सोशल मीडिया पर एक तस्वीर काफ़ी शेयर की जा रही है. तस्वीर में एक व्यक्ति हाथ में पोस्टर लिए खड़ा है जिसमें लिखा है – “मुख्यधारा और प्रो-फ़्रीडम कश्मीरी लीडरशिप को आज़ाद करें, दल खालसा साद (अमृतसर)”. दावा है कि ये व्यक्ति किसानों के प्रदर्शन के दौरान ये पोस्टर लेकर खड़ा है. भाजपा दिल्ली के मीडिया हेड और प्रवक्ता नवीन कुमार ने ये तस्वीर ट्वीट की और लिखा कि आतंकवादियों के समर्थक हुर्रियत नेताओं को जेल में बंद किया गया और ये युवक उनकी आज़ादी चाहता है. आर्टिकल लिखे जाने तक इसे 1,100 बार लाइक और 300 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

ट्विटर हैन्डल ‘@KaafirGyan’ ने ये तस्वीर इसी दावे के साथ ट्वीट की है. (आर्काइव लिंक)

ट्विटर और फ़ेसबुक पर ये तस्वीर वायरल है.

फ़ैक्ट-चेक

पोस्टर में “दल खालसा साद (अमृतसर)” लिखा हुआ है जिसके चलते गूगल पर की-वर्ड्स सर्च करने से हमें 5 दिसम्बर 2019 की द ट्रिब्यून की रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि दल खालसा और शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) 10 दिसम्बर 2019 को ह्यूमन राइट्स डे के मौके पर श्रीनगर के लाल चौक में धरना करने वाले थे.

इस जानकारी के आधार पर हमने आगे सर्च किया. हमें 12 दिसम्बर 2019 का ‘खालसा फ़ोर्स’ का आर्टिकल मिला. इस रिपोर्ट के मुताबिक, कठुआ डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के आदेश पर दल खालसा और शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के कार्यकर्ताओं को पंजाब के पठानकोट बॉर्डर पर रोक दिया गया था. आर्टिकल में शामिल एक वीडियो रिपोर्ट में कई जगह पर वायरल तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति दिखता है.

9 दिसम्बर 2019 की बीबीसी की वीडियो रिपोर्ट के शुरुआत में ही इस व्यक्ति को वायरल तस्वीर के जैसा ही पोस्टर पकड़कर नारेबाज़ी करते हुए देखा जा सकता है.

द क्विन्ट ने 6 जनवरी 2021 को इस तस्वीर के बारे में एक फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट पब्लिश किया था. इस रिपोर्ट में दल खालसा के पूर्व प्रेसिडेंट एचएस धामी के हवाले से बताया गया है, “ये हाल के कृषि आंदोलन से संबंधित नहीं है.” एचएस धामी ने वायरल तस्वीर में दिखने वाले व्यक्ति का नाम अंगद सिंह बताया है. ट्विटर पर अंगद ने 10 दिसम्बर 2019 को इस घटना का वीडियो ट्वीट किया था. उनके फ़ेसबुक अकाउंट पर भी कठुआ बॉर्डर की कुछ तस्वीरें मौजूद है.

किसान आंदोलन सितम्बर 2020 में नए कृषि कानून के आने के बाद शुरू हुआ था जबकि ये तस्वीर दिसम्बर 2019 की घटना से जुड़ी हुई है.

इस तरह, दिसम्बर 2019 में कश्मीरी नेताओं की रिहाई की मांग को लेकर दल खालसा और शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) ने प्रदर्शन किया था. इस प्रदर्शन से जुड़ी तस्वीर हाल में सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन से जोड़कर शेयर की गई. पहले भी कई पुरानी और असंबधित तस्वीरें और वीडियोज़ किसानों के प्रदर्शन से जोड़कर शेयर किये गए हैं.


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About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.