यूक्रेन पर रूस के हमले के कारण कई भारतीय छात्र यूक्रेन के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए थे. हालांकि, कई छात्र वापस लौटने में कामयाब हुए हैं. वहीं कई छात्र इस भीषण लड़ाई की वज़ह से पड़ोसी देश की सीमा पार कर पाए हैं. विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा था कि वो यूक्रेन के सूमी में भारतीय छात्रों को लेकर बहुत चिंतित है. लेकिन पिसोचिन से सभी छात्रों को निकाल लिया गया है. रिपोर्ट के अनुसार सूमी से सभी छात्रों को सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया गया है.
4 मार्च को द हिंदू के बिजनेस लाइन से जुड़े डेटा पत्रकार पार्वती बेनू ने ट्वीट किया कि तमिलनाडु सरकार ने पिसोचिन से छात्रों को निकालने के लिए ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था की. सरकार ने 35 छात्रों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए राशि का भुगतान किया.
पार्वती बेनू छात्रों की परेशानी के बारे में लगातार ट्वीट कर रही थीं. 3 मार्च को डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने छात्रों का कॉन्टेक्ट डिटेल मांगा और अगले दिन एक बस की व्यवस्था की गई.
That’s them headed home 🙂 pic.twitter.com/jB5BSzyS5U
— Parvathi Bindu Benu (@ParBen24) March 4, 2022
इस बीच एक और दावा किया गया कि ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत केंद्र सरकार की कोशिशों से छात्रों को निकाल लिया गया था. TV9 के कार्यकारी संपादक आदित्य राज कौल ने ट्वीट किया कि तमिलनाडु सरकार का छात्रों की निकासी से कोई लेना-देना नहीं है.
TN Government has nothing to do directly with the evacuation of Indians in Ukraine. These buses were arranged by MEA under @opganga. https://t.co/KmRladRagd
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) March 5, 2022
सूचना और प्रसारण मंत्रालय की वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता ने पार्वती बेनू पर ‘फर्ज़ी खबर’ फैलाने का आरोप लगाया.
This @businessline ‘journalist’ is brazenly propagating #FakeNews in fraught times.
The buses were arranged by MEA and local mission at Government of India expense.
Well, as is said, @the_hindu stable lives up to expectations. @MaliniP I will leave this to you. pic.twitter.com/AwGB45oA14— Kanchan Gupta 🇮🇳 (@KanchanGupta) March 5, 2022
प्रो-बीजेपी प्रोपेगैंडा आउटलेट्स ऑपइंडिया और द फ्रस्ट्रेटेड इंडियन ने द हिंदू को टारगेट करते हुए रिपोर्ट पब्लिश की.
Journalist with The Hindu peddles misinformation on evacuation of stranded nationals from Ukraine, gets caught for pushing pro-DMK propagandahttps://t.co/rzq1P9uiO5
— OpIndia.com (@OpIndia_com) March 5, 2022
मलयालम आउटलेट ईस्ट कोस्ट डेली ने भी पार्वती बेनू पर ‘फर्ज़ी खबर’ फैलाने का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट पब्लिश की.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने DMK की NRI विंग के स्टेट डिप्टी सेकेरिट्री डॉ याज़िनी पीएम से बात की. उन्होंने बताया कि तमिलनाडु सरकार ने 35 छात्रों को पिसोचिन से रोमानियाई सीमा तक ले जाने के लिए राशि का भुगतान किया था. उन्होंने कहा, “मैं छात्रों के संपर्क में थी. वे बसों में नहीं चढ़ पा रहे थे. क्योंकि उनसे प्रति व्यक्ति 500 डॉलर का किराया लिया जा रहा था.”
डॉ याज़िनी ने आगे बताया कि तमिलनाडु सरकार ने विनितसिया नेशनल पिरोगोव मेडिकल यूनिवर्सिटी के पूर्व मेडिकल छात्र डॉ AP विजयकुमार के माध्यम से बस ठेकेदार को 17,500 डॉलर का भुगतान किया. डॉ विजयकुमार, राज्य सरकार के ब्यूरोक्रेट्स के साथ कोऑर्डिनेट कर रहे थे जिसमें आईएएस जैसिंथा लाजर शामिल थे जो बेघर तमिलों के पुनर्वास और कल्याण आयुक्त.हैं.
