रिट्वीट सरकार नाम के एक ट्विटर उपयोगकर्ता ने वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें मोदी सरकार के शासन में 50 मंदिरो को ध्वस्त करने की न्यूज़ रिपोर्ट है। 72 सेकंड के इस प्रसारण वीडियो में, एक व्यक्ति को वीडियो की पृष्भूमि में बोलते हुए सुना जा सकता है,“मंगलवार रात को जब नगरपालिका ने सूरत में मंदिरों को ध्वस्त करने की कोशिश की तब वहाँ पर टकराव हो गया था। राज्य सरकार एक बड़े विध्वंस अभियान पर है”-अनुवाद। वीडियो के साथ ट्विटर उपयोगकर्ता ने साझा किये गए संदेश के मुताबिक,“मोदी ने 50 मंदिरों को अंबानी को ज़मीन देने के लिए गिराया। “-अनुवादित। यह ट्वीट 500 से अधिक बार रीट्वीट किया गया है।
Modi demolished 50 Temples.
To give the land to Ambani’s. pic.twitter.com/RAbAqYG6CM— Retweet Sarkar 💯 (@GoSlowplz) September 22, 2019
तथ्य जांच
यूट्यूब पर कीवर्ड्स से सर्च करने पर, ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह समाचार रिपोर्ट 10 साल पुरानी है और NDTV द्वारा प्रसारित की गई है। एंकर समाचार का परिचय यह कहते हुए देते हैं,“गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी नए अभियान पर है, जो मंदिरों सहित अवैध निर्माणों को ध्वस्त करना है। संघ परिवार और पारंपरिक मोदी समर्थकों में इससे नाराजगी बढ़ गई है”-अनुवाद।
19 नवंबर, 2008 की रिपोर्ट में राज्य की राजधानी गांधीनगर में 50 से अधिक मंदिरों के धवस्त होने की बात की गई है। गांधीनगर के तत्कालीन कलेक्टर संजीव कुमार द्वारा दिए गए एक बयान के अनुसार, इस अभियान ने न केवल धार्मिक बल्कि सभी अवैध निर्माणों को निशाना बनाया। इस जानकारियों को गलत तरीके से साझा करने के लिए वीडियो को संपादित किया गया है, जिससे इस बात की जानकारी प्राप्त होती कि यह उस वक़्त की घटना है जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
हालांकि, इंडिया टुडे की 21 नवंबर, 2008 की रिपोर्ट के अनुसार, “विश्व हिंदू परिषद (VHP)के दबाव में, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य की राजधानी गांधीनगर में अनाधिकृत मंदिरों को हटाने का अभियान रोक दिया है”-अनुवाद। तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष अशोक सिंघल से मुलाकात करने के बाद कथित तौर पर यह निर्णय लिया गया था, जिन्होंने सीएम को मंदिर धवस्त करने के कारण “औरंगज़ेब” बताया था।
10 साल पुराने समाचार रिपोर्ट का वीडियो, जिसमें गुजरात में भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा अवैध निर्माण को हटाए जाने को दर्शाया गया है। इस वीडियो को क्लिप कर केंद्र सरकार के हालिया निर्णय के रूप में सोशल मीडिया में साझा किया गया।
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