एक प्रमुख पाकिस्तानी पत्रकार और समाचार एंकर हामिद मीर ने एक कश्मीरी को भारत में कथित रूप से टॉर्चर करने का एक भयावह वीडियो शेयर किया है। उन्होंने ट्वीट किया, “कश्मीर में इस टॉर्चर को देखें और देखें कि यह टॉर्चर कौन दे रहा है? कोई यह समझ सकता है कि क्यों भारत पाकिस्तान के साथ वार्ता के लिए तैयार नहीं है? हाँ पाकिस्तान निश्चित रूप से इस टॉर्चर के बारे में पूछेगा।” (अनुवाद) वीडियो में, कुछ लोगों द्वारा एक आदमी को क्रूरतापूर्वक नीचे गिराकर पीटते हुए देखा जा सकता है। यह लिखते समय, मीर के ट्वीट को 9,600 से अधिक बार रीट्वीट और 13,000 से अधिक बार ‘लाइक’ किया गया है। इस्लामाबाद के साथ संवाद रद्द करने के लिए मीर भारत सरकार को आड़े हाथ ले रहे थे। विदेश मंत्रालय (MEA) ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और उनके पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरेशी के बीच बैठक रद्द कर दी थी।
Look at this torture in Kashmir and see who is making this torture?One can understand that why India is not ready for talks with Pakistan?Yes Pakistan will definitely ask about this torture pic.twitter.com/C0nlj0MZP4
— Hamid Mir (@HamidMirPAK) September 21, 2018
पाकिस्तानी गायक रबी पिरजादा ने इस वीडियो को रीट्वीट किया। समा टीवी की समाचार एंकर परस जहाँज़ेब ने भी इस वीडियो को 21 सितंबर, 2018 को ट्वीट किया।
एक पाकिस्तानी उर्दू समाचार चैनल नियो टीवी ने दावा किया कि यह पूछताछ के दौरान एक व्यक्ति को टॉर्चर करने वाली भारतीय सेना है। एंकर को सुना जा सकता है, “यह भारतीय फौजी सिर्फ पूछताछ कर रहे हैं | कोई केहता है ना टार्चर नहीं किया जाता |”
علی حیدر نے وہ ویڈیو چلا دی جسے دیکھ کر بھارتی صحافی کا منہ بند ہو گیا
جب بھارتی صحافی شیتل نے کہا کہ کشمیر میں تو امن ہے پاکستان جھوٹی ویڈیوز بنا کر دنیا کو دیکھاتا ہے تب سید علی حیدر نے وہ ویڈیو چلا دی جسے دیکھ کر بھارتی صحافی کا منہ بند ہو گیا
Posted by Neo Tv Network on Saturday, 22 September 2018
न्यूज़ फ्रॉम कश्मीर नामक एक फेसबुक पेज ने भी इसी तरह के दावे के साथ 5 जुलाई, 2018 को वही वीडियो पोस्ट किया था। एसएमहोक्सस्लेयर ने बलूच रिपब्लिकन पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता शेर मोहम्मद बुगती के ट्वीट में एकदम विरोधाभासी दावा पाया। इसमें दावा किया गया था कि यह पाकिस्तानी सेना द्वारा बलूच छात्र को टॉर्चर करने का वीडियो है। एक और ट्विटर यूजर जिसका ट्वीट 500 से अधिक बार रीट्वीट किया गया था, ने दावा किया कि जिस व्यक्ति पर अत्याचार किया जा रहा है वह बलूचिस्तान का छात्र है और उसे पाकिस्तान सेना द्वारा टॉर्चर की जा रही है।
Please Have a glance: inhuman and degrading treatment of cruel #PakArmy physical torture of innocent #Baloch student. Plz, act trough, General Assembly resolution 39/46 of 10 December 1984. in accordance with article 27 (1) @unhcr @hrw @UN @UNHumanRights pic.twitter.com/d3bjyNAEf3
— Sher Mohammad Bugti (@SherM_BRP) July 4, 2018
हालांकि, कई ट्विटर हैंडल ने दावा किया कि सोशल मीडिया में शेयर किया जा रहा वीडियो, जिसमें नियो टीवी द्वारा प्रसारित वीडियो भी शामिल है, वह, विशेष सेवा समूह (एसएसजी) कमांडो के एसईआरई (SERE) प्रशिक्षण पद्धति का प्रतिनिधित्व करता है। इसे टॉर्चर सहने के प्रशिक्षण के तौर पर जाना जाता है। एसईआरई (SERE : Survival, Evasion, Resistance and Escape) का मतलब जीवित रहना, बचना, टिकना और बचकर निकल जाना है। एसएसजी पाकिस्तानी सेना का प्राथमिक विशेष ऑपरेशन बल है।
सच क्या है?
