केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने 14 मार्च को भाजपा मुख्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। बालाकोट हवाई हमले के बाद सरकार का समर्थन नहीं करने का कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए, कानून मंत्री ने कहा कि मीडिया चैनलों ने भारतीय वायुसेना की बदले की सफल कार्रवाई के पर्याप्त सबूत उपलब्ध कराए हैं। जब वे एक कथित वीडियो का हवाला दे रहे थे, जिसमें पाकिस्तानी खुद से 200 लोगों के मारे जाने को स्वीकारते हैं, तब उन्होंने कहा, “भाजपा को टेलीविजन चैनलों पर गर्व है”। उनके संबोधन वाले वीडियो के 13:30वें मिनट पर केंद्रीय मंत्री के इस कथन को सुना जा सकता है, “मैंने एक वीडियो को सुना और देखा, जिसमें पाकिस्तानी सैन्यकर्मी उन लोगों को सांत्वना दे रहे हैं जो रो रहे थे।”
उनके संबोधन का पूरा लिप्यंतरण यहां देखा जा सकता है– “…राहुल गाँधी जी आपको क्या हो गया है?आप सिर्फ दो दिन सरकार के साथ खड़े रहे, दो दिन। बाद में आपने एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाये, फिर आपके नेता सबूत मांग रहे थे तो आप सबूत पर भी खामोश रहे मतलब आप भी उनके स्वर में स्वर मिला रहे है। तीसरा, इतना एविडेंस आज पब्लिक डोमेन में है और आज मैं पार्टी के मन से टीवी चैनल्स का अभिनन्दन करना चाहता हूँ। उन्होंने देश के सामने पुरे एविडेंस को रखा है, वी आर वैरी प्राउड ऑफ़ आल टेलीविज़न चैनल्स। अब हमे तो ये भी सुनने में आया है, देखा हमने की चल रहा है एक वीडियो जिसममें पाकिस्तान के ही लोगो ने दिखाया है की किस तरह से 200 लोग मरे है, रो रहे है और पाकिस्तान के सेना के प्रधान उनको कंसोल करने की कोशिश कर रहे है।”
रविशंकर प्रसाद ने भ्रामक खबर के लिए मीडिया को धन्यवाद दिया
वह कथित वीडियो जिसके बारे में केंद्रीय मंत्री बात कर रहे थे, बालाकोट से संबंधित नहीं है। सोशल मीडिया में प्रसारित और इसके बाद मुख्यधारा मीडिया से लोकप्रिय हुई यह भ्रामक सूचना, ऑल्ट न्यूज़ द्वारा खारिज की गई थी, जो यहाँ पढ़ी जा सकती है।
कई मीडिया संगठनों ने एक वीडियो पोस्ट किया, जिसे अमरीका में रहने वाले गिलगित के कार्यकर्ता द्वारा शेयर किया गया था और जिसके बारे में उनका दावा था कि यह पाकिस्तानी सेनाधिकारी द्वारा 200 आतंकवादियों के मारे जाने को स्वीकार करने का प्रतिनिधित्व करता है। विडंबनापूर्वक, उस कार्यकर्ता ने ANI को यह भी कहा था कि वह वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करते हैं।
#Pakistan military officer admits to “martyrdom” of more than 200 militants during Indian strike on #Balakot. Calls the terrorists Mujahid who receive special favors/ sustenance from Allah as they fight to support PAK government [against enemies]. Vows to support families pic.twitter.com/yzcCgCEbmu
— #SengeSering ས།ཚ། (@SengeHSering) March 13, 2019
आल्ट न्यूज़ ने उस वीडियो क्लिप के ऑडियो को गौर से सुना तो पाया कि पाकिस्तानी सेनाधिकारी और वीडियो के अन्य लोग 200 आतंकवादियों के मारे जाने की नहीं, बल्कि केवल एक व्यक्ति की मृत्यु की बात कर रहे थे।
ऑडियो में जो कहा गया, यहां है — “ये रुतबा अल्लाह के कुछ ख़ास बन्दों को नसीब होता है. आपको पता है की कुछ 200 बन्दे ऊपर गए थे? इसके नसीब में लिखा हुआ था शहादत. हम रोज़ाना चढ़ते है, जाते है, आते है। तो ये अल्लाह के ख़ास बन्दे, जिसपे करम होता है, जिसपे उनकी ख़ास नज़र-ओ-करम होती है, उसको ये नसीब होता है…परेशान नहीं होना तुम्हारा वालिद मरा नहीं है, ज़िंदा है। मरा हुआ नहीं बोलत। “
उस बच्चे से बात करते हुए, जिसे पाकिस्तानी सेनाधिकारी की गोद में बैठे हुए देखा जा सकता है, कैमरे के पीछे से कोई कहता है कि उसे अपने पिता की मृत्यु पर नहीं रोना चाहिए। कुछ 200 लोग ऊपर (पहाड़ों या पहाड़ियों पर) गए, लेकिन केवल उस बच्चे के पिता नहीं लौटे।
ऑल्ट न्यूज़ ने उस व्यक्ति के दफन संस्कार का वीडियो भी खोजा, जिसमें वायरल वीडियो से मिलते-जुलते दृश्य दिख रहे हैं।
احسان اللہ شہید جنازے کا ایک خوبصورت منظر ۔
Posted by شینگاڑہ درہ نیوز on Saturday, 2 March 2019
वीडियो में और भी कई संकेत विद्यमान हैं जो सुझाते हैं कि यह बालाकोट हवाई हमले के बाद का प्रतिनिधित्व नहीं करता। उदाहरण के लिए, वीडियो की पृष्ठभूमि में मोटी बर्फ है, जबकि बालाकोट की स्थल रिपोर्टों में इसका कोई निशान नहीं है।
आल्ट न्यूज़ पाकिस्तानी मीडिया स्रोतों तक पहुंचा, जिन्होंने बताया कि मृतक एक असैनिक कुली/बोझ उठाने वाला, अहसानुल्ला था। उसे 28 फरवरी को एक सेना यूनिट की सहायता करते हुए दिल का दौरा पड़ा था। अहसानुल्ला की दफन विधि 1 मार्च को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रान्त में ऊपरी दिर जिले के सिंघारा दारोरा में हुई। हमने गूगल मैप्स में देखा, यह स्थान बालाकोट से कम से कम 300 किमी दूर है।
आल्ट न्यूज़ की विस्तृत जांच रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है।
पुलवामा हमले और बालाकोट में 26 फरवरी के हवाई हमले के बाद से, न केवल सोशल मीडिया, बल्कि मुख्यधारा मीडिया भी नकली समाचारों के दुष्चक्र के महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बन गए हैं। यही नहीं, हमने देखा है कि राजनीतिज्ञ भी भ्रामक सूचनाओं को प्रसारित करने में संलिप्त रहने से खुद को अलग नहीं रख पाए हैं। न केवल कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सार्वजनिक संबोधन में भ्रामक वीडियो का हवाला दिया, बल्कि केंद्रीय मंत्री शांडिल्य गिरिराज सिंह ने इसे ट्विटर पर शेयर भी किया।
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.