नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग़ में भी पिछले कई हफ़्तों से प्रदर्शन चल रहा है। शाहीन बाग़ का यह प्रदर्शन इसलिए भी चर्चा का कारण बना है क्योंकि ज़्यादातर इसमें महिलाएं शामिल हुई हैं। इसी बीच सोशल मीडिया में एक वीडियो साझा किया जा रहा है, जिसमें कुछ महिलाओं को एक दूसरे को मारते हुए देखा जा सकता है। आशुतोष टीनु शुक्ला नामक एक उपयोगकर्ता ने इस वीडियो को यह कहते हुए पोस्ट किया,“शाहीन बाग पैसों के बंटवारों मे दिक्कत बेटी बना के लाई पैसे कम दिए तो बेटी ने चप्पलों से नकली अम्मी को caa से तो नही सम्मान से आज़ादी दे दी👍👍👍👍”  इस पोस्ट को करीब 120,000 बार देखा और 7,200 बार शेयर किया जा चुका है। (आर्काइव)

शाहीन बाग पैसों के बंटवारों मे दिक्कत
बेटी बना के लाई पैसे कम दिए तो बेटी ने चप्पलों से नकली अम्मी को caa से तो नही सम्मान से आज़ादी दे दी👍👍👍👍

Posted by Ashutosh Teenu Shukla on Wednesday, January 22, 2020

ऐसे ही दावे से इस वीडियो को पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ नामक एक अकाउंट ने ट्वीट किया है –“यह वीडियो शाहीनबाग की दिहाड़ी के पैसों के बंटवारे।”  (आर्काइव)

पुराना वीडियो

ऑल्ट न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रहा वीडियो मध्य प्रदेश के भोपाल जिले के चौक बाज़ार में हुई एक पुरानी घटना से सम्बंधित है। वीडियो को इनवीड के जरिये की-फ्रेम्स में तोडा, जिसे गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 2 जून, 2019 को प्रकाशित दैनिक भास्कर का एक लेख मिला। लेख का शीर्षक इस प्रकार है –“बिजनौर / दो महिलाओं को पसंद आया एक सूट, खरीदने को लेकर एक-दूसरे को पीटा।” लेख के मुताबिक, बिजनौर की एक दुकान में दो महिलाओं के बीच सूट खरीदने को लेकर लड़ाई हो गयी थी। इस घटना के बारे में मराठी समाचारपत्र सामना ने भी 4 जून, 2019 को खबर प्रकाशित की थी।

इसके अतिरिक्त, दैनिक भास्कर ने 5 जनवरी, 2019 के अपने एक अन्य लेख में, इस वीडियो के बारे में खबर प्रकाशित की थी। लेख में इस घटना को भोपाल के चौक बाज़ार का बताया गया है। द क्विंट ने भोपाल के चौक बाज़ार के एक स्थानीय दूकानदार से बात की, जिन्होंने इस बात की पुष्टि की कि यह घटना चौक बाज़ार में ही हुई थी।

इसके अतिरिक्त, आगे सर्च करने पर हमें न्यूज़24 द्वारा 4 जनवरी, 2019 को यूट्यूब पर अपलोड किया हुआ एक वीडियो मिला, जिसमें इस घटना को भोपाल के बाज़ार चौक का बताया गया है। यह ध्यान देने लायक है कि दैनिक भास्कर ने एक ही वीडियो को जनवरी 2019 में भोपाल का और जून 2019 में उत्तर प्रदेश का बताते हुए खबर प्रकाशित की थी।

झूठे दावे से वायरल है यह वीडियो

हमने पाया कि यह वीडियो फेसबुक पर समान दावे वाले दोनों सन्देशों –1, 2– के साथ व्यापक रूप से साझा किया गया है।

यह वीडियो ट्विटर पर भी प्रसारित है।

ऑल्ट न्यूज़ के अधिकृत एप पर भी इस वीडियो की जांच करने के लिए अनुरोध प्राप्त हुए हैं।

इस तरह यह दोहराया जा सकता है कि मध्य प्रदेश के भोपाल में हुई एक पुरानी घटना का वीडियो सोशल मीडिया में इस झूठे दावे से साझा किया गया कि यह शाहीन बाग़ के प्रदर्शन में शामिल हुई महिलाओं के बीच पैसों के बंटवारे को लेकर हुई लड़ाई को दर्शाता है।

[अपडेट: लेख में हमनें वीडियो को पहले उत्तरप्रदेश का बताया था, हालांकि वीडियो भोपाल की घटना से सम्बंधित है। हमें गलती के लिए खेद है।]
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About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.