ऑल्ट न्यूज़ से बात करते हुए डॉ विजयकुमार ने बताया, “बस के 500 डॉलर चार्ज करने पर छात्रों ने मुझसे संपर्क किया. कई छात्र टिकट का किराया नहीं दे पा रहे थे. तमिलनाडु सरकार ने ठेकेदार को परिवहन की लागत 17,500 डॉलर ट्रांसफ़र किया.” उन्होंने कहा कि भुगतान होने के बाद करीब दो घंटे में बस का इंतजाम किया गया और छात्रों को रोमानियाई सीमा तक पहुंचने में दो दिन का समय लगा. राज्य सरकार ने TN के 35 छात्रों के लिए राशि का भुगतान किया. डॉ विजयकुमार ने हमारे साथ ट्रांजेकशन आईडी का एक स्क्रीनशॉट भी शेयर किया.
ऑल्ट न्यूज़ ने वी एन करज़िन खार्किव नेशनल यूनिवर्सिटी के छात्र फाशी अल्लावुद्दीन से भी बात की जो उन 35 छात्रों में शामिल थे. उन्होंने बताया, “तमिलनाडु सरकार ने अधिकारियों का एक ग्रुप बनाया था जो हमारे संपर्क में थे. हम आईएएस जैसिंथा लाजर और आईएएस रमेश से बात कर रहे थे. जब उन्होंने हमारे लिए रोमानियाई सीमा तक बस की व्यवस्था की. सीमा पार करने के बाद रेड क्रॉस के स्वयंसेवकों ने रहने और खाने को दिया था.”
अल्लावुद्दीन ने बताया कि दूसरे राज्यों के छात्र भी बस में थे और तमिलनाडु सरकार ने राजस्थान के एक छात्र और केरल के तीन छात्रों के ट्रांसपोर्टेशन का भुगतान किया. ये पता नहीं चल सका कि इनके अलावा छात्रों ने अपनी जेब से किराए का भुगतान किया या नहीं.
बिजनेस लाइन के संपादक रघुवीर श्रीनिवासन ने कंचन गुप्ता को जवाब देते हुए होने वाली घटनाओं पर एक थ्रेड ट्वीट किया. कंचन गुप्ता ने अभी तक अपने ग़लत ट्वीट को हटाया नहीं है.
While the GoI has done commendable work in evacuating students from Ukraine the fact is that this group of 35 students were rescued due to the private contacts of a TN govt bureaucrat. 6/n
— Raghuvir Srinivasan (@srirags) March 5, 2022
द हिंदू ग्रुप की चेयरपर्सन मालिनी पार्थसारथी ने भी मीडिया आउटलेट को निशाना बनाने वाले ग़लत दावों के बारे में ट्वीट किया.
This motivated trolling of @the_hindu group needs to stop especially as those in @businessline verify their facts & state them as such. To jump to wild conclusions for every story dies injustice to the idea of sincere reporting.@KanchanGupta @srirags @ParBen24 https://t.co/mK9LNrP9KS
— Malini Parthasarathy (@MaliniP) March 5, 2022
हालांकि, MEA छात्रों को वहां से निकालने की सुविधा प्रदान कर रहा है. तमिलनाडु सरकार ने अपने प्रयास में राज्य के 35 छात्रों के बस किराए का भुगतान किया. बस की व्यवस्था निजी तौर पर की गई थी. देश के अलग-अलग हिस्सों के छात्र वहां मुसीबत का सामना कर रहे थे. कुछ राज्य सरकारों ने मदद के लिए कदम बढ़ाया है. पिछले हफ्ते, ओडिशा सरकार ने कथित तौर पर पिसोचिन के 25 छात्रों के लिए दो बसों की व्यवस्था की थी.
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