इस आर्टिकल में बच्चों की पहचान उजागर नहीं करने की वजह से असली ट्वीट का नहीं, बल्कि सिर्फ स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल किया गया है.
सोशल मीडिया पर तीन तस्वीरों का एक कोलाज वायरल है जिसमें मलबे में फंसी एक लड़की को तीन अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा बचाया जा रहा है. पहली तस्वीर में युवा लड़की को सफेद हेलमेट पहने एक आदमी ले जा रहा है, दूसरी तस्वीर में उसे पीले रंग की टी-शर्ट पहने एक आदमी ने पकड़ रखा है और तीसरी तस्वीर में हरे रंग की चेक शर्ट और चश्मा पहने एक आदमी ने उसे पकड़ रखा है. कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने अप्रत्यक्ष रूप से ये दावा करते हुए तस्वीरें शेयर की कि एक फ़िलिस्तीनी लड़की और तीन बचावकर्मियों का नाटक करने वाले इन एक्टर्स को पैसे दिए गए थे जैसा कि देखा जा सकता है एक ही लड़की को तीन अलग-अलग व्यक्तियों द्वारा तीन बार बचाया नहीं जा सका.
हालांकि, ये पूरी तरह से दिखाई नहीं दे रहा है, लेकिन फिर भी ये साफ़ है कि पहली तस्वीर में बचावकर्मियों ने दो बच्चों को गोद में लिया है.
X (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर एक वेरिफ़ाईड हैंडल ‘स्क्विंट नियॉन’ ने ये कोलाज इस कैप्शन के साथ ट्वीट किया, “इस फ़िलिस्तीनी लड़की को 3 अलग-अलग दिनों में 3 अलग-अलग जगहों से 3 अलग-अलग लोगों द्वारा बचाया गया है और सभी जगह एक दूसरे से 50 कि०मी० दूर हैं. आश्चर्य है कि ये विशेष रूप से संघर्ष क्षेत्र में इतनी दूर यात्रा क्यों करती रहती है?” आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 2,37,400 से ज़्यादा बार देखा गया. साथ ही इसे 10 हज़ार लाइक्स और 3,700 रीट्वीट मिले हैं. (आर्काइव लिंक)
वेरिफ़ाईड X यूज़र ‘एमिनेंट वोक’ ने भी ये कोलाज ट्वीट करते हुए कहा, “सर्वशक्तिमान अल्लाह महान है इस लड़की को तीन अलग-अलग जगहों से तीन अलग-अलग लोगों ने बचाया. मारने वाले से बचाने वाला बड़ा है आमीन.” आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 12,600 से ज़्यादा बार देखा, और 823 बार लाइक और 347 रीट्वीट किए गया है. (आर्काइव)
एक और वेरिफ़ाईड X यूज़र, हम लोग वी द पीपल ने इस मोंटाज को इस कैप्शन के साथ ट्वीट किया, “इस फ़िलिस्तीनी लड़की को 3 अलग-अलग स्थानों से 3 अलग-अलग लोगों ने 3 अलग-अलग दिनों में बचाया और सभी स्थान एक दूसरे से 50 किमी दूर हैं। आश्चर्य है कि वह विशेष रूप से संघर्ष क्षेत्र में इतनी दूर यात्रा क्यों करती रहती है?” ये फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट लिखे जाने तक इस ट्वीट को 8,145 से ज़्यादा बार देखा गया, साथ ही इसे 728 लाइक्स और 531 रीट्वीट मिले. (आर्काइव)
X पर कई वेरिफ़ाईड एकाउंट्स ने इस दावे को आगे बढ़ाने का काम किया हैं. इस लिस्ट में वर्ल्ड ऑफ़ रैंकिंग (@RankingRevolve), नकबा (@VictorNakba), सनातनी (@sanatani_kiran), יבגני זרובינסקי (@ivgiz) शामिल हैं. (आर्काइव्स: लिंक 1, लिंक 2, लिंक 3, लिंक 4). ये पोस्ट फ़ेसबुक पर भी वायरल है.
