भारतीय सेना के दिग्गज, मेजर सुरेंद्र पूनिया ने एक वीडियो ट्वीट किया, जिसमें आंखों पर पट्टी और पीठ पीछे हाथ बंधे लोगों के बेंत से पिटाई करते सैन्य वर्दीधारी कर्मियों का एक वीडियो ट्वीट किया। यह वीडियो ट्वीट करते हुए उन्होंने दावा किया कि ये पाकिस्तानी सेना की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) के कमांडो हैं जो “पाकिस्तान में केच जिले के मंड क्षेत्र में बलूच स्वतंत्रता सेनानियों” को सजा दे रहे हैं।
Barbaric !
Pak army’s SSG beating Baloch freedom fighters in Mand Area of Kech District in Pakistan !
The way Pakistan treating Ppl of
Balochistan..Soon a new nation will come up on the Map.@amnesty @hrw @UN What about Human Rights of Baloch People ? Aren’t they HUMAN ?? pic.twitter.com/n7KkgMU22Y— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) March 12, 2019
माय नेशन ने अलग संदेश के साथ वीडियो शेयर किया
12 मार्च को माय नेशन ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की जिसका शीर्षक था, “अपने ही सुरक्षा बलों की पिटाई करता ‘शांतिप्रिय’ पाकिस्तान”-(अनुवाद). उसी वीडियो पर आधारित इस लेख में कहा गया, “माय नेशन द्वारा हासिल एक वीडियो, पाकिस्तान आर्मी स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) की क्रूरता दिखलाता है, जिन्हें पाकिस्तान फ्रंटियर क्रॉप्स के सैनिकों को क्रूरतापूर्वक पीटते देखा जा सकता है, जो अपनी चौकियों को छोड़कर भाग गए थे, जब बलोच रिपब्लिक आर्मी (BRA) के सैनिकों ने उनपर हमला किया था।”– (अनुवादित) इस रिपोर्ट के अनुसार, बलोच रिपब्लिक आर्मी के सैनिकों ने 27 फरवरी 2019 को पाकिस्तानी सेना विरोधी नारे लगाते हुए पाकिस्तानी सेना की चौकी पर हमला किया, जिसके बाद पाकिस्तान फ्रंटियर कोर के सैनिक वह स्थान छोड़कर भाग गए। माय नेशन द्वारा प्रचारित यह संदेश सुझाता है कि यह वीडियो, 27 फरवरी को पाकिस्तान फ्रंटियर कोर के सैनिकों के चौकी से भागने की उस घटना से संबंधित है।
SSG कमांडो प्रशिक्षण का वीडियो
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि ये पाकिस्तान के SSG कर्मी हैं जो दूसरे सैनिकों को यातना सहने के अभ्यास का प्रशिक्षण दे रहे हैं। हमने “SSG cammando training” कीवर्ड्स से यूट्यूब पर खोज की तो हमें 5 फरवरी 2019 को पोस्ट किया हुआ “Pak Army SSG training” शीर्षक वाला यही वीडियो मिला। माय नेशन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह वीडियो, उन पाकिस्तानी सैनिकों की पिटाई की घटना से संबंधित है, जो 27 फरवरी को सेना छोड़कर भाग गए थे; जबकि यही वीडियो यूट्यूब पर कम से कम 5 फरवरी 2019 से उपलब्ध है। इसलिए, माय नेशन के लेख में किया गया मुख्य दावा गलत है।
इस वीडियो के एक-एक फ्रेम को देखने पर, कोई भी, एक कर्मी की टी-शर्ट के पीछे “इंस्ट्रक्टर (instructor)” शब्द लिखा हुआ देख सकता है, जो एक तात्कालिक संकेत है कि यह एक प्रशिक्षण प्रक्रिया है। इसका धीमी गति (slow motion) वीडियो नीचे देखा जा सकता है।
सैनिकों द्वारा पहनी गई पोशाक भी सुझाती है कि ये बलोच स्वतंत्रता सेनानी नहीं, बल्कि पाकिस्तानी सेना के जवान हैं।
यही नहीं, यूट्यूब पर कई ऐसे वीडियो उपलब्ध हैं जिनमें सर्वाइवल एविडेंस रेसिस्टेंस एंड एस्केप (SERE) नामक एक प्रशिक्षण मॉड्यूल के तहत SSG कमांडो को सैन्यकर्मियों द्वारा यातना दिए जाते देखा जा सकता है।
उर्दू समाचार चैनल, एक्सप्रेस न्यूज़, की एक रिपोर्ट में भी पाकिस्तानी सेना के जवानों को दिए गए यातना प्रतिरोध प्रशिक्षण के बारे में बताया गया है। नीचे दिए गए वीडियो में 7:20वें मिनट पर, उन्हें अपने प्रशिक्षण मॉड्यूल में प्रदान किए गए खुद को बचाए रखने के कौशल के बारे में बात करते हुए सुना जा सकता है।
पाकिस्तानी सेना के, उनके अपने कर्मियों के साथ SSG प्रशिक्षण का वीडियो, बलूच स्वतंत्रता सेनानियों को पीटते हुए पाकिस्तानी सेना के जवान के रूप में चलाया गया। पहले भी, पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने उसी प्रशिक्षण मॉड्यूल का एक वीडियो, कश्मीरी नागरिकों की पिटाई करती भारतीय सेना के रूप में शेयर किया था।
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