“कश्मीर में आज फिर एक सैनिक को पिट पिट कर हत्या कर दी गई दोस्तों इंसानियत के नाते आपसे हाथ जोड़कर विनती है की यह विड़ीयो ज्यादा से ज्यादा ग्रुप में भेजना है कल शाम तक हरेक न्यूज़ चैनल में आना चाहिए कोई माई का लाल हीं इसे शेयर करेगा “ इस दावे के साथ पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया पर एक वीडियो फ़ैल रहा है जिसमें भीड़ को एक व्यक्ति पर हमला करते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह व्यक्ति भारतीय सेना में सैनिक है जिसे कश्मीर में स्थानीय लोगों ने क्रूरता से पीटकर हत्या कर दी।
कश्मीर में आज फिर एक सैनिक को पिट पिट कर हत्या कर दी गई
दोस्तों इंसानियत के नाते आपसे हाथ जोड़कर विनती है की यह विड़ीयो ज्यादा से ज्यादा ग्रुप में भेजना है कल शाम तक हरेक न्यूज़ चैनल में आना चाहिए
कोई माई का लाल हीं इसे शेयर करेगाPosted by Dainik Update on Wednesday, 16 May 2018
इस विडियो को सोशल मीडिया के हर प्लेटफॉर्म पर शेयर किया जा रहा है। Modi’fied 2019 नाम के फेसबुक पेज ने भी इस विडियो को इसी दावे के साथ पोस्ट किया है, जिसे 8 हजार से ज्यादा बार शेयर किया गया है और 91 हजार से ज्यादा बार देखा गया है। कई पर्सनल आईडी से भी इस वीडियो को एक ही जैसे शब्दों के साथ शेयर किया जा रहा है, जो फिर से इस ओर इशारा करता है कि यह वीडियो व्हाट्सप्प पर भी फ़ैल रहा है।
यह वीडियो कहाँ की है? क्या यह सच है कि कश्मीर में एक सैनिक की बेरहमी से पीटकर हत्या कर दी गई? ऑल्ट न्यूज़ ने इस दावे की तथ्य-जाँच की और पाया:
1. यह वीडियो अक्टूबर, 2017 की है।
2. इस वीडियो में जिसे बेरहमी से मारा जा रहा है, वह एक भारतीय सेना अधिकारी है।
3. कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के स्थानीय लोगों ने चोटी कटवा समझकर सैनिक पर हमला कर दिया था।
4. उसकी पीटकर हत्या नहीं कर दी गयी थी, लेकिन वह घायल हुआ था।
2017 में कश्मीर घाटी में चोटी-कटवा की रहस्यमय घटनाओं ने वहां के लोगों के बीच क्रोध और अशांति पैदा कर गंभीर रूप ले लिया था, इसी तरह की घटना में संदेहवश एक सैनिक पर हमला किया गया। इस घटना की रिपोर्ट स्क्रॉल, ग्रेटर कश्मीर और कश्मीर मॉनिटर ने दी थी। टाइम्स नाउ, इंडिया टुडे और पत्रिका ने भी इस घटना की सूचना दी थी जो अक्टूबर 2017 में हुआ था। इस घटना का एक वीडियो कश्मीर आधारित समाचार संगठन ग्रेटर कश्मीर द्वारा भी प्रकाशित किया गया था जिसे नीचे देखा जा सकता है।
उपर जो विडियो पोस्ट किया गया है वो झूठे दावे के साथ फैलाया जा रहा विडियो से अलग है। पड़ताल करने के लिए कि ये दो वीडियो एक ही घटना के हैं, ऑल्ट न्यूज़ ने दो वीडियो को फ्रेम-दर-फ्रेम में तोड़कर विश्लेषण किया और तुलना की, जिसे नीचे देखा जा सकता है। बायीं तरफ जो स्क्रीनशॉट हैं, वो वायरल विडियो से लिया गया है जबकि दायीं तरफ जो स्क्रीनशॉट हैं, वो ग्रेटर कश्मीर के विडियो से लिया गया है जो 17 अक्टूबर, 2017 को प्रकाशित की गई थी।
यह पहली बार नहीं है कि इस विशेष वीडियो को हाल की घटना बताकर शेयर किया गया है। दो महीने पहले भी यह वीडियो इसी दावे के साथ सोशल मीडिया पर फ़ैल रहा था और सिर्फ एक पोस्ट को लगभग 5000 बार शेयर किया गया था। इससे पहले ऑल्ट न्यूज़ ने बताया था कि किस तरह जम्मू-कश्मीर में पुलिस पर हमले की 2010 में ली गई एक तस्वीर को हाल के घटना के रूप में प्रसारित किया जा रहा था। इस तरह के पोस्ट कश्मीर के स्थानीय लोगों के बीच और कश्मीर और भारत के अलग क्षेत्रों के बीच तनाव और अविश्वास को बढ़ाते हैं।
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.