सबसे पहले हमने तीनों तस्वीरों को गूगल पर अलग-अलग रिवर्स सर्च किया. हमें कई मीडिया आउटलेट्स की 2016 की रिपोर्ट्स मिलीं जिनमें वायरल कोलाज में इस्तेमाल की गई तस्वीरें थीं. ये तीनों तस्वीरें 2016 की उस घटना की हैं जब सीरिया के अलेप्पो में एक अंतिम संस्कार सभा में विस्फ़ोट हुआ था.
पहली तस्वीर:
द सन की 2016 की एक रिपोर्ट, में पहली तस्वीर दिखाई गई थी. रिपोर्ट के टाइटल का हिंदी अनुवाद है, ‘असद समर्थक हेलिकॉप्टरों ने सीरियाई वेक पर क्रूर बैरल बम गिराए, जो अलेप्पो में मारे गए बच्चों के लिए आयोजित किया गया था.’ इसमें सफेद हेलमेट पहने एक व्यक्ति ने एक बच्ची को पकड़ा है. तस्वीर के साथ कैप्शन दिया गया, ”बचावकर्ता विनाशकारी हमले के बाद ढही हुई इमारत से बच्चों को ले जाते हुए. क्रेडिट: गेटी इमेजेज.”
रिपोर्ट में कहा गया है, ”असद समर्थक पायलटों ने उस जगह के पास क्रूर बैरल बम गिराए हैं जहां इससे पहले के हमले में मारे गए ग्यारह बच्चों के परिवार शोक मना रहे थे. उत्तरी सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे वाले अलेप्पो के एक हिस्से पर हुए हमले में कम से कम 15 नागरिक मारे गए.”
द वाशिंगटन पोस्ट की 2016 की एक और रिपोर्ट के टाइटल का हिंदी अनुवाद है, “पूर्वी अलेप्पो में अंतिम संस्कार वाली जगह पर हुआ हवाई हमला.” इस रिपोर्ट में सफेद हेलमेट पहने एक लड़की और एक आदमी की तस्वीर थी जिसका कैप्शन था, ‘सीरियाई नागरिकों और एक बचावकर्मी ने पूर्वी अलेप्पो में कथित तौर पर 27 अगस्त को सरकारी विमान द्वारा बैरल बम गिराए जाने के बाद बच्चों को निकाला (अमीर अलहलबी/AFP/गेटी इमेजेज़). तस्वीर में देखा जा सकता है कि बचावकर्मी उस बच्ची को दूसरे आदमी को सौंप रहा है, और वो व्यक्ति अपने दाहिने हाथ से एक बच्चे को भी ले जा रहा है.
वाशिंगटन पोस्ट द्वारा इस्तेमाल की गई तस्वीर और वायरल तस्वीरों में से दो तस्वीरों को कम्पेर करने पर पता चलता है कि वायरल कोलाज की पहली तस्वीर में सफेद हेलमेट वाला बचावकर्ता वही आदमी है जो बच्ची को उस व्यक्ति को सौंप रहा है, और वायरल कोलाज की तीसरी तस्वीर में वही व्यक्ति है जिसे सफेद हेलमेट वाले बचावकर्ता को बच्ची सौपीं थी.
कुल मिलाकर, द सन और द वाशिंगटन पोस्ट में इस्तेमाल की गई तस्वीरों से साफ तौर पर एक क्रोनोलॉजी साबित होती है. सफेद हेलमेट पहने बचावकर्ता ने शुरूआत में अपनी गोद में दो बच्चे लिए थे. बाद में उसने लड़की को हरे रंग की चेक शर्ट पहने चश्मे वाले आदमी को सौंप दिया.
दूसरी तस्वीर:
NBC न्यूज़ की 2016 की एक रिपोर्ट में दूसरी तस्वीर है जिसमें पीली टी-शर्ट पहने एक व्यक्ति ने बच्ची को पकड़ा है. तस्वीर को इस कैप्शन के साथ दिखाया गया है, “शनिवार की बमबारी के बाद पूर्वी अलेप्पो में एक सीरियाई व्यक्ति एक घायल बच्चे को ले जा रहा है. अमीर अलहलबी / AFP – गेटी इमेजेज.”
