एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें CM योगी आदित्यनाथ शिष्टाचार के बारे में बात कर रहे हैं. यूपी विधानसभा चुनाव में मतगणना से एक हफ्ते पहले फ़ेसबुक पेज ‘सुजाता पॉल – इंडिया फर्स्ट’ पर ये वीडियो पोस्ट किया गया था जिसे आर्टिकल लिखे जाने तक 20 लाख से ज़्यादा बार देखा जा चुका है. सुजाता पॉल कांग्रेस उत्तराखंड की प्रवक्ता हैं. ये वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर किया जा है कि राज्य सरकार के अधिकारियों ने विधानसभा चुनाव परिणामों की घोषणा से कुछ दिन पहले ही सीएम आदित्यनाथ का कॉल उठाना बंद कर दिया है.

इस वीडियो में CM ये कह रहे हैं, “ये ग़लत बात है. एक सामान्य शिष्टाचार भी होता है कि जब कोई फ़ोन करे तो हम उसको कॉल बैक करें, या तो फोन रिसीव करें, व्यस्त रहें तो कॉल बैक करके उनको अवगत कराएं.” कई ट्विटर यूज़र्स ने ये वीडियो ट्वीट किया है जिनमें @punam_pand और @dinesh_chauhan शामिल हैं. आर्टिकल लिखे जाने तक इन दो अकाउंट्स से इस वीडियो क्लिप को 35 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया है.

इसी तरह कई फ़ेसबुक यूज़र्स ने भी ये क्लिप पोस्ट की है.

फ़ैक्ट-चेक

हमने नोटिस किया कि वायरल वीडियो में ‘R9’ का लोगो है. यूट्यूब पर की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें R9 न्यूज़ का ब्रॉडकास्ट मिला. इसमें वायरल क्लिप वाला हिस्सा दिखता है.

R9 न्यूज़ ने इस प्रसारण को सितंबर 2020 में अपलोड किया था. वायरल सेगमेंट को 1 मिनट 14 सेकेंड से सुना जा सकता है. हालांकि, सीएम के बयान की शुरुआत 40 सेकंड के आसपास से होती है. वे कहते हैं, “देखिए.. देखिए ये बहुत गंभीर बात है जो कानपुर से बात सामने आई है. और एक दो जगह से अन्य बात सामने आई है कि माननीय विधायक या माननीय सांसद की फोन को सीएमओ या किसी अधिकारी के द्वारा रिसीव नहीं किया जाता है. मंडलायुक्त कानपुर इसको नोट करेंगे और संबंधित सीएमओ से एक बार माननीय विधान परिषद सदस्य अरुण पाठक जी को, माननीय विधायक अजीत सांगा जी को फ़ोन करेंगे और वे माफी मांगे इस बात को लेकर के और इस प्रकार की चीजें अक्षम्य होंगी कि जनप्रतिनिधिगण फ़ोन करें और कोई फ़ोन रिसीव ना करें. ये गलत बात है. एक सामान्य शिष्टाचार भी होता है कि कोई हमें फ़ोन करें तो हम उसको कॉल बैक करें, या तो रिसीव करें, व्यस्त है तो उनको कॉल बैक करके उनको अवगत कराएं.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने सांसद अरुण पाठक और विधायक अजीत सांगा का फ़ोन नहीं उठाने पर मुख्यमंत्री कार्यालय में अधिकारियों का संज्ञान लिया था. इसमें सीएम के खुद के कॉल की अनदेखी करने वाले अधिकारी शामिल नहीं हैं. यूपी चुनाव के संदर्भ में उनके बयान को ग़लत तरीके से पेश किया जा रहा है.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.