सोशल मीडिया में एक व्यक्ति द्वारा एक हिरन को मारने का वीडियो प्रसारित है, जिसके साथ दावा किया गया है कि हिरन को मारने वाला व्यक्ति पश्चिम बंगाल के वन विभाग का अधिकारी है। वीडियो के साथ साझा किया गया संदेश बंगाली भाषा में है।
আজকে একটা প: ব: ফরেস্ট অফিসার একটা হরিণ কে মেরে দিল। এই ভিডিও টা চারিদিকে ছড়িয়ে দিন যাতে জেল হয়
Posted by Sourav Chatterjee on Thursday, 24 October 2019
संदेश के अनुसार, “আজকে একটা প: ব: ফরেস্ট অফিসার একটা হরিণ কে মেরে দিল। এই ভিডিও টা চারিদিকে ছড়িয়ে দিন যাতে জেল হয়” (गूगल अनुवाद: आज पीबि वन में एक अधिकारी ने हिरन को मार गिराया। इस वीडियो को फैलाये ताकि दोषी को जेल भेजा जा सके।) 2:40 मिनट के वीडियो को समान दावे से ट्विटर पर भी कुछ उपयोगकर्ताओं ने साझा किया है, जिसके मुताबिक, पश्चिम बंगाल के एक वन अधिकारी ने हिरन को काफी बेरहमी से मार डाला। वीडियो को 30 सेकंड की क्लिप के रूप में भी पोस्ट किया गया है।
@MamataOfficial@WBPolice@WBPolice
@DGPWestbengal@MamataOfficial@RajatSharmaLive@narendramodi
আজকে একটা প: ব: ফরেস্ট অফিসার একটা হরিণ কে মেরে দিল। এই ভিডিও টা চারিদিকে ছড়িয়ে দিন যাতে জেল হয়.
West Bengal Forest Officer
Murdered a deer . Should he be ? pic.twitter.com/friIVfgBa1— Pradip Chattopadhyay (@PradipChattopa3) October 25, 2019
इस वीडियो के साथ तेलुगु में लिखा एक संदेश दावा करता है कि भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय हिरन को मार रहे हैं, जबकि इस नाम के कोई विधायक भाजपा या कांग्रेस में मौजूद नहीं हैं।
वीडियो में हिरन को मृत अवस्था में ज़मीन पर पड़े हुए देखा जा सकता है। उसके बाद उसके गले को काटा जाता है। इस वीडियो की जांच करने के ऑल्ट न्यूज़ की अधिकृत एप पर अनुरोध भी प्राप्त हुए है।
तथ्य जांच: वीडियो बांगलादेश का है
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि प्रसारित किया गया वीडियो पश्चिम बंगाल का नहीं है, जैसा कि दावा किया गया जा रहा है बल्कि यह बांग्लादेश का है। संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि इस वीडियो को यूट्यूब पर जुलाई 2015 में बांग्लादेश के अंग्रेजी समाचारपत्र द डेली स्टार द्वारा अपलोड किया गया था।
वीडियो का शीर्षक ‘Killing deer’ है, और साथ में साझा किये गए विवरण के मुताबिक, “वीडियो में एक व्यक्ति को खेत में एक हिरन को काफी नज़दीक से मारते हुए देखा जा सकता है। हत्या वह बड़ी सफाई से करता है, कोई अन्य व्यक्ति इस पूरी घटना को रिकॉर्ड करता है जो भी इस अपराध में शामिल है। बाद में, यह समूह अपने इस “महान सिद्धि” के लिए मृत शव के पास खड़े हो जाते है। उसके बाद वह सब अपने इस कार्य को “क़ानूनी हत्या” बताकर चिल्लाते हैं। इस वीडियो को मोईन उद्दीन नामक एक फेसबुक पेज से लिया गया है।”-अनुवादित। ऑल्ट न्यूज़ को 12 जुलाई, 2015 को द डेली स्टार द्वारा प्रकाशित एक लेख भी मिला।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह हत्या चटगांव के एक खेत में हुई, जिसके मालिक मोइन उद्दीन थे। मोईन उद्दीन ने खुद इस वीडियो को 4 जुलाई, 2015 को फेसबुक पर डाला था, जिसके बाद वहा अफरा-तफरी मच गयी और अधिकारियों ने वहां छापेमारी भी की थी, जिस खेत में यह घटना हुई थी। इसके बाद, मोईन उद्दीन ने फेसबुक पोस्ट के जरिए खुद का बचाव करने की कोशिश की थी।
2015 में लिए गए और अपलोड किये गए बांग्लादेश के वीडियो को, सोशल मीडिया में इस झूठे दावे से प्रसारित किया गया कि यह घटना पश्चिम बंगाल में हुई थी और हिरन को मारने वाला व्यक्ति वन विभाग का अधिकारी है। इस की पड़ताल पहले भी बूम द्वारा की जा चुकी है।
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