उपर्युक्त ट्वीट के दावे के आधार पर, ऑल्ट न्यूज़ ने “एसएसजी ट्रेनिंग पाकिस्तान” (SSG training Pakistan) कीवर्ड के साथ यूट्यूब पर खोज की तो जुलाई 2017 में पोस्ट किया गया एक वीडियो मिला, जिसका शीर्षक था- “पाकिस्तान एसएसजी कमांडो प्रशिक्षण में जीवित रहने के तरीके”। इस वीडियो में दी गई जानकारी के आधार पर, हमने “सर्वाइवल एसएसजी पाकिस्तान आर्मी” (Survival SSG Pakistan army) कीवर्ड के साथ एक और यूट्यूब खोज की। इस खोज के नतीजों में कई वीडियो सामने आये जिनमें सैनिक एक व्यक्ति को क्रूरतापूर्वक चाबुक से मार रहे थे। नीचे दिए गए वीडियो में, 6:14 पर, स्क्रीन पर एक कैप्शन आता है, “नंबर 3: सजा के साथ जीवित रहने का प्रशिक्षण”। इस वीडियो में दिखाए गए टॉर्चर का स्वरूप उस वीडियो के समान है जो हामिद मीर ने अपनी ट्विटर टाइमलाइन पर शेयर किया था।
https://www.youtube.com/watch?v=M0tZZgVelE8
यदि कोई गौर से देखे तो चाबुक/बेल्ट और जिस तरीके से व्यक्ति को नीचे गिराकर चाबुक से मारा गया है, वह दोनों वीडियो में समान है।
हामिद मीर द्वारा शेयर किए गए उसी वीडियो में 0:17 सेकेंड पर पाकिस्तान का राष्ट्रीय झंडा एक पल के लिए देखा जा सकता है, लेकिन केवल तभी, जब स्क्रीनशॉट का एक्सपोजर (brightness) बढाया गया हो। एसएमहोक्सस्लेयर इसे इंगित करने वाले पहले थे।
इसके अलावा, दोनों वीडियो में कर्मियों द्वारा पहने जूते मेल खाते हैं। नवभारत टाइम्स ने पाया कि वीडियो में कर्मियों द्वारा पहने गए जूते पाकिस्तानी सेना की वर्दी का हिस्सा हैं।
हमें गेट्टी तस्वीरों से वैसे ही जूते पहने पाकिस्तानी सैनिकों की पुष्टि करने वाली तस्वीर मिली। पाकिस्तानी सेना द्वारा पहने जाने वाले जूते का रंग एक जैसा है और इन तीनों तस्वीरों में इसे देखा जा सकता है।
इसके अलावा, ऑल्ट न्यूज़ को एक्सप्रेस न्यूज़ नामक पाकिस्तानी उर्दू समाचार चैनल द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट का वीडियो फुटेज मिला। संवाददाता के मुताबिक, वह नौशेरा जिले के चेरत में एसएसजी मुख्यालय में होने का दावा करते हैं। उन्हें यह बताते हुए सुना जा सकता है कि कैसे कर्मियों को टॉर्चर सहने और कोई भी महत्वपूर्ण जानकारी प्रकट नहीं करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
एसएमहोक्सस्लेयर और नवभारत टाइम्स ने पहले ही इस दावे की जांच की थी और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि यह बलूच या पख़्तून पर हमला करने वाली पाकिस्तान सेना का वीडियो है। हालांकि यह सच है कि वीडियो पाकिस्तान से है और कई जांच के आधार पर पाकिस्तानी सेना को ही दर्शाता है, फिर भी, यह किसी बलूचि को टॉर्चर करने वाला वीडियो नहीं, बल्कि संभावना है कि यह पाकिस्तान के एसएसजी द्वारा किए गए एसईआरई प्रशिक्षण का वीडियो है।
पाकिस्तानी पत्रकारों को कई बार सूचित किए जाने के बावजूद कि यह वीडियो भारतीय सेना द्वारा कश्मीरियों को टॉर्चर करने का नहीं है, फिर भी उन्होंने न तो अपने ट्वीट हटाए और न ही कोई स्पष्टीकरण जारी किया।
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.