सोशल मीडिया में प्रसारित दावे के मुताबिक, महाराष्ट्र के गोंदिया जिले के प्रतापगढ़ में एक 400 साल पुरानी शिव की प्रतिमा को मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने खंडित कर दिया। इस दावे को पहले एक ट्विटर उपयोगकर्ता @craziestlazy ने प्रसारित किया था (आर्काइव)।
This place has a Shiv Temple and a big statue of Shiva which had been build Hindu King 400 years ago
This place also have a Dargah of sufi sant ‘Khawaja Usman Gani Haruni’ which was build by Muslim ruler later
So for both Hindu and Muslim have special bond to this place but.
2/n pic.twitter.com/kE0ewQlekK— Ā̷̢̅̈͆̉̔̚bhyuday HMP (@craziestlazy) July 26, 2019
इसे एक अन्य संदेश के साथ भी साझा किया गया है, जिसके मुताबिक यह घटना मोरगांव में हुई थी –“हिंदुओ के पवित्र सावन महीने में महाराष्ट्र के मोरगांव में महादेव की प्राचीन मंदिर में तोड़फोड़ की गई और महादेव की मूर्ति को आग लगा दी गयी। Narendra Modi क्या सिर्फ हिन्दू पर ही अत्याचार होगा? कभी प्रसादमें ज़हर मिला कर कभी मंदिर, मूर्तियों पर हमला करके? कहा गए #IntoleranceGang”।
मोरगांव में हुई घटना के दावे के साथ यह संदेश कन्नडा भाषा में भी प्रसारित है –“ಮಹಾರಾಷ್ಟ್ರದ ಮೊರ್ಗಾವ್ ಎಂಬ ಪ್ರದೇಶದಲ್ಲಿ ಇರುವ ಹಿಂದೂಗಳ ಪ್ರಾಚೀನ ಧಾರ್ಮಿಕ ಸ್ಥಳದಲ್ಲಿರುವ ಶಿವನ ದೇವಾಲಯವನ್ನು ಧ್ವಂಸ ಮಾಡಿ, ಅಲ್ಲಿದ್ದ ಮೂರ್ತಿಗೆ ಬೆಂಕಿ ಹಚ್ಚಲಾಗಿದೆ..! ಹಿಂದೂಗಳೇ ನಾವು ಈಗಲೂ ಎಚ್ಚೆತ್ತುಕೊಳ್ಳದಿದ್ದರೆ ಮುಂದೆ ಬಹುದೊಡ್ಡ ಅನಾಹುತ ಕಾದಿದೆ..!”
सच क्या है?
गूगल पर संबधित की-वर्ड्स से सर्च करने पर हमें द वीक द्वारा प्रकाशित PTI का एक लेख मिला। लेख के अनुसार, पुलिस की प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि गोंदिया जिले के मोरगांव के अर्जुनी तहसील में एक पहाड़ी पर स्थापित शिव की मूर्ति संभवत बिजली गिरने के कारण खंडित हुई है। इससे यह पता लगता है कि मूर्ति के ऊपर के हिस्से में जलने का निशान है, लेकिन नीचले हिस्से में नहीं है। यह समझ से बाहर है कि लोग इसके नीचले हिस्से के बजाय ऊपरी भाग को जलाने के लिए 15 फीट की विशाल मूर्ति पर चढ़ गए।
ऑल्ट न्यूज़ ने अर्जुनी मोर्गन पुलिस स्टेशन से संपर्क किया, जिन्होंने हमें बताया कि शायद तेज़ आंधी-तूफान के कारण यह मूर्ति खंडित हुई है। पुलिस ने बताया कि –“हमने प्रारंभिक जांच में पाया कि शायद बिजली के कारण यह हादसा हुआ है और हम आगे कि जांच के लिए सबूत इक्कठा कर रहे हैं।” जब उनसे पूछा गया कि क्या मुस्लिम समुदाय द्वारा यह किया गया है या ऐसी कोई खबरें आयी है, तो उन्होंने इनकार करते हुए कहा कि हमारी जांच में अभी तक ऐसा कुछ सामने नहीं आया है।
शिव की मूर्ति, जो शायद बिजली के कारण खंडित हुई है, इसकी तस्वीरों को सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओ ने मुस्लिम समुदाय द्वारा तोड़े जाने के झूठे दावे से साझा किया है।
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