45 सेकंड का एक वीडियो सोशल मीडिया में शेयर हो रहा है जिसमें कुछ लोग खाने को पैक करते हुए दिखाई दे रहे हैं. दावा है कि मुस्लिम लड़के कस्टमर तक डिलिवर करने से पहले खाने पर थूकते हैं. 21 मार्च को फ़ेक न्यूज़ प्लेटफॉर्म ‘पोस्टकार्ड न्यूज़’ के फाउन्डर महेश विक्रम हेगड़े ने ये वीडियो शेयर किया. उन्होंने लिखा -“What’s the use of Janata Curfew when we have deadly sadists like this man? Arrest this lunatic immediately.(अनुवाद – जनता कर्फ्यू से क्या होगा जब कि हमारे पास इस आदमी के जैसे घातक लोग है? इस पागल को अभी गिरफ़्तार करो.)” आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 2,300 बार रीट्वीट किया जा चुका है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक) हेगड़े के ट्वीट में गिरफ़्तारी की बात ये दर्शाता है कि ये हालिया दिनों के सन्दर्भ में किया गया ट्वीट है. ऑल्ट न्यूज़ ने कई बार हेगड़े को गलत जानकारीया शेयर करते हुए पाया है.
After looking at this, I’m scared to eat at hotels!
Watch the video where a hotel staff spits at food items, before serving it to customers!
What’s the use of Janata Curfew when we have deadly sadists like this man?
Arrest this lunatic immediately pic.twitter.com/3Q2m14ujeE
— Mahesh Vikram Hegde (@mvmeet) March 21, 2020
ये वीडियो उस वक़्त शेयर हो रहा है जब तबलीग़ी जमात द्वारा मार्च महीने के बीच में आयोजित किये गए एक कार्यक्रम के बाद एक मामला सामने आया जिसमें शामिल होने वाले कई लोगों के कोरोना वायरस टेस्ट पाज़िटिव आए हैं.
तेलंगाना राज्य की भाजपा यूथ विंग, भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रवक्ता रूप दरक ने ये वीडियो शेयर करते हुए इन दुकानों को “बंद” करने की मांग की. आर्टिकल लिखे जाने तक इस ट्वीट को 1000 बार रीट्वीट किया जा चुका है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक) भाजपा समर्थक सोनम महाजन ने भी ये वीडियो ट्वीट किया. उन्होंने मेसेज में उस घटना को सही ठहराया जिसमें एक व्यक्ति ने मुस्लिम ज़ोमेटो (Zomato) युवक से अपना पार्सल लेने के लिए मना किया था. उनके इस ट्वीट को डिलीट किये जाने से पहले 1,200 बार रीट्वीट किया गया था. (सोनम महाजन के ट्वीट का आर्काइव लिंक)
कई यूज़र्स ने ये वीडियो हिन्दी मेसेज के साथ भी शेयर किया है -“खाने पीने की बाजारी चीजो से परहेज करें और टोपी वाली बीमारी की नीचता देखे.”
ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल ऐप और व्हाट्सऐप नंबर (+91 76000 11160) पर इस वीडियो की जांच के लिए कुछ रीक्वेस्ट मिली हैं.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो को कई फ़्रेम्स में तोड़ा और उन्हें गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमने पाया कि ये वीडियो 27 अप्रैल 2019 को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था.
गूगल और यानडेक्स (Yandex) पर कई बार रिवर्स इमेज सर्च करने पर पाया कि ये वीडियो कोरोना वायरस महामारी के चलते कई देशों में शेयर हो रहा है.
22 मार्च 2020 की ‘गल्फ़ न्यूज़’ की रिपोर्ट के मुताबिक, “अबू धाबी पब्लिक प्रॉसिक्यूशन ने साफ़ कर दिया है कि खाने से भरे हुए प्लास्टिक बैग में कर्मचारी द्वारा फूंक मारने का वीडियो UAE का नहीं है.” रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि ये वायरल वीडियो किसी एशियन देश का है.
