एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. वीडियो में भीड़ दिख रही है. इन लोगों ने मुस्लिम धर्म से जुड़ी टोपी पहनी है. दावा है कि त्रिपुरा में मुसलमानों के साथ हो रही हिंसा के ख़िलाफ त्रिपुरा के धर्मनगर ज़िला के कदमतला से एक विशाल विरोध रैली निकाली गई.

ये वीडियो ट्विटर और फ़ेसबुक पर शेयर किया जा रहा है.

कल गुजरात हुआ और हम सोते रहे
फिर मुज़फ़्फ़रनगर हुआ फिर भी हम नींद से नहीं जागे
कश्मीर का नंबर आया तब भी हमारी ग़ैरत नहीं जागी
और आज #त्रिपुरा के मुसलमान आज सड़कों पर निकल अपने ऊपर हो रहे ज़ुल्म के ख़िलाफ़ एहतिजाज कर रहे हैं, क्योंकि दंगाइयों द्वारा उन्हें, उनके मकानों, उनकी दुकानों और उनकी इबादतगाहों को निशाना बनाया जा रहा है।
क्या हम अपनी बारी आने का इंतेज़ार कर रहे हैं ?
त्रिपुरा के मुसलमानों के लिए आवाज़ उठाने को
आपका #मुस्लिम होना ज़रूरी नहीं , बल्कि आपका #इंसान होना ज़रूरी है।

#SaveTripuraMuslims
#TripuraMuslimsUnderAttack

Posted by SyeD FaiZaN on Wednesday, 27 October 2021

फ़ेसबुक यूज़र मोहम्मद इरफ़ान ने भी इसी दावे के साथ ये वीडियो शेयर किया. उन्होंने खुद को AIMIM का सदस्य बताया है. इस पोस्ट को डिलीट किये जाने से पहले करीब 3 लाख बार देखा और 14 हज़ार से ज़्यादा बार लाइक किया गया था .

फ़ैक्ट-चेक

कई लोगों ने मोहम्मद इरफ़ान की पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा कि उन्होंने वीडियो ग़लत दावे के साथ शेयर किया है. ऐसे ही एक यूज़र ने लिखा कि ये वीडियो यूपी का है. एक और यूज़र ने बताया कि वीडियो में अंतिम संस्कार का जुलूस दिख रहा है.

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इस जानकारी के आधार पर की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें 10 मई 2021 की इंडिया टुडे की वीडियो रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी के बदायूं में एक धार्मिक नेता के अंतिम संस्कार के जुलूस के दौरान कोरोना वायरस के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया गया था.

दोनों वीडियो में दिख रही ज़गह एक जैसी ही है.

India.com के मुताबिक, इस्लामिक मौलवी अब्दुल हमीद मोहम्मद सलीमुल कादरी के अंतिम संस्कार के जुलूस का आयोजन किया गया था. सोशल मीडिया पर भीड़ का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने अनजान लोगों के खिलाफ़ प्राथमिकी दर्ज़ की थी.

कुल मिलाकर, मई 2021 में हुए एक अंतिम संस्कार के जुलूस का वीडियो इस ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया कि त्रिपुरा में मुस्लिम समुदाय ने हाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा का विरोध करने के लिए विशाल रैली निकाली.


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