20 दिसंबर, 2022 को उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी ज़िले में कथित रूप से रेलवे की ज़मीन पर रहने वाले लगभग 50 हज़ार लोगों को वहां से हटने का आदेश दिया. इसके बाद वहां रह रहे लोगों ने ये ज़मीन रेलवे का नहीं होने का दावा करते हुए लगातार विरोध प्रदर्शन किया. ये निष्कासन 10 जनवरी से शुरू होना था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हल्द्वानी में चार ​हज़ार से ज़्यादा घरों को तोड़ने पर रोक लगा दी है.

इस मामले के संदर्भ में सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जाने लगा जिसमें रेलवे पटरियों के किनारे झुग्गी बस्तियों को दिखाया गया है. लोग इसे शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि ये वीडियो हल्द्वानी का है. वीडियो को ध्यान से देखने पर ऐसा लगता है कि ट्रेन के अंदर से रिकॉर्ड किए गए दो वीडियो को जोड़कर इसे बनाया गया है.

FF Hacker नामक एक यूज़र ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि इसमें हल्द्वानी के पास अवैध अतिक्रमण की झलक दिखाई गई है. इस वीडियो को ट्विटर पर 5 हज़ार से ज़्यादा बार देखा गया है. (आर्काइव लिंक)

दूसरे ट्विटर अकाउंट्स ने भी ये वीडियो शेयर किया है. शेयर किये गए ये सभी वीडियो एक जैसे हैं, लेकिन सबका ड्यूरेशन अलग-अलग है. इनमें से कुछ 45-सेकंड के हैं और ऊपर बताया गया एक वीडियो 1 मिनट 25 सेकेंड का है. (उदाहरण यहां और यहां देखे जा सकते हैं)

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फ़ैक्ट-चेक

क्लिप को ध्यान से देखने पर FF हैकर द्वारा शेयर किए गए वीडियो में 0.06 सेकेंड पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का एक पोस्टर दिखाई देता है.

यूट्यूब पर की-वर्ड्स सर्च से हमें सुकमल चक्रवर्ती नाम के यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो का एक लंबा वर्जन मिला जिसे 2017 में अपलोड किया गया था. इसके टाइटल के मुताबिक, वीडियो कोलकाता का है.

इसके अलावा, यूट्यूब वीडियो में हमने एक रेलवे ब्रिज के सामने एक साइन बोर्ड देखा. इसपर लिखा था ‘Tolly Nalah.’ Tolly Nalah या Tolly Nullah दक्षिण कोलकाता में एक प्रमुख नहर है जो शहर के जल निकासी का मुख्य सहारा है. इसे गूगल मैप पर लोकेट किया जा सकता है.

सुकमल चक्रवर्ती ने टेलीफ़ोन पर हुई बातचीत के दौरान ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “बजबज से टॉलीगंज रेलवे स्टेशन की यात्रा के दौरान मैंने कोलकाता में ये वीडियो रिकॉर्ड किया था.” ये पूछने पर कि क्या उन्हें सटीक जगह याद है, उन्होंने कहा, “ये बहुत समय पहले रिकॉर्ड किया गया था, इसलिए दुर्भाग्य से मैं आपको सटीक जगह नहीं बता सकता.”

कुल मिलाकर, कोलकाता के 2017 का एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया गया कि ये हल्द्वानी का है. जबकि इसमें बजबज से टॉलीगंज तक रेलवे ट्रैक के किनारे झुग्गी बस्तियों को दिखाया गया है.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.