सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है जिसमें गीले कपड़े पहनी एक महिला झाड़ियों से रेंगती हुई बाहर निकलने की कोशिश करती दिख रही है. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ये एक हिंदू महिला है बांग्लादेश में जिसके साथ रेप और उत्पीड़न हुआ.

वीडियो में महिला के चारों ओर खड़ी भीड़ उस पर टॉर्च की रोशनी डालती है और उसे बाहर आने के लिए कहती है. अन्य लोग उसे आश्वस्त करते हैं कि उसे पीटा नहीं जाएगा. वीडियो शेयर करने वालों का दावा है कि किसी ने भी उस पीड़ित महिला की मदद नहीं की, जिसका “चरमपंथियों” द्वारा मज़ाक उड़ाया जा रहा था. ये घटना कथित तौर पर बांग्लादेश के नारायणगंज की बताई जा रही है.

पड़ोसी देश पिछले कुछ समय से सांप्रदायिक तनाव से जूझ रहा है.

इस वीडियो को फ़राज़ परवेज (@FarazPervaiz3) ने 27 दिसंबर, 2024 को X (पूर्व में ट्विटर) पर इस कैप्शन के साथ शेयर किया कि नारायणगंज के अराईहाज़र गांव में एक हिंदू महिला के साथ ‘क्रूरतापूर्वक बलात्कार’ किया गया और मुसलमानों ने उसका मज़ाक उड़ाया.

इस पोस्ट को लगभग 44 हज़ार बार देखा गया.

इस दावे को X अकाउंट रिंटी चटर्जी पांडे (@mainRiniti) ने और आगे बढ़ाया. उसने आसिफुर रहमान चौधरी की पोस्ट शेयर की और लिखा, “एक बांग्लादेशी हिंदू महिला के साथ कई लोग बलात्कार करते हैं और फिर उसका वीडियो बनाया जा रहा है. बचाने एक आदमी तक नहीं आया, और हमारी सरकार बांग्लादेशी कुत्तों का पेट भरने के लिए चावल भेज रही है हद है.”

इस पोस्ट को करीब 1.5 मिलियन बार देखा गया.

एक अन्य X यूज़र, आसिफुर रहमान चौधरी (@Asifurrahman71) ने भी इसी तरह के दावे और हैशटैग #SaveBangladeshiHindu के साथ वीडियो शेयर किया. इस पोस्ट को करीब 206,000 बार देखा गया.

कई अन्य लोगों ने भी इसी तरह के दावे किए हैं. आप उन्हें नीचे दी गई गैलरी में देख सकते हैं.

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फ़ैक्ट-चेक

की-वर्डस सर्च करने पर हमें बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट सोमॉय न्यूज़ की वक रिपोर्ट मिली. 27 दिसंबर, 2024 को पब्लिश इस रिपोर्ट में वायरल वीडियो के विजुअल्स की तरह दिखने वाली एक तस्वीर है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, सात या आठ लोगों का एक ग्रुप नारायणगंज के अराइहाजार के काहिंदी गांव में इलुमदी रोड से एक कार चुराने की कोशिश कर रहा था. वहां के निवासियों को जल्द ही एहसास हो गया कि क्या हो रहा है. लुटेरों ने भागने की कोशिश की और लोगों ने उनका का पीछा करना शुरू कर दिया. लुटेरों में से एक, बिलाल को भीड़ ने पकड़ लिया और पीट-पीटकर उसकी हत्या कर दी. भीड़ ने बिलाल की एक कथित सहयोगी, लवली नामक एक महिला को भी देखा. खुद को बचाने के लिए, ये महिला कथित तौर पर एक नहर में कूद गई. रिपोर्ट में एक तस्वीर में उसकी पहचान की गई है, जिससे ये साफ होता है कि ये वही महिला है जो वायरल वीडियो में दिखाई दे रही है.

ग्रामीणों ने उसे बचाया और पुलिस के हवाले कर दिया. इसके बाद उसे अराइहाजर उपजिला स्वास्थ्य परिसर भेजा गया. 

घटना की पुष्टि करते हुए अराइहाजर पुलिस के सहायक अधीक्षक मेहेदी इस्लाम ने सोमॉय न्यूज़ को बताया कि मृतक लुटेरा बिलाल एक कुख्यात अपराधी था, जिसके खिलाफ कम से कम नौ मामले लंबित थे. उसे पहले भी हत्या और डकैती के मामलों में नामजद किया गया था. पुलिस ने कहा कि महिला लवली को गिरफ़्तार कर लिया गया है और वे उसके खिलाफ मामला दर्ज करने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 25 साल की महिला को भी भीड़ ने पीटा था. ढाका स्थित न्यूज़ आउटलेट प्रथोम एलो ने रिपोर्ट किया कि शुरुआती जांच के दौरान लवली ने भागने वाले लुटेरों के गिरोह से जुड़े होने की बात स्वीकार की, लेकिन बाद में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया. उसने दावा किया कि वो एक सेक्स वर्कर थी और घटना के समय इलाके में एक ग्राहक के साथ थी. कथित तौर पर, लोगों के चिल्लाने से डरकर उसने भागने की कोशिश की, लेकिन लोगों ने उसे पकड़ लिया और पीटा, क्योंकि लोगों को ये शक था कि वो लुटेरों के गिरोह के साथ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके बाद वो भागने के लिए नहर में कूद गई.

हमारी जांच के दौरान हमें स्थानीय न्यूज़ पोर्टल, अराइहाजर टाइम्स के फ़ेसबुक पेज पर 27 दिसंबर, 2024 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला. कैप्शन में महिला का नाम लवली बेगम बताया गया है. इसमें उसे ये कहते हुए सुना जा सकता है कि ऑटो-रिक्शा में यात्रा करते समय लुटेरों ने उस पर हमला किया. उन्होंने उसे बंधक बना लिया और स्थानीय निवासियों को सूचित किया, जबकि ऑटो चालक भाग गया. इस वजह से लुटेरे की भी हत्या कर दी गई और लवली को भी संदिग्ध मानकर पीटा गया.

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ভিডিও ধারণ: কাউসার আহাম্মেদ।

Posted by আড়াইহাজার টাইমস on Friday 27 December 2024

ऑल्ट न्यूज़ ने एक बांग्लादेशी पत्रकार से बात की जिन्होंने बताया कि इस वीडियो में दिख रही महिला का नाम लवली है और वो हिंदू नहीं है. न ही उसके साथ बलात्कार हुआ था. वो गुस्साए ग्रामीणों द्वारा पीटे जाने से बचने के लिए नहर में कूद गई जिन्होंने मान लिया कि वो लूट में शामिल थी.

कुल मिलाकर, वायरल वीडियो को ग़लत तरीके से सांप्रदायिक ऐंगल दिया गया है. क्लिप में दिख रही महिला हिंदू नहीं है. उसका नाम लवली बेगम है और वो मुस्लिम समुदाय से है. वो ग्रामीणों द्वारा पीटे जाने से बचने के लिए नहर में कूद गई थी जिन्होंने ये समझ लिया था कि वो भी लूटेरों में शामिल थी.

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