प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 जनवरी को प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में चल रहे कुम्भ मेले में गंगा में पवित्र डुबकी लगाई। इसके तुरंत बाद भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट किया कि पीएम मोदी “इतने वर्षों में कुम्भ की यात्रा करने वाले पहले राज्य-प्रमुख हैं – (अनुवाद)”।
पीएम मोदी, कुम्भ की यात्रा करने वाले पहले प्रधानमंत्री नहीं हैं
मालवीय का दावा दो दृष्टि से गलत है।
पहला, प्रधानमंत्री, राज्य-प्रमुख नहीं होते हैं। वह मंत्रिमंडल के नेता और सरकार की कार्यकारी शाखा के प्रमुख होते हैं। भारत के राष्ट्रपति, राज्य-प्रमुख होते हैं। इस आधार पर, कुम्भ की यात्रा करने वाले पहले राज्य-प्रमुख, भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद थे। वर्तमान राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने खुद ट्वीट किया था कि प्रसाद 1953 में मेला में आए थे।
President Kovind visits Sangam in Prayagraj. This is the first visit by a President to the Kumbh Mela since the visit of President Rajendra Prasad in 1953. pic.twitter.com/JVQPpd2T0a
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 17, 2019
दूसरा, पीएम मोदी, कुम्भ की यात्रा करने वाले पहले प्रधानमंत्री नहीं हैं। देश के पहले प्रधानमंत्री, जवाहरलाल नेहरू ने 1954 में कुम्भ की यात्रा की थी। ‘Pilgrimage and Power: The Kumbh Mela in Allahabad, 1765-1954′ पुस्तक की लेखिका कामा मैकलीन ने ‘1954 के कुम्भ में नेहरू’ की तस्वीर अपनी किताब में शामिल की थी और लिखा, “मेला की अगुवाई करते हुए, प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू व्यक्तिगत रूप से इसकी व्यवस्था में शामिल हो गए और इस स्थल का दौरा किया, भले ही तकनीकी रूप से यह यूपी सरकार का क्षेत्राधिकार था। पौष पूर्णिमा पर मेले की दूसरी यात्रा में, मीडिया फोटोग्राफर्स की मौजूदगी में, उन्होंने संगम के पवित्र जल में अपना हाथ डुबोये रखा… – (अनुवाद)”
केवल नेहरू ही नहीं, बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1977 में कुम्भ की यात्रा की थी। वरिष्ठ पत्रकार तवलीन सिंह ने दावा किया कि वह वहां मौजूद थीं, जब श्रीमती गांधी ने गंगा में डुबकी लगाई थी।
I know she took a dip. I was there. Indira Gandhi was deeply religious. https://t.co/KaE5rGIQ7G
— Tavleen Singh (@tavleen_singh) February 25, 2019
इसलिए, अमित मालवीय का यह दावा कि पीएम मोदी कुम्भ मेला में जाने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं, गलत है क्योंकि जवाहरलाल नेहरू यह यात्रा करने वाले पहले प्रधानमंत्री थे।
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