गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड के पूरे घटनाक्रम के बाद जिस किसान आन्दोलन के अस्तित्व को लेकर सवाल खड़े हो रहे थे, आज वो पूरे देश में व्यापक स्तर पर फैल रहा है. 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान पुलिस और किसानों के बीच झड़प हुई. प्रदर्शन कर रहे किसानों के कुछ समूह काबू से बाहर हो गए और पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करना पड़ा. हरियाणा और यूपी के जाट अपने नेता राकेश टिकैत के नेतृव में इस आन्दोलन को पूरा समर्थन दे रहे हैं.

इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें लोगों का एक समूह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुणगान कर रहा है. लोग मोदी को समर्पित भजन गा रहे हैं. लोगों ने ये वीडियो शेयर करते हुए दावा किया कि दिल्ली का जाट समुदाय मोदी का गुणगान कर रहा है. वीडियो के साथ वायरल कैप्शन है, “दिल्ली के जाटों द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का गुणगान.”

ट्विटर यूज़र @RohitSh66826008 ने ये वीडियो शेयर किया जिसे आर्टिकल लिखे जाने तक 450 से ज़्यादा लोग रीट्वीट कर चुके हैं.

वीडियो फे़सबुक पर भी खूब वायरल हो रहा है. फे़सबुक पेज ‘बोल पानीपत’ के वीडियो को ये आर्टिकल लिखे जाने तक 2 लाखसे ज़्यादा लोग देख चुके हैं.

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*दिल्ली के जाटों द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का गुणगान- मोदी चालीसा*
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Posted by Bol Panipat on Tuesday, February 2, 2021

फ़ैक्ट-चेक

हमने इस वीडियो में बार-बार दोहराई जा रही लाइन ‘जुग जुग जियो नरेंद्र मोदी’ यूट्यूब पर सर्च किया. हमें एक यूट्यूब चैनल JMV INDIA पर यही वीडियो मिला जिसे 11 जनवरी, 2020 को अपलोड किया गया था. वीडियो के बारे में कोई कोई जानकारी नहीं दी गयी है. पाठकों को मालूम हो कि उस समय दिल्ली समेत पूरे देश में CAA और NRC के खिलाफ़ प्रदर्शन चल रहे थे.

ऑल्ट न्यूज़ वीडियो का मुख्य स्रोत पता करने में असमर्थ था. लेकिन वीडियो में धारा 370 ख़त्म करने और राम मंदिर पर फ़ैसला आने की बात हो रही है. इससे मालूम होता है कि ये वीडियो सितम्बर 2019 और जनवरी 2020 के बीच का है.

एक बात और गौर करें कि फे़सबुक पेज ‘बोल पानीपत’ ने लाइव वीडियो स्ट्रीम किया है. लेकिन साल भर पुराना वीडियो कोई लाइव कैसे कर सकता है.? हमने इसके बारे में गूगल किया और पता चला ऐसी कुछ तकनीकें हैं जिनकी मदद से पहले से रिकॉर्ड किया हुआ वीडियो भी लाइव की तरह चलाया जा सकता है.

कुल मिलाकर, ये ज़रूर कहा जा सकता है कि मोदी के गुणगान का वायरल वीडियो, जिसे हाल का बताया जा रहा है, कम से कम एक साल पुराना ज़रूर है. और इसीलिए इसका किसान आन्दोलन से कोई लेना-देना नहीं हो सकता है.


फ़र्ज़ी पत्रकारों की फ़र्ज़ी कहानी से लेकर किसानों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करने वाले BJP वर्कर्स की असलियत तक

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