सोशल मीडिया फ़्रांस का बताकर एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो के बैकग्राउंड में अज़ान सुनाई दे रहा है. साथ ही एक मस्जिद के पास काफी बड़ी संख्यां में लोगों की भीड़ को सड़क पर नमाज़ अदा करते हुए देखा जा सकता है.
सुदर्शन न्यूज़ के सागर कुमार ने 1 सितम्बर 2022 को ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “यह पेरिस में शुक्रवार है देखो और रोओ। यह कल भारत की तस्वीर है अगर तुम नहीं जागे तो”.
यह पेरिस में शुक्रवार है देखो और रोओ।
यह कल भारत की तस्वीर है अगर तुम नहीं जागे तो। pic.twitter.com/ucOXLa3s8S
— Sagar Kumar “Sudarshan News” (@KumaarSaagar) September 1, 2022
सुदर्शन न्यूज़ के जुड़े आलोक झा ने भी ये वीडियो शेयर किया और भारत में ‘जिहादियों’ की आबादी बढ़ रही है इसीलिए जनसंख्या नियंत्रण क़ानून लायी जाए. आलोक झा ने लिखा, “ये पेरिस की “सड़क” है !
कुछ वर्षों में पेरिस में “जिहादियों” की आबादी लगातार बढ़ रही है”.
ये पेरिस की “सड़क” है !
कुछ वर्षों में पेरिस में “जिहादियों” की आबादी लगातार बढ़ रही है । अपने देश में भी जिहादीयों की आबादी लगातार बढ़ रही है ।
इसलिए जनसंख्या नियंत्रण क़ानून ज़रूरी है । pic.twitter.com/WFZ0IbYauv— ALOK JHA (@STVAlok) August 29, 2022
ट्विटर यूज़र @jag_ind ने भी ये वीडियो शेयर करते हुए ऐसा ही दावा किया. इस वीडियो को 80 हज़ार से ज़्यादा व्यूज़ मिले हैं.
It’s Friday in Paris Look and cry . This is India’s picture tomorrow if you don’t wake up cc @KapilMishra_IND pic.twitter.com/QKBXGlIWyg
— Jagat D (@jag_ind) August 29, 2022
मई 2022 से वायरल
ये वीडियो मई महीने से इसी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. उस वक्त इसे शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा था, “25 साल पहले, फ्रांस ‘लिबरल मानवता’ का पाठ रट रहा था.. अब उसे ‘सबक’ मिल रहा है.. फ्रांस के नागरिकों के पास चलने के लिए जगह नहीं है..”
25 साल पहले फ्रांस ‘लिबरल-मानवता’ का पाठ रट रहा था…अब उसे ‘सबक’ मिल रहा है..
आम फ्रांस के नागरिकों के पास चलने को रास्ता नहीं है. pic.twitter.com/dDsYxLDFqW
— Madan Singla (@msinglabjp) May 8, 2022
वीडियो फ़ेसबुक पर भी शेयर किया गया था.
फ़ैक्ट-चेक
हमने वायरल वीडियो के एक फ़्रेम को यांडेक्स पर रिवर्स इमेज सर्च किया. सर्च परिणाम में 17 जुलाई, 2015 का एक ट्वीट मिला. इस ट्वीट में वायरल वीडियो में दिख रहे सोने और हरे रंग की मीनारों वाली यही मस्जिद दिख रही है. इस ट्वीट में रूसी न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट का लिंक है जिसमें 2015 में मास्को में मुसलमानों के ईद-उल-फितर मनाए जाने की ख़बर है.
Мусульмане отмечают Ураза-байрамhttp://t.co/KDfERJJAUg pic.twitter.com/377jfGKVx4
— Первый канал (@channelone_rus) July 17, 2015
नीचे वायरल वीडियो के एक फ़्रेम और न्यूज़ रिपोर्ट की तस्वीर में समानता देखी जा सकती है. मस्जिद के पीछे एक जैसी बिल्डिंग भी मौजूद है.
मस्जिद की तस्वीर को क्रॉप करके गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर, हमें मालूम चला कि वायरल वीडियो में दिख रही मस्जिद रूस के पेरुलोक वायपोलज़ोव 7, मॉस्को, 129090 में स्थित मॉस्को कैथेड्रल मस्जिद है.
इसके अलावा, हमने गूगल स्ट्रीट व्यू का इस्तेमाल करके मॉस्को कैथेड्रल मस्जिद देखा जहां हमें मस्जिद के पीछे वही बिल्डिंग मिली.
इस तरह ये साबित होता है कि वायरल वीडियो में दिख रही मस्जिद फ्रांस में नहीं बल्कि रूस में स्थित है.
हमें कई तस्वीरें और वीडियोज़ भी मिले, जिनमें मस्जिद के आसपास के इलाके में अलग-अलग समय पर भीड़ को ईद की नमाज़ अदा करते हुए लोगों को देखा जा सकता है. इन विज़ुअल्स को देखने से पता चलता है कि वहां लगातार नमाज़ पढ़ी जाती होगी. 5 जून, 2019 की ये वीडियो रिपोर्ट में भी लोगों को नमाज़ पढ़ते दिखाया गया है. 8 सेकेंड /54 सेकेंड पर इस वीडियो में मस्जिद के पीछे भूरे रंग की बिल्डिंग भी दिख रही है.
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