNN ने पब्लिश किया था जिसके बाद इज़रायली न्यूज़ आउटलेट N12 ने इस फुटेज को ज़ूम करके ये साबित करने की कोशिश की (लाल सर्कल लगाकर) कि शव हिल रहा था. वायरल वीडियो में N12 लोगो के साथ CNN का लोगो भी है.

ये सुनिश्चित करने के बाद कि वायरल वीडियो CNN से लिया गया था, हमने संबंधित CNN रिपोर्ट ढूंढी जिसमें वीडियो दिखाया गया था. हमने देखा कि असली रिपोर्ट में ‘हिलते हुए सिर’ को हाइलाइट या सर्कल नहीं किया गया था. नीचे CNN रिपोर्ट की स्क्रीन रिकॉर्डिंग है.

इस स्क्रीन रिकॉर्डिंग में वायरल वीडियो 38 सेकेंड से शुरू होता है. बुर्का पहनी महिला शवों के पास शोक मनाते दिख रही है जिसके बाद नीली टी-शर्ट में एक आदमी उसके पास बैठता है. वो एक मृत शव का कफ़न खोलता है. उसी वक्त शव के शीर्ष पर बंधी गांठ हिलती है जिससे ऐसा लगता है कि शव हिल रहा है.

हमें CNN रिपोर्ट में नीली टी-शर्ट वाले व्यक्ति द्वारा परिवारों को शवों को हटाने में मदद करने के कई उदाहरण भी मिले.

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हमने नोटिस किया कि वायरल फ़ुटेज को फ़िलिस्तीनी पत्रकार हसन एस्लेयेह ने 28 अक्टूबर को शूट किया था. हमने हसन एस्लेयेह से संपर्क किया जिन्होंने वायरल ‘फर्ज़ी शव’ के दावों को ग़लत बताया और हमारे साथ असली अनएडिटेड वीडियो शेयर किया. इसके अलावा, हसन ने हमें बताया कि वीडियो में दिख रही महिला अपने बेटे के खोने का शोक मना रही थी जिसका शव कफ़न में पड़ा था.

जैसा कि इस वीडियो से साफ है, नीली टी-शर्ट वाला व्यक्ति लाश के चेहरे को दिखाने के लिए कफ़न का एक हिस्सा हिलाता है जिसके ऊपर लगी गांठ हिल जाती है. इस विश्लेषण से ये साफ़ है कि सिर अपने-आप नहीं हिलता.

उन्होंने हमें वायरल फ़ुटेज से जुड़ी और तस्वीरें भी भेजीं जो 28 अक्टूबर को क्लिक की गयीं थीं.

उनकी दो तस्वीरों में एक ही आदमी और वही महिला मृतक के बगल में बैठे हैं. एक और तस्वीर में महिला तीन अन्य लोगों के साथ खड़ी है और उनके सामने तीन लाशें पड़ी हैं. एक तस्वीर में महिला अपने प्रियजन के खोने का दुःख मनाते हुए दिखती है.

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इसके अलावा, एक तस्वीर में एक दरवाज़ा दिखाई दे रहा है जिसके ऊपर एक बोर्ड लगा हुआ है, हालांकि बोर्ड पर लिखा टेक्स्ट समझ में नहीं आ रहा है.

हमने दरवाजे की एक बेहतर तस्वीर ढूंढने की कोशिश की ताकि बोर्ड को ठीक से पढ़ा जा सके. हमें bashartaleb12 का एक इंस्टाग्राम पोस्ट मिला जिसमें वही दरवाजा और बोर्ड है. बोर्ड पर अरबी में लिखा है, “فصيل وكفين الموى مجانا مفصلة شهداء الأقصى .” जिसका अनुवाद है, दफन और अंतिम संस्कार की मुफ़्त सेवा, अल-अक्सा शहीदों की धोने की सुविधा.” इससे ये पता चलता है कि वायरल वीडियो और ये तस्वीरें गाज़ा के अल-अक्सा अस्पताल में ली गई थीं. इसकी पुष्टि हसन एस्लेयेह ने भी की.

हमें एक और ट्वीट भी मिला जिसमें बताया गया है कि ये तस्वीरें गाज़ा के अल अक्सा अस्पताल में ली गई थीं.

कुल मिलाकर, ये साफ़ है कि इजरायली ऑफ़िशियल एकाउंट्स और इन्फ्लुएंसर हस्तियों का ये दावा साफ़ तौर पर ग़लत है कि वायरल वीडियो में कफ़न के नीचे वाले व्यक्ति ने अपना सिर हिलाया था और ये फ़िलिस्तीनियों द्वारा मौत का नाटक करने का एक उदाहरण है. फ़ैक्ट-चेकिंग संस्था बूमलाइव ने भी इस झूठे दावे का खंडन किया है. हमने CNN से उनके बयान के लिए संपर्क किया है और उनके जवाब देने के बाद आर्टिकल को अपडेट किया जाएगा.

हमने पहले भी बताया गया है कि ऐसी तस्वीरों/वीडियो को इज़राइल, इज़राइल समर्थक इन्फ्लुएंसर और सोशल मीडिया यूज़र्स द्वारा युद्ध में मौत को लेकर फ़िलिस्तीन के दावों पर सवाल उठाने की कोशिश के रूप में देखा जा सकता है. इज़राइल राज्य और उसके संबंधित कार्यालयों के ऑफ़िशियल X हैंडल को पहले गाज़ा के एक मृत 4 साल के बच्चे के फ़ुटेज को ‘गुड़िया’ के रूप में शेयर करने की कोशिश करते हुए पाया गया था. अभी हाल ही में इज़राइल ने वेस्ट बैंक में एक शरणार्थी शिविर पर जुलाई में अपनी सेना के हमले में ज़िंदा बचे एक व्यक्ति को ‘एक्टर’ कहकर उसका मज़ाक उड़ाया था. एक अन्य उदाहरण में इज़राइल समर्थक यूज़र्स द्वारा थाईलैंड की एक हेलोवीन तस्वीर का इस्तेमाल ये दावा करने के लिए किया गया था कि ये गाज़ा का एक ‘फ़र्ज़ी युद्ध पीड़ित’ था जो मरने का नाटक कर रहा था. एक और संबंधित स्टोरी यहां देखी जा सकती है.

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