लेखक हरिंदर सिक्का, जिन्हें कई मौकों पर ग़लत जानकारी शेयर करते हुए देखा गया है, ने 15 नवम्बर को एक वीडियो ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, “वामपंथियों, टुकड़े-टुकड़े गैंग, कांग्रेस समर्थकों, JNU के अलगाववादियों का धन्यवाद देना चाहिए. भारत के लोगों ने गद्दारों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई है. JNU एक सिंपल नारे के साथ आगे का रास्ता दिखाता हुआ: नीम का पत्ता कड़वा है, पाकिस्तान भ** हैं!! जिसको चाहिए अफजल खान, उसको भेजो पाकिस्तान!!” (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

आकाश RSS नाम के एक यूज़र ने 16 नवम्बर को एक वीडियो ट्वीट किया और दावा किया कि JNU में भगवा लहराया गया. उन्होंने लिखा, “JNU में लहराया भगवा खून उबाल देने वाला वीडियो नीम का पत्ता कड़वा है पाकिस्तान भ*** हैं जिसको चाहिए अफजल खान उसको भेजो पाकिस्तान वीडियो देखो” (ट्वीट का आर्काइव लिंक) आकाश को भी कई बार ग़लत जानकारी शेयर करते हुए देखा गया है.

‘प्रेम सागर पाण्डेय BJP मिर्ज़ापुर’ नाम के एक और यूज़र ने भी ये वीडियो शेयर करते हुए यही दावा किया.

फ़ेसबुक पर भी ये वीडियो खासा वायरल हो रहा है. ‘वी सपोर्ट हिंदुत्व‘ नाम के एक पेज से शेयर किए गए इस वीडियो को सिर्फ 6 घंटे में 36 हज़ार व्यूज़ मिले.

फ़ैक्ट-चेक

इस वीडियो के की-फ़्रेम का रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें अक्टूबर, 2018 का एक फ़ेसबुक पोस्ट मिला. मगर इस पोस्ट ये नहीं पता चल पाया कि ये वीडियो कहां का है.

कुछ की-वर्ड्स सर्च से हमें ये वीडियो लिमरा टाइम्स के यूट्यूब चैनल पर मिला. यहां इसे महाराष्ट्र के ठाणे का बताया गया है. इस वीडियो को 4 अक्टूबर, 2018 को अपलोड किया गया.

 

वीडियो में दिख रहे फ़ोन नंबर से हमने संपर्क करने की कोशिश की लेकिन ये नंबर अस्थायी रूप से बंद है. इसके अलावा एक और फ़ेसबुक पेज ने इसे ठाणे का ही बताते हुए 2 अक्टूबर, 2018 को पोस्ट किया था.

हमने ठाणे पुलिस स्टेशन भी कॉल लगायी. वहां से भी हमें कुछ खास जानकारी नहीं मिली क्यूंकि ये वीडियो काफी पुराना है.

ट्विटर पर शैलेन्द्र राय नाम के एक यूज़र ने 25 सितम्बर, 2018 को ये वीडियो अपलोड किया था. लेकिन यहां से भी हमें इस घटना की लोकेशन नहीं मालूम चलती है.

शैलेन्द्र द्वारा अपलोड किए गए वीडियो की क्वालिटी वायरल हो रहे वीडियो से बेहतर है. इसीलिए इसके एक हिस्से में सैमसंग का एक स्टोर दिखता है. हमने JNU के कुछ स्टूडेंट्स से बात की और उन्होंने कहा कि JNU के अंदर सैमसंग का कोई स्टोर नहीं है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि JNU में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है.

इस तरह जिस वीडियो को JNU में भगवा लहराने के दावे से शेयर किया जा रहा है वो 2 साल पुराना है और JNU का नहीं है.

 


ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें:

डोनेट करें!
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.

बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.

About the Author

She specializes in information verification, examining mis/disinformation, social media monitoring and platform accountability. Her aim is to make the internet a safer place and enable people to become informed social media users. She has been a part of Alt News since 2018.