दिल्ली में 23 फ़रवरी से शुरू हुई हिंसा में 53 लोगों की जान गयी हैं. इस तनाव की स्थिति में सोशल मीडिया पर कई पुरानी तस्वीरें और वीडियो दिल्ली हिंसा से जोड़कर शेयर किए गए हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने ऐसी कई तस्वीरों और वीडियो की जांच की है.

इसी दौरान एक और तस्वीर दिल्ली की बताकर शेयर की जा रही है. तस्वीर में तीन पुलिसकर्मी एक व्यक्ति को मार रहे हैं. जिस व्यक्ति को पीटा जा रहा है, उसने स्कल कैप (इस्लाम धर्म के जुड़ी टोपी) पहनी हुई है. एक फ़ेसबुक यूज़र ने इस वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, “दिल्ली पुलिस मुसलमानों से शांति की अपील करते हुए!”

ये तस्वीर ट्विट्टर पर भी शेयर हो रही है.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. इससे हमें नवम्बर 2019 का एक फ़ेसबुक पोस्ट मिला. पोस्ट में यही तस्वीर थी. इस तस्वीर पर ‘सोफ़ी अहसान’ का वॉटरमार्क दिख रहा था.

इसके बाद ऑल्ट न्यूज़ ने गूगल पर ‘सोफ़ी अहसान’ को सर्च किया. हमने पाया कि इस नाम से एक पत्रकार इंडियन एक्सप्रेस में काम करते हैं. हमने ट्विटर के माध्यम से उनसे संपर्क किया. पता चला कि ये तस्वीर उन्होंने ही खींची थी. उन्होंने हमें बताया, “ये तस्वीर दिल्ली की नहीं है. मैंने ये तस्वीर 6 अक्टूबर, 2014 को श्रीनगर के ईदगाह में ली थी. ये दिन था ईद-उल-अज़हा का. इस एरिया में आमतौर पर ईद-उल-अज़हा नमाज़ के बाद भारत विरोधी प्रदर्शन होते हैं. मैंने पुलिस को उस व्यक्ति को मारते हुए देखा, वो नमाज़ के बाद वापस लौट रहा था. मुझे ये नहीं पता कि वो प्रोटेस्टर था या या नहीं. और पुलिस ने क्यों उसे धक्का दिया.”

अहसान ने हमें कुछ तस्वीरें मेल कीं जो उन्होंने उस दिन खींचीं थीं. नीचे वायरल तस्वीर को लाल रंग से हाईलाइट किया गया है.

इन तस्वीरों का EXIF डेटा देखने से पता चला कि ये 6 अक्टूबर, 2014 को ली गयी थी. वायरल तस्वीर उसी दिन सुबह 11 बजकर 5 मिनट पर ली गयी थी, जिसे नीचे की तस्वीर से समझा जा सकता है.

एक और गूगल सर्च से हमें इंटरनेशनल बिज़नेस टाइम्स का 2014 का एक आर्टिकल मिला. इसमें 2014 के ईद-उल-अज़हा के बारे में बात हुई है. 2014 में ईद-उल-अज़हा 6 अक्टूबर को ही पड़ा था.

इस तरह सालों पुरानी तस्वीर को दिल्ली हिंसा से जोड़कर शेयर किया गया.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.