तीसरी तस्वीर:
इसी घटना की एक और रिपोर्ट AOI ने पब्लिश की थी. इसमें वायरल कोलाज में तीसरी तस्वीर दिखाई गई है. तस्वीर के कैप्शन का हिंदी अनुवाद है, “सीरिया-संघर्ष, फोटो क्रेडिट: गेटी.”
उपर्युक्त मीडिया आउटलेट्स द्वारा बताए गए सोर्स को ध्यान में रखते हुए, हमने गेटी इमेजीज़ पर तीन तस्वीरों की तलाश की जिससे हमें ये मालूम हुआ कि तस्वीरों को 2016 में सीरिया के अलेप्पो में फ़ोटो-जर्नलिस्ट अमीर अलहलबी ने क्लिक किया था. (तस्वीरें: लिंक 1, लिंक 2, लिंक 3)
जब ऑल्ट न्यूज़ ने अमीर अलहलबी से कॉन्टेक्ट किया, तो उन्होंने हमारे साथ एक AFP वीडियो शेयर किया जहां उन्होंने बताया, “पहली बमबारी हुई और पांच मिनट बाद दूसरी बमबारी हुई. और ऐसी स्थिति में मैं तस्वीरें ले रहा था, एक से ज़्यादा इमारतें हैं जो पूरी तरह से नष्ट हो गई हैं. ऐसे कई लोग हैं जो पीड़ितों को बाहर निकालने में व्हाइट हेलमेट्स की मदद लेते हैं और कभी-कभी ये बहुत मुश्किल होता है. इन घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए गाडियां आती है, लेकिन उन्हें लेने के लिए वो पूरे रास्ते नहीं जा सकतीं. तो, ऐसे कई लोग होते हैं जो बच्चे को गाड़ी तक ले जाने के लिए किसी को सौंप देंगे, और फिर वो अगले व्यक्ति को बच्चा सौंप देंगे. असल में ये जितना हो सके मदद करने का सबसे तेज़ तरीका है.” व्हाइट हेलमेट सीरिया में एक मानवतावादी संगठन है.
ऑल्ट न्यूज़ ने ये भी नोटिस किया कि ये फ़ोटो कोलाज पहले भी कई झूठे दावों के साथ वायरल हुआ था.
कुल मिलाकर, मलबे से घिरी एक लड़की को तीन अलग-अलग लोगों द्वारा बचाए जाने का कोलाज फ़िलीस्तीनियों द्वारा जनता को धोखा देने का कोई नाटक नहीं है. हमारे फ़ैक्ट-चेक से पता चला कि तीनों तस्वीरें 27 अगस्त 2016 को सीरिया के पूर्वी अलेप्पो में एक के बाद एक ली गईं थीं. बचाव कार्य को जल्दी करने के लिए एक ही लड़की को एक आदमी से दूसरे आदमी के पास जाते हुए दिखाया गया है.
रिडर्स ध्यान दें कि ऐसी तस्वीरों के प्रचार को इज़रायल समर्थक प्रभावशाली लोगों और सोशल मीडिया यूज़र्स द्वारा फ़िलिस्तीन के मौत के दावों पर सवाल उठाने की कोशिश के रूप में देखा जा सकता है. इज़राइल राज्य और उसके संबंधित कार्यालयों के ऑफ़िशियल X हैंडल को पहले गाज़ा के एक 4 साल के मृत बच्चे के फ़ुटेज को ‘गुड़िया’ यानी खिलौने के रूप में शेयर करने की कोशिश करते हुए पाया गया था. अभी हाल ही में इज़राइल ने वेस्ट बैंक में एक शरणार्थी शिविर पर जुलाई में अपनी सेना द्वारा किए गए हमले में ज़िंदा बचे एक व्यक्ति को ‘एक्टर’ कहकर उसका मज़ाक उड़ाया था. एक और उदाहरण में इज़राइल समर्थक यूज़र्स द्वारा थाईलैंड के हेलोवीन की तस्वीर का इस्तेमाल ये दावा करने के लिए किया गया था कि ये गाज़ा का एक ‘फर्ज़ी युद्ध पीड़ित’ था जो मरने का नाटक कर रहा था.
अबीरा दास ऑल्ट न्यूज़ में इंटर्न हैं.
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