19 मार्च 2020 की ‘कम्प्लेन सिंगापुर’ की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस क्लिप के आधार पर सिंगापुर फूड एजेंसी (SFA) में रिपोर्ट लिखवाई गई है. कई लोगों का मानना है कि ये घटना सिंगापुर के किसी रेस्टोरेंट में हुई है. ‘कम्प्लेन सिंगापुर’ ने SFA के बयान के बारे में अपनी रिपोर्ट में बताया कि ‘ये वीडियो हाल का नहीं है क्योंकि इसे पिछले साल भी पोस्ट किया गया गया था. SFA ने इस सोशल मीडिया के दावे को खारिज किया है कि इस दुकान का नाम “बेस्ट मुस्लिम फ़ूड स्टॉल” है जो कि वेस्ट स्ट्रीट 2 के ब्लॉक 724 क्लेमेंटी में मौजूद है. एजेंसी ने पाया कि उस जगह पर इस नाम की कोई दुकान मौजूद नहीं है. हमारे अधिकारियों ने आस-पास की कई दुकानों और घरों का भी मुआयना किया लेकिन उन्हें इस नाम की कोई दुकान नहीं मिली.’
UAE और सिंगापुर, दोनों की रिपोर्ट में ये बताया गया है कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति खाने के बैग में फूंक मार रहा था. दोनों ही रिपोर्ट में थूकने की घटना का कोई ज़िक्र नहीं किया गया है.
हकीकत में ये वीडियो पिछले साल मलयेशिया में भी वायरल था. 1 मई 2019 की ‘फ़ीड मी’ की रिपोर्ट में ये कहा गया है कि ओपन एयर फूड रेस्टोरेंट की जगह एक रहस्य बन चुकी है जब से सोशल मीडिया में इसका एक वीडियो वायरल हुआ है. 26 अप्रैल को पोस्ट किये गए इस वीडियो को 11 हज़ार बार शेयर किया जा चुका है. ‘फ़ीड मी’ मलयेशिया की लाइफ़ स्टाइल वेबसाइट है.
हालांकि ऑल्ट न्यूज़ वीडियो की जगह के बारे में नहीं पता लगा पाया है लेकिन ये बात साफ़ है कि ये वीडियो पिछले साल अप्रैल से सोशल मीडिया में शेयर हो रहा है. कोरोना वायरस के चलते इस वीडियो को फिर से सोशल मीडिया में शेयर किया जा रहा है. वीडियो में दिख रही जगह भारत की है, ऐसा साफ़ नहीं होता है क्योंकि ये वीडियो भारत में तब शेयर किया जाने लगा जब CRPO उत्तर रेलवे ने दावा किया कि तबलीग़ी जमात के लोग क्वारंटाइन सेंटर में काबू में नहीं थे और उन लोगों ने वहां के मेडिकल स्टाफ़ से भी झगड़ा कर लिया था.
पिछले काफ़ी समय से कोरोना वायरस से जुड़ी हुई ग़लत जानकारियां सोशल मीडिया मे जमकर शेयर की जा रही हैं. कुछ वक़्त से इन ग़लत जानकारियों को शेयर कर मुस्लिम समुदाय पर निशाना साधा जा रहा है. ऑल्ट न्यूज़ ने हाल ही में एक वीडियो की जांच की जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोगों एक सूफ़ी रिवाज़ कर रहे हैं. इस वीडियो के साथ दावा किया गया कि ये लोग जानबूझ कर कोरोना वायरस को फैलाने के लिए निज़ामुद्दीन मस्जिद में छींक रहे हैं. हमने ऐसे ही कई अन्य वीडियो की जांच की है जिसे आप यहां पर पढ़ सकते हैं.
नोट : नोट: भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 2600 के पार जा पहुंची है. इसकी वजह से सरकार ने बुनियादी ज़रुरतों से जुड़ी चीज़ों को छोड़कर बाकी सभी चीज़ों पर पाबंदी लगा दी है. दुनिया भर में 1 करोड़ से ज़्यादा कन्फ़र्म केस सामने आये हैं और 54 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और इसी वजह से वो बिना जांच-पड़ताल किये किसी भी ख़बर पर विश्वास कर रहे हैं. लोग ग़लत जानकारियों का शिकार बन रहे हैं जो कि उनके लिए घातक भी साबित हो सकता है. ऐसे कई वीडियो या तस्वीरें वायरल हो रही हैं जो कि घरेलू नुस्खों और बेबुनियाद जानकारियों को बढ़ावा दे रही हैं. आपके इरादे ठीक हो सकते हैं लेकिन ऐसी भयावह स्थिति में यूं ग़लत जानकारियां जानलेवा हो सकती हैं. हम पाठकों से ये अपील करते हैं कि वो बिना जांचे-परखे और वेरीफ़ाई किये किसी भी मेसेज पर विश्वास न करें और उन्हें किसी भी जगह फ़ॉरवर्ड भी न करें.
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