एक तस्वीर शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि ये UP के गाज़ियाबाद में AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी की रैली का दृश्य है. तस्वीर में भारी भीड़ दिख रही है. तस्वीर को गाज़ियाबाद के दिल्ली दरवाज़ा बैरिस्टर का बताया जा रहा है. साथ ही कहा गया है कि UP में 2022 में होने वाले चुनाव की ये तैयारी है.
Live- गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश
#यूपीमेंओवैसी
#MissionUttarPradesh2022
#AIMIMUttarPradesh
गाजियाबाद का दिल्ली दरवाज़ा…Posted by Md IRFAN – AIMIM on Wednesday, 14 July 2021
कई फ़ेसबुक यूज़र्स इस तस्वीर को शेयर करते हुए ये दावा कर रहे हैं.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने इससे मिलती-जुलती तस्वीर का फ़ैक्ट-चेक 2019 में किया था. उस समय इस तस्वीर को ये बताकर शेयर किया जा रहा था कि ये मुंबई में नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन की तस्वीर है.
तस्वीर का यांडेक्स पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर एक बांग्लादेशी यूट्यूब चैनल के कुछ वीडियोज़ मिले जिसे नवम्बर 2019 में अपलोड किया गया है.
इन वीडियोज़ में वायरल हो रही तस्वीर जैसा ही दृश्य दिखता है. वीडियो को चिट्टागोंग का बताया गया है. ये जगह बांग्लादेश में है.
ऑल्ट न्यूज़ को 10 नवंबर, 2019 को यूट्यूब पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला, जिसका यह शीर्षक था- ‘আলহামদুলিল্লাহ লাখো আশেকে রাসুলগনের ঢল,jasne julus..chittagong. जश्न-ए-जूलस का सन्दर्भ मुस्लिम श्रद्धालुओं की एक सभा से है. विवरण के अनुसार, 10 नवंबर का ये वीडियो बांग्लादेश के चटगांव शहर का है. गौरतलब है कि 10 नवंबर 2019 को ईद मिलाद उन नबी मनाया गया था. हमने तस्वीर में दिख रहे जगह की तुलना वीडियो के दृश्य से की.
इसके बाद हमने “জশনে জুলুস ২০১৯” (जश्न-ए-जूलस 2019) कीवर्ड से गूगल टाइम फ़्रेम के साथ सर्च किया. हमें बांग्लादेश में उस समय छपी कुछ रिपोर्ट में ऐसी ही तस्वीर देखने को मिली. (पहली रिपोर्ट, दूसरी रिपोर्ट)
यानी, बांग्लादेश की पुरानी तस्वीर शेयर करते हुए ये दावा किया गया कि गाज़ियाबाद में AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी की रैली का दृश्य है. हालांकि, ये बताना ज़रूरी है कि ओवैसी के गाज़ियाबाद दौरे में काफी भीड़ इकठ्ठा होने की ख़बर भी है. धौलाना विधान सभा क्षेत्र के मसूरी में असदुद्दीन ओवैसी को पार्टी कार्यालय का उद्घाटन करना था. लोगों की भीड़ ज़्यादा होने से कोरोना प्रोटोकॉल का भी उल्लंघन हुआ और इस कार्यक्रम को निरस्त कर दिया गया.
म्यांमार की ख़बर रिपोर्ट करते हुए ज़ी न्यूज़ के शो की पुरानी क्लिप से कोलकाता के रोहिंग्या मुसलमान को निशाना बनाया गया
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.