WION न्यूज़ की एक क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें बताया गया है कि यूनाइटेड स्टेट्स और यूनाइटेड किंगडम समेत 18 देश नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना वायरस से निपटने के लिए एक टास्क फ़ोर्स बनाना चाहते हैं. नीचे महाराष्ट्र के BJP जनरल सेक्रेटरी अतुल भटकलकर का एक ट्वीट है –
18 nations including USA and UK wants @narendramodi
as leader for TASK FORCE for CORONA..what a proud moment for INDIA.. Let’s support our Great leader and We will definitely
win the war against Corona. 🙏 pic.twitter.com/V1zY4IhkBf— Atul Bhatkhalkar (@BhatkhalkarA) April 1, 2020
रजत सेठी, जो कि मणिपुर मुख्यमंत्री के सलाहकार हैं, उन्होंने एक कदम आगे जाकर लिख दिया – “दुनिया के नेता, ट्रम्प, बोरिस जॉनसन, स्कॉट मॉरिसन वगैरह चाहते हैं कि हमारे प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में प्रास हों.”
Under PM @narendramodi, India takes global centerstage in setting up an international task force to coordinate efforts to contain Covid-19 pandemic worldwide. World leaders Trump, Boris Johnson, Scott Morrison etc want our PM Modi to lead the efforts! This is true statesmanship. pic.twitter.com/m5FjBaxxyQ
— Rajat Sethi (@RajatSethi86) March 29, 2020
ये क्लिप फ़ेसबुक और ट्विटर पर काफ़ी वायरल है. ऑल्ट न्यूज़ को अपनी आधिकारिक एंड्रॉइड ऐप पर इसकी सच्चाई जानने की कई रीक्वेस्ट्स मिली हैं.
झूठा दावा
जिस क्लिप की बात की जा रही है वो WION के 15 मार्च 2020 को दिखाए गए एक शो का एक हिस्सा है जिसका नाम था – “दुनिया के शीर्ष नेतृत्वों ने प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की, ऑस्ट्रेलिया ने मोदी के G20 लिंक-अप का स्वागत किया” (अंग्रेज़ी में – “World leaders laud PM Modi’s initiative, Australia welcomes PM Modi’s calls for G20 linkup as well.”)
इस शो में एंकर कहीं भी ये नहीं कहती हैं कि प्रधानमंत्री मोदी को यूनाइटेड स्टेट्स, यूनाइटेड किंगडम और 18 अन्य देशों ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए एक टास्क फ़ोर्स के नेतृत्व के लिए चुना है. बल्कि वो बताती हैं कि भारत एक ऐसी ताकत के रूप में “उभरा” है जो कि इस टास्क फ़ोर्स को एक दिशा दे सकता है क्यूंकि प्रधानमंत्री मोदी ने इस महामारी की रोकथाम के लिए कई देशों से मिलकर एक जॉइंट एक्शन प्लान बनाने की बात रखी थी. एंकर ने कहा, “सभी SAARC देशों ने भारत के इस दांव का स्वागत किया और कहा कि वो इस भयानक बीमारी से निपटने के लिए नयी दिल्ली से लगातार संपर्क में रहेंगे.” यहां इन देशों की बात हो रही है – इंडिया, अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव्स, नेपाल, पाकिस्तान, श्री लंका.
जहां तक दुनिया के बाकी देशों की बात है, एंकर ने ये कहा, “सिर्फ़ साउथ एशिया ही नहीं बल्कि बाकी देशों के नेताओं ने भी नरेंद्र मोदी की तारीफ़ की. इनमें सबसे पहले थे ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन जिन्होंने मोदी के साथ अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की बात की. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने प्रधानमंत्री मोदी की G20 देशों को एकजुट करने के लिए तारीफ़ की .” ये बात ध्यान में रखी जाए कि इस पूरे शो में कहीं भी यूनाइटेड स्टेट्स की कोई भी बात नहीं हुई.
ये कहा जा सकता है कि पूरी रिपोर्ट अतिश्योक्तियों से चंद कदम ही दूर थी लेकिन फिर भी पूरे दौरान एंकर ने एक दफ़ा भी प्रधानमंत्री को COVID-19 की समस्या से निपटने वाली टास्क फ़ोर्स के नेता चुने जाने संबंधी कोई बात नहीं कही. उन्होंने बस प्रधानमंत्री की दूसरे अंतर्राष्ट्रीय नेताओं से क्या बात हुई, इस बारे में बताया.
