लोकप्रिय हिल स्टेशन नैनीताल की बताकर एक इन्फ़ोग्राफ़िक सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें 12 साल का बदलाव दिखाने के लिए 2 तस्वीरें दिखाई गई हैं. ‘नैनीताल 2010’ कैप्शन वाली पहली तस्वीर में सड़क पर कुछ लोग पैदल चल रहे हैं. दूसरी तस्वीर जिसका कैप्शन ‘नैनीताल 2022’ है, जिसमें हज़ारों मुसलमानों को नमाज़ अदा करते हुए देखा जा सकता है.

इन्फ़ोग्राफ़िक शेयर हुए ये दिखाया गया है कि भारत में मुसलमानों की जनसंख्या बहुत तेज़ी से बढ़ रही है. जबकि ये एक फ़र्ज़ी दावे के अलावा और कुछ नहीं है. इस बेबुनियाद दावे को साल दर साल ख़ारिज किया गया है.

ट्विटर यूज़र @kannadaveera ने ये इन्फ़ोग्राफ़िक ट्वीट करते हुए लिखा, “जो जानते हैं वे जानते हैं.”

अलग-अलग ट्विटर यूज़र्स ने इन्फ़ोग्राफ़िक को अलग-अलग कैप्शन के साथ शेयर किया गया.

This slideshow requires JavaScript.

फ़ैक्ट-चेक

पहली तस्वीर:

ऑल्ट न्यूज़ ने इस तस्वीर की असलियत जानने के लिए रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें इंडियन हॉलिडे नाम के एक ट्रैवल ब्लॉग पर ये तस्वीर मिली. आर्टिकल के मुताबिक, ये तस्वीर नैनीताल के मॉल रोड पर खिंची गई थी.

ब्लॉग में इस्तेमाल की गई तस्वीर की क्वालिटी काफी अच्छी थी. इस तस्वीर में करीब से देखने पर सड़क पर मौजूद दुकानों के नाम दिखते हैं. इनमें एक साइनबोर्ड “डोमिनोज़ पिज़्ज़ा” का था और दूसरे साइनबोर्ड पर शब्द का एक हिस्सा जो पढ़ने लायक है, वो है “अल्क.”

इन्हें ध्यान में रख कर हमने गूगल पर सर्च किया तो मालूम चला कि ये तस्वीर असल में नैनीताल के मॉल रोड की ही है. नीचे गूगल मैप्स के कोर्डिनेट्स के साथ सड़क की तस्वीर देखी जा सकती है.

दूसरी तस्वीर:

दूसरी तस्वीर का भी हमने गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. इससे हमें अल जज़ीरा की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली जिसमें ये तस्वीर शेयर की गई थी. इसे 2018 में पब्लिश किया गया था. इस तस्वीर का क्रेडिट पत्रकार महमूद हुसैन ओपू को दिया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश की राजधानी ढाका से लगभग 35 किलोमीटर दूर तुराग नदी के तट पर हुई वार्षिक इस्लामिक सभा, बिस्वा इज़्तेमा के दौरान ये तस्वीर ली गई थी. ये दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम सभा है.

ऑल्ट न्यूज़ ने महमूद हुसैन अबू से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि तस्वीर असल में उन्होंने ही खिंची थी. महमूद ने कहा, “ये तस्वीर 2018 में बिश्व इज़्तेमा के दौरान टोंगी इलाके में ली गई थी. जहां हज़ारों मुसलमान जुमे की नमाज़ अदा करते हैं.”

कुल मिलाकर, बांग्लादेश में बिस्वा इज़्तेमा के दौरान ली की गई तस्वीर भ्रामक दावे के साथ शेयर की गई. इस सभा की तस्वीरें 2021 में भी वायरल हुई थीं और ऑल्ट न्यूज़ ने उस वक्त भी इनकी असलियत बताई थी.

 

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

Tagged:
About the Author

Kalim is a journalist with a keen interest in tech, misinformation, culture, etc