अर्पिता चटर्जी नाम की एक यूज़र ने 23 नवम्बर को एक तस्वीर ट्वीट करते हुए कहा कि साथ में दिख रही तस्वीर को ‘लिबरांड़ुओं’ तक पहुंचाया जाना चाहिए. तस्वीर में हिजाब पहनी एक महिला एक तख्ती लिए खड़ी है जिसपर लिखा है – “मुसलमानों में आज तक “शिया और सुन्नी” भाई बहन नहीं हो पाए…! और कुछ मुर्ख हिन्दू कहते हैं हिन्दू-मुस्लिम भाई-भाई.”

 

ऐसी ही एक तस्वीर मार्च 2019 में शेयर की जा रही थी लेकिन इस तख्ती पर नरेंद्र मोदी के समर्थन में मेसेज लिखा था. लिखा था, “Modi को अपना घर भरना होता तो वह 13 साल गुजरात का CM रह कर भर लेता| उसे कुर्सी से नहीं, सिर्फ अपने देश से प्रेम है” इस संदेश से यह दर्शाने का प्रयास किया गया है कि एक मुस्लिम महिला पीएम मोदी के समर्थन में खड़ी है. हिजाब पहने और प्लाकार्ड पकड़े महिला की इसी तस्वीर के साथ, एल्विस बाबू नामक एक फ़ेसबुक यूजर के पोस्ट को 5,000 से ज्यादा शेयर मिले.

यह पोस्ट व्हाट्सऐप पर भी ख़ूब फ़ॉरवर्ड हुआ.

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि प्लाकार्ड पर छपा संदेश कम से कम दिसंबर 2017 से फेसबुक और ट्विटर पर वायरल है.

फ़ैक्ट-चेक

एक गूगल रिवर्स इमेज सर्च से पता चला कि इसमें एडिट करके प्लाकार्ड पर पीएम मोदी के समर्थन में संदेश लिखा गया है. असली तस्वीर में छपे संदेश में लिखा है, “मैं मुस्लिम हूँ, लेकिन मैं अरब नहीं हूँ.”

एक ब्लॉग पोस्ट के अनुसार, उपरोक्त तस्वीर अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ़ मैरी वाशिंगटन के इस्लामिक स्टूडेंट्स एसोसिएशन द्वारा रूढ़िवादी सोच के ख़िलाफ़ आयोजित एक अभियान का हिस्सा है. वायरल हो रहा ये दावा AFP फ़ैक्ट-चेक द्वारा भी ख़ारिज किया गया था.

 

यानी, एक ऐसी तस्वीर जिसे पहले पीएम मोदी के समर्थन में लिखे मेसेज के साथ एडिट किया गया था. अब उसे ही मुस्लिमों के ख़िलाफ़ खड़ी मुस्लिम महिला के तौर पर शेयर किया जा रहा है.

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.