WION एक भारतीय न्यूज़ चैनल है जो कि वैश्विक ख़बरों में डील करता है. ज़ी मीडिया का इसपर मालिकाना हक़ है. इसके एडिटर-इन-चीफ़ सुधीर चौधरी हैं जो कि ज़ी न्यूज़ के भी एडिटोरियल हेड हैं.
भारत ने वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस से निपटने के लिए कौन से कदम उठाये हैं?
13 मार्च को प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा था, “मैं SAARCदेशों के नेतृत्व से ये अपील करता हूं कि वो सभी मिलकर कोरोना वायरस से निपटने के लिए एक रणनीति का खाका तैयार करेंगे.”
I would like to propose that the leadership of SAARC nations chalk out a strong strategy to fight Coronavirus.
We could discuss, via video conferencing, ways to keep our citizens healthy.
Together, we can set an example to the world, and contribute to a healthier planet.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 13, 2020
SAARC देशों की सबसे पहली वीडियो कांफ्रेंस 15 मार्च को हुई जहां प्रधानमंत्री मोदी ने SAARC COVID-19फंड के लिए 10 मिलियन डॉलर की मदद की थी. श्री लंका ने 5 मिलियन डॉलर और बांग्लादेश ने 1.5 मिलियन डॉलर की घोषणा की थी. इन सभी देशों में पाकिस्तान एकमात्र ऐसा देश है जिसने अभी तक कोई भी मदद नहीं की है. पाकिस्तान ने ये मांग की है कि सारा फंड साउथ एशिया समूह के जनरल सेक्रेटरी के पास जमा हो.
WION ने आगे G20के बारे में बाद करते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मॉरिसन ने G20 को एकजुट करने के मोदी के प्रयासों की तारीफ़ की. चैनल ने मॉरिसन के बयान को भी दिखाया जहां उन्होंने मोदी की प्रशंसा की लेकिन कहा कि ये मामला साउदी गवर्नमेंट पर छोड़ा जाता है जो कि इस साल G20 की मुखिया है. G20 की वर्चुअल समिट 26 मार्च को हुई थी जिसके अध्यक्ष सऊदी अरब के राजा थे. इसमें मेंबर देशों के नेताओं ने भाग लिया था जिसमें मोदी भी शामिल थे. G20देशों ने 5 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य बनाया जिससे वो इस समस्या से उपजने वाली सामाजिक और आर्थिक समस्याओं से निपट सकेंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने न ही इस ग्रुप की अध्यक्षता की और न ही अलग से किसी भी आर्थिक मदद की बात कही.
यूनाइटेड किंगडम ने भारत के किसी टास्क फ़ोर्स को लीड करने की भी कोई बात नहीं कही है. मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने टेलिफ़ोन पर 12 मार्च को बात की. PMO से जारी की गयी प्रेस रिलीज़ के मुताबिक़ दोनों नेताओं ने पर्यावरण में बदलाव पर भारत-यूके के साझा प्रयासों के बारे में और COVID-19 पर अपने-अपने विचार रखे. भारत यूनाइटेड स्टेट्स से लगातार बात-चीत करते हुए इस मसले से निपटने के रास्ते तलाश रहा है. हालांकि इन दोनों देशों की जॉइंट टास्कफ़ोर्स के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है.
इसलिये ऐसा कहा जा सकता है कि WION का ये ब्रॉडकास्ट ग़लत दावे के साथ फैलाया जा रहा है. यूनाइटेड स्टेट्स, यूनाइटेड किंगडम और 18 देशों ने कोरोना वायरस से जुड़ी किसी टास्कफ़ोर्स की अगुवाई करने को नहीं कहा है. ऐसा कोई भी प्रपोज़ल भी सामने नहीं आया है. इस चैनल की अतिश्योक्ति से भरी रिपोर्टिंग पर भी सवाल उठाने चाहिए जो कि वैश्विक स्तर पर एक मुसीबत से निपटने के दौरान भारत की स्थिति को ग़लत दर्शा रहा है.
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.