एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल है. ट्वीट में एक आर्टिकल का लिंक शेयर करते हुए फ़ाइज़र के वाइस प्रेसीडेंट की गिरफ़्तारी का दावा किया गया है. वायरल स्क्रीनशॉट में लिखा है, “फाइज़र के वाइस प्रेसीडेंट को उनके घर से गिरफ़्तार किया गया है और अमेरिकी फ़ेडरल एजेंटों द्वारा उनपर धोखाधड़ी के कई मामलों का आरोप लगाया गया है.”
महागुरु नाम के एक यूज़र ने ये स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, “अंतर्राष्ट्रीय दबाव के आगे न झुकने और हमें बचाने के लिए भारत सरकार का धन्यवाद”. (आर्काइव लिंक)
Giving credit where its due, thank you GoI for not yielding to international pressure and saving us! pic.twitter.com/jvGkeTaYfI
— Mahaguru (@wittymaharia) May 11, 2022
एक यूज़र ने वायरल स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, “केवल 12% वैक्सीन प्रभावकारिता और गंभीर दुष्प्रभाव दिखाने वाले दस्तावेज़ लीक होने के बाद फ़ाइज़र समूह के वाइस प्रेसीडेंट को गिरफ़्तार किया गया. हमारी सरकार को धन्यवाद कि भारत में फाइज़र की अनुमति नहीं थी. याद कीजिए कि कैसे केजरीवाल, उद्धव ठाकरे और अशोक गहलोत ने फाइज़र वैक्सीन की खुलकर वकालत की थी.” (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
राइट विंग प्रोपगेंडा वेबसाइट के CEO राहुल रौशन ने भी ऐसे दावे वाले एक ट्वीट को रीट्वीट किया. (आर्काइव लिंक)
इसी प्रकार कई और यूज़र्स ने भी ये स्क्रीनशॉट इसी दावे के साथ ट्वीट किया.
फ़ैक्ट-चेक
हमने देखा कि जो ट्वीट वायरल हुआ है वो ट्विटर हैन्डल ‘@tlloydjones’ से किया गया है. इस यूज़र ने 7 मई को एक आर्टिकल ट्वीट करते हुए फ़ाइज़र के वाइस प्रेसीडेंट की गिरफ़्तारी का दावा किया था. साथ ही इसी ट्वीट थ्रेड में यूज़र ने लिखा, “आश्चर्यजनक रूप से ये किसी मुख्य समाचार आउटलेट्स के लिए ‘रिपोर्ट करने लायक’ नहीं है. क्या आप अभी जाग रहे हैं!”
वायरल स्क्रीनशॉट में ‘vancouvertimes.org’ वेबसाइट का लिंक दिखता है. जब हमने इस ट्वीट में मौजूद आर्टिकल की वेबसाइट के अबाउट सेक्शन में देखा तो पाया कि इसमें साफ तौर पर लिखा है कि ये एक मज़ाकिया वेबसाइट है. और इसपर व्यंग्यात्मक आर्टिकल्स लिखे जाते हैं.
बाद में इस वेबसाइट ने आर्टिकल अपडेट करते हुए इसके अंत में लिखा कि ये एक व्यंग्य के तौर पर लिखा गया आर्टिकल है.
कुल मिलाकर, फ़ाइज़र के वाइस प्रेसीडेंट की गिरफ़्तारी के बारे में मज़ाकिया तौर पर एक आर्टिकल लिखा गया था जिसे कई यूज़र्स ने असली मानकर शेयर किया गया. इससे पहले भी फ़ाइज़र की वैक्सीन को लेकर सोशल मीडिया पर ग़लत दावे किये गए थे.
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.