सोशल मीडिया पर एक तस्वीर काफ़ी शेयर की जा रही है. तस्वीर में 2 व्यक्ति हाथ में जली हुई किताबें लिए खड़े हैं. दावा है कि ये तस्वीर त्रिपुरा की है. वायरल मेसेज के मुताबिक, जली हुई किताबें मुस्लिम समुदाय की धार्मिक किताबें थीं.
त्रिपुरा से जो भी तस्वीरें आरही हैं रुला देने वाली हैं—— 😥😥#TripuraAntiMuslimRiots pic.twitter.com/sLrDiD9UJj
— Anas khan. 💞(انس خان )💞 (@Anas_khan68) October 28, 2021
ये बेअदबी त्रिपुरा में हुई तभी में कहती हु इस्लाम बहोत सहष्णु है l#TripuraAntiMuslimRiots pic.twitter.com/6HU3LPBTdT
— Vasundhra Chauhan (@Dilsedesh) October 28, 2021
फ़ैक्ट-चेक
रिवर्स इमेज सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को 13 जून 2021 का एक ट्वीट मिला. ये तस्वीर ट्वीट करते हुए यूज़र ने लिखा कि दिल्ली में रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में लगी आग में लगभग 56 झुग्गियां जलकर खाक हो गईं.
4) Almost 56 shanties were gutted and 300 residents get homeless in yesterday’s horrific incident. My heart pains seeing the condition of Rohingya Muslims. They are one of the world’s most persecuted community yet no one cares. Most probably because they are Muslims. pic.twitter.com/nXMQ0Id4H0
— Ramy (@Rammyyyyy_) June 13, 2021
पत्रकार आसिफ़ मुजतबा ने ये तस्वीर शेयर की और कहा कि त्रिपुरा में हिंसा के बारे में ग़लत जानकारी न फैलाएं. उन्होंने लिखा, “हमें ये तस्वीरें तब मिलीं जब @miles2smile_ ने इस साल जून में राहत कार्य शुरू किया था.” ‘माइल्स टू स्माइल’ दिल्ली से बाहर स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था है जो हिंसा के शिकार लोगों के लिए काम करती है. आसिफ़ मुजतबा, इस संगठन के संस्थापक हैं.
These images are from the recent fire mishap at Rohingya Refugee camp at Kanchan Kunj, New Delhi and not from Tripura. We got these images when @miles2smile_ started the relief work in June this year.
Kindly do not share the misinformation #TripuraAntiMuslimRiots pic.twitter.com/T0voGcTLtU— Aasif Mujtaba (@MujtabaAasif) October 28, 2021
ऑल्ट न्यूज़ ने आसिफ़ मुजतबा से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया, “ये तस्वीरें हाल ही में कंचन कुंज के एक रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में 12 जून की रात लगी आग की हैं. इन तस्वीरों को एक दोस्त @mdmeharban03 ने खींचा था. ये दोनों लोग उन शरणार्थी परिवारों से हैं जिनकी झुग्गियां आग में जलकर खाक हो गईं थीं.
न्यूज़क्लिक के अनुसार, स्थानीय लोगों और शरणार्थियों ने आरोप लगाया कि आग एक आकस्मिक घटना नहीं थी, बल्कि एक प्लान की हुई घटना थी. रिपोर्ट के मुताबिक, “रात 11 बजकर 55 मिनट पर लगी भीषण आग ने शरणार्थी शिविर की सभी 56 झोंपड़ियों को मिनटों में राख में बदल दिया. यहां रहने वाले सभी लोगों ने अपना सब कुछ खो दिया. तेज़ हवाओं की वजह से आग और बढ़ गई. ”
इस तरह, तस्वीर में जली हुई किताबों के साथ रोहिंग्या मुसलमान हैं. इस तस्वीर का त्रिपुरा की सांप्रदायिक हिंसा से कोई सबंध नहीं है जहां मुसलमानों की संपत्तियों और दुकानों में तोड़फोड़ और आग लगाने की घटना हुई थी. त्रिपुरा की हिंसा में करीब सात लोगों की मौत हो चुकी है.
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