दिल्ली के जहांगीरपुरी में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद सोशल मीडिया पर एक तस्वीर काफी शेयर की जा रही है. ये तस्वीर पुलिसकर्मियों के एक दस्ते की है. साथ में 2 अन्य व्यक्तियों को देखा जा सकता है जिन्होंने गले में भगवा गमछा रखा है. इनमें से एक व्यक्ति के हाथ में डंडे की तरह दिखने वाली कोई चीज़ है.

दावा है कि पुलिसकर्मियों के साथ दिख रहे दोनों हिंदुत्व गुंडे हैं जो दिल्ली पुलिस की सुरक्षा में तलवारें लेकर चल रहे हैं.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने यांडेक्स पर इस तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें 2020 के एक ट्वीट में ये तस्वीर मिली. यानी, ये कोई हाल की घटना से जुड़ी तस्वीर नहीं है.

सबा खान नाम की एक यूज़र ने ट्वीट करते हुए बताया था कि ये तस्वीर यूपी के बदायूं ज़िले की है.

सबा के ट्विटर प्रोफ़ाइल पर इस घटना का एक वीडियो भी मिला जिसमें पुलिस को संकरी गली से गुज़रते हुए देखा जा सकता है. वीडियो में भगवा कपड़े से चेहरा ढके दो व्यक्ति भी दिख रहे हैं.

एक और ट्विटर यूज़र रकीम कादरी ने सबा खान के ट्वीट पर कमेंट करते हुए कहा कि ये वीडियो बदायूं का है. हमने रकीम कादरी का ट्विटर प्रोफ़ाइल चेक किया. जहां हमें एक और ट्वीट मिला जिसमें कहा गया कि वीडियो बदायूं के जालंधरी सराय इलाके का है.

इस ट्वीट के नीचे हमें बदायूं पुलिस के ऑफ़िशियल ट्विटर हैंडल से किया गया एक कमेंट मिला. कमेन्ट में बताया गया था कि वायरल तस्वीर में दिख रहे दोनों व्यक्ति ‘कोरोना वारियर्स हैं जो स्थानीय लोगों से घर पर रहने और आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करने का आग्रह करके पुलिस कर्मियों की मदद कर रहे थे. वायरल तस्वीर में दिख रहे दोनों लोगों की पहचान मुकेश कुमार और सुनील गुर्जर के रूप में हुई है.

कुल मिलाकर, 2020 की एक पुरानी तस्वीर झूठे दावे के साथ शेयर की गई. ये तस्वीर दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा के जुड़ी नहीं है.


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About the Author

Nilofar Absar is a lawyer by training and a storyteller by nature who takes a keen interest in the lives of people belonging to South Asian diasporic communities.