बायो में खुद को ‘भाजपा कार्यकर्ता’ लिखने वाले ट्विटर यूज़र आक़िब मीर ने एक फ़ोटो शेयर की है इसमें टीन शेड के नीचे एक ही परिवार के 4 लोगों के शव पाइप के सहारे लटके हुए दिख रहे हैं. कैप्शन लिखा, “पाकिस्तान हिंदुओं को मार रहा है. इस तस्वीर में देखिए पाकिस्तान ने जूते बनाने वाले हिंदू को मार डाला.”

रिपब्लिक टीवी के एंकर अर्नब गोस्वामी के पैरोडी ट्विटर हैंडल ने फ़ोटो ट्वीट करते हुए लिखा, “एक पाकिस्तानी मौलवी गाजी सफ़दर ने अपना नल छूने के कारण जूते बनाने वाले एक पाकिस्तानी हिंदू को पीटा. मौलवी उस पर चिल्लाया… तुम नीची जाति के अछूत. उसके बाद उसे बुरी तरह पीटा…इस घटना के बाद पाकिस्तानी हिंदू ने परिवार के साथ आत्महत्या कर ली.”

इसी दावे के साथ फ़ेसबुक पर भी तस्वीर वायरल हुई.

अलग दावे के साथ वायरल तस्वीर

यही फ़ोटो कोरोना वायरस के सन्दर्भ के साथ भी शेयर की जा रही है. मेसेज में दावा किया गया है कि मोदी सरकार इस परिवार को राहत देने में नाकाम रही, जिसकी वजह से पूरे परिवार ने आत्महत्या कर ली. कैप्शन लिखा है, “सरकार के राहत की पोल खोलती हुई एक हृदयविदारक घटना…क्या देश को इस हृदय विदारक घटनाओं का ज़िक्र केंद्र सरकार के किसी मंत्री या अधिकारी द्वारा अफ़सोस करते दिखी….?मोदी जी-आप ये किस तरह का नया भारत बना चुके हैं…!”

फ़ैक्ट-चेक

हमने ये फ़ोटो लेकर गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें बच्चों की हत्या के बाद आत्महत्या की ख़बर के कई लिंक्स मिले. ये हत्या और आत्महत्या की वो केटेगरी है जिसमें बच्चे विक्टिम होते हैं और उनके पेरेंट्स उन्हें मौत के मुंह में ले जाने वाले होते हैं.

ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) के फ़ोरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकोलॉजी डिपार्टमेंट की टीम ने यह रिपोर्ट लिखी थी. पिछले साल अक्टूबर में यह प्रकाशित हुई थी. रिपोर्ट के मुताबिक एक परिवार के 4 सदस्य – माता, पिता और दो बच्चों के शव झोपड़ी में छत से एक लोहे की पाइप से लटके पाए गए. जांच अधिकारियों को वारदात की जगह पर विरोध के कोई सबूत नहीं मिले. हालांकि वहां से ज़हरीला पदार्थ बरामद किया गया था. मृत बच्चों के कपड़ों पर उल्टी के दाग पाए गए. शवों की फ़ोरेंसिक जांच में आत्महत्या की बात सामने आई. परिवार में केवल 11 साल का एक बच्चा बचा है जो शवों को देखने के बाद पास के मंदिर की तरफ़ भाग गया था. रिपोर्ट में कहा गया है, “पुलिस ने बच्चे, मंदिर के पुजारी और देख-रेख करने वालों से पूछताछ की, जिससे पता चला कि पति-पत्नी पिछले कुछ दिनों से भारी तनाव में थे क्योंकि अपना कर्ज़ नहीं चुका पा रहे थे. संभवतः इसी कारण से उन्होंने ये खतरनाक कदम उठाया.”

रिपोर्ट के लेखकों में से एक नवनीत अटेरिया ने बूम लाइव को बताया कि घटना जोधपुर के भकरी गांव में अगस्त 2017 में घटी थी.

उस समय दैनिक जागरण, आज तक और पत्रिका समेत कई मीडिया संस्थानों ने यह ख़बर छापी थी. ख़बरों के मुताबिक यह परिवार तनवारा के भकरी गांव में एक खेत में बने घर में रहता था. वे आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे और कर्ज़ में दबे थे. जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि उनके घर में खाना भी नहीं था. मृतकों की पहचान कानाराम (45), उसकी पत्नी पुष्पा देवी (40) और दो बच्चों के रूप में हुई थी. पुष्पा देवी और उसकी बेटी अक्सर बीमार पड़ती थी लेकिन इलाज के लिए परिवार के पास पैसे नहीं थे. परिवार में केवल एक लड़का बचा है.

पत्रिका ने अपनी रिपोर्ट के साथ वीडियो भी पब्लिश किया है जिसमें बचे हुए बच्चे का स्टेटमेंट है. उसने बताया कि उसके घरवाले रात में एक रस्सी लाए और जब उसने कारण पूछा तो मां रोने लगी और पिता ने उसे दूर भगा दिया. सुबह 3 बजे उसने पाया कि उसका पूरा परिवार मर चुका है.

यानी 2017 में राजस्थान के जोधपुर में घटी घटना की तस्वीर पाकिस्तान में हिंदुओं की हत्या के झूठे दावे के साथ वायरल की जा रही है.

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.