झारखंड के गिरीडीह ज़िले के डोकीडीह में पंचायत चुनाव को लेकर नामांकन की प्रक्रिया जारी है. इसी बीच वहां के मुखिया प्रत्याशी शाकिर हुसैन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि उनके नामांकन जुलूस में ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगे. कई मेनस्ट्रीम मीडिया चैनल व न्यूज़ पोर्टल ने भी इसी दावे के साथ ये वीडियो चलाया. वीडियो वायरल होने के बाद मुखिया प्रत्याशी सहित अन्य लोगों पर 124A (राजद्रोह), 153A (लोक शांति में बाधा उत्पन्न) व आईपीसी की अन्य धाराओं के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज की गई. और झारखंड पुलिस ने मुखिया प्रत्याशी और उनके 3 समर्थकों को गिरफ़्तार किया है.

न्यूज़18 बिहार झारखंड टीवी चैनल ने अपने एक वीडियो रिपोर्ट में दावा किया कि डोकीडीह के मुखिया प्रत्याशी ‘शफीक हैदर’ के नामांकन जुलूस में ‘पाकिस्तान जिन्दाबाद’ के नारे लगे और मुखिया प्रत्याशी ने अपने समर्थकों को नहीं रोका. न्यूज़18 ने वहां मौजूद गांडेय थाने के इंडियन रिजर्व बटालियन (आईआरबी) के फ़ोर्स पर आरोप लगाते हुए कहा कि ये नारेबाज़ी उनके सामने होती रही लेकिन किसी ने उन्हें रोका तक नहीं. न्यूज़18 झारखंड ने अपने ट्विटर हैंडल से भी वीडियो शेयर करते हुए ऐसा ही दावा किया. (आर्काइव लिंक)

न्यूज़रूम पोस्ट ने अपने ट्विटर हैंडल से ये शेयर करते हुए लिखा “झारखंड: गिरीडीह के गांडेय प्रखंड में मुखिया प्रत्याशी के नामांकन जुलूस में लगाए गए पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे.” (आर्काइव लिंक)

राइट विंग प्रोपगेंडा वेबसाइट ऑप इंडिया, RSS की मुखपत्रिका पाञ्चजन्य समेत कई प्रमुख न्यूज़ पोर्टल ने यही दावा किया. ज़ी न्यूज, आज तक, न्यूज़18, दैनिक जागरण, इंडिया टीवी, टाइम्स नाउ, हिंदुस्तान, एनडीटीवी, न्यू इंडियन एक्स्प्रेस, इंडिया टुडे, नवभारत टाइम्स, फर्स्ट पोस्ट, रिपब्लिक भारत, दैनिक भास्कर इत्यादि इस लिस्ट में शामिल हैं.

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ये वीडियो इसी दावे के साथ फ़ेसबुकट्विटर पर वायरल है.

फ़ैक्ट-चेक

मामले की पड़ताल करने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने डोकीडीह के स्थानीय लोगों से संपर्क किया. लोगों ने हमें बताया कि जुलूस के दौरान ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे नहीं लगाए गए थे. हमें उन लोगों से वायरल वीडियो के अलावे अलग ऐंगल से लिए गए कई वीडियोज़ मिले.

हमने वीडियो को स्लो-मोशन में 0.75x पर करके उसका अवलोकन किया तो पाया कि वीडियो में ‘शाकिर हुसैन ज़िंदाबाद, शाकिर हुसैन ज़िंदाबाद, डोकीडीह पंचायत का मुखिया कैसा हो – शाकिर हुसैन जैसा हो’ के नारे लग रहे थे. यानी, वहां ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे नहीं बल्कि ‘शाकिर हुसैन ज़िंदाबाद’ के नारे लगाए जा रहे थे.

(ये वीडियो देखते हुए नारों को और बेहतर सुनने के लिए हेडफ़ोन्स का इस्तेमाल करें.)

वायरल वीडियो में प्रवेश द्वार पर तैनात फ़ोर्स को ये कहते हुए सुना जा सकता है, “बस तीन आदमी अंदर जाएंगे”. स्थानीय लोगों से मिले (वीडियो 1) में भी प्रवेश द्वार पर तैनात फ़ोर्स यही कहते हुए सुना जा सकता है. हमने दोनों वीडियो के फ़्रेम का मिलान किया तो पाया कि दोनों एक ही समय रिकॉर्ड किया गया है.

हमें स्थानीय लोगों द्वारा जुलूस के दौरान का एक और वीडियो मिला. हमने इस वीडियो का मिलान पहले वीडियो से किया तो पाया कि इसका एक फ़्रेम पहले वीडियो से मेल खाता है. मतलब, ये वीडियो भी उसी समय का है.

इस वीडियो को भी हमने स्लो-मोशन में 0.75x पर करके देखा. ये वीडियो पिछले वीडियो से काफ़ी क्लियर है और इसमें साफ़ तौर पर ‘शाकिर हुसैन ज़िंदाबाद’ के नारे सुने जा सकते हैं. यानी, इस बात में कोई दो राय नहीं है कि नामांकन जुलूस के दौरान ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे नहीं, बल्कि ‘शाकिर हुसैन ज़िंदाबाद’ के नारे लगाए जा रहे थे.

(ये वीडियो देखते हुए नारों को और बेहतर सुनने के लिए हेडफ़ोन्स का इस्तेमाल करें.)

कुल मिलाकर, झारखंड के गिरीडीह ज़िले के डोकीडीह मुखिया प्रत्याशी शाकिर हुसैन के नामांकन जुलूस के दौरान ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे नहीं लगाए गए थे बल्कि ‘शाकिर हुसैन ज़िंदाबाद’ के नारे लगे थे. सोशल मीडिया व कई प्रमुख मीडिया चैनलों ने बिना जांच किये ये झूठा चला दिया कि मुखिया प्रत्याशी के नामांकन जुलूस में ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगे. ये पहली बार नहीं है जब इस तरह के दावे किए जा रहे हैं. अक्सर ही ये ग़लत जानकारी देखने को मिलती है. हाल ही में AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के समर्थकों द्वारा जयपुर में ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगने का ग़लत दावा भी किया गया था. लखनऊ में CAA के ख़िलाफ़ हुई रैली में भी ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाए जाने के दावे किए गए थे. ऐसा दावा करने वालों में BJP आईटी सेल हेड अमित मालवीय भी शामिल थे. जबकि वहां ‘काशिफ़ साब ज़िंदाबाद’ के नारे लगे थे. काशिफ अहमद AIMIM लखनऊ के प्रमुख हैं. इस मामले पर ऑल्ट न्यूज़ की पड़ताल यहां पढ़ी जा सकती है.

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Abhishek is a senior fact-checking journalist and researcher at Alt News. He has a keen interest in information verification and technology. He is always eager to learn new skills, explore new OSINT tools and techniques. Prior to joining Alt News, he worked in the field of content development and analysis with a major focus on Search Engine Optimization (SEO).