भाजपा सरकार के लाये गए तीन नए कृषि विधेयकों को 17 सितम्बर, 2020 को लोकसभा में पारित किया गया था. देशभर के किसान, खासकर, पंजाब और हरियाणा के किसान नए कानूनों का दिल्ली के बॉर्डर पर नवम्बर से ही विरोध कर रहे हैं.

भाजपा सदस्य तेजिंदर बग्गा ने 20 मार्च, 2021 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की 49 सेकंड की एक क्लिप शेयर की जिसमें वो कह रहे हैं, “कृषि एक ज़रूरी मुद्दा है ये मैं स्वीकार करता हूं. और उसमें कई सारे डायमेंशन हैं सर. सबसे बड़ा डायमेंशन हैं कृषि में कीमत तय करने (एग्रीकल्चर प्राइसिंग) का है. जिस तरह की कीमत हम दे रहे हैं. जो सारे कंट्रोल हमने किसान के ऊपर रखे हुए हैं, इन कंट्रोल्स को भी हटाना पड़ेगा. एक किसान मंडी में ही जाके बेच सकता है, बाहर जाके क्यों नहीं बेच सकता है. दूसरे राज्यों में क्यों नहीं बेच सकता अपने ही राज्यों में क्यों… जितने कंट्रोल्स हमने एक छोटे से किसान पर लगा रखे हैं. जिस कंट्रोल से आपलोग दुखी हो न सारे, उसी सारे कंट्रोल से वो भी दुखी हैं. मुझे लगता है उन्हें हटाने की ज़रूरत है. बहुत सारा, बहुत सारे सरकार को उसके सर से उतरने की ज़रूरत है और जो कीमतें हम दे रहे हैं, मतलब मैं एक छोटा सा उदाहरण देता हूं.”

ये वीडियो शेयर करते हुए तेजिंदर बग्गा ने लिखा, “मोदी जी द्वारा लाये गए बिल को पढ़ने के बाद @ArvindKejriwal जी ने बिल को सपोर्ट करने का फ़ैसला किया. हम केजरीवाल जी का हार्दिक धन्यवाद करते है.” आर्टिकल लिखे जाने तक ये वीडियो 2,200 से ज़्यादा लोग रीट्वीट कर चुके हैं और 31,000 से ज़्यादा बार देखा जा चुका है.

कई अन्य ट्विटर यूज़र्स ने भी बग्गा का वीडियो शेयर किया.

कुछ फ़ेसबुक यूज़र्स ने भी इसी कैप्शन के साथ केजरीवाल का ये वीडियो शेयर किया.

 

मोदी जी द्वारा लाये गए बिल को पढ़ने के बाद अरविंद केजरीवाल जी ने बिल को सुपोर्ट करने का फैसला किया । हम केजरीवाल जी का हार्दिक धन्यवाद करते है ।

Posted by Kunal Nath Madhav on Saturday, March 20, 2021

ऑल्ट न्यूज़ को इसके वेरिफ़िकेशन की रिक्वेस्ट भी भेजी गई.

ग़लत दावा: एडिट किया हुआ वीडियो

वीडियो में अरविन्द केजरीवाल के पीछे ‘CII’ लिखा हुआ है. इससे हिंट लेते हुए हमने यूट्यूब पर कीवर्ड सर्च किया. हमें कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री (CII) का एक वीडियो मिला जिसमें अरविन्द केजरीवाल दिल्ली में आयोजित CII की नेशनल काउंसिल मीटिंग, 2013-14 में शामिल हुए थे. ये वीडियो 17 फ़रवरी, 2014 को अपलोड किया गया था. इसके डिस्क्रिप्शन के मुताबिक ये बैठक 17 फ़रवरी, 2014 को ही आयोजित की गयी थी. ये पूरा वीडियो 36 मिनट 52 सेकंड का है. पूरा वीडियो देखने पर हमने पाया कि इसी का एक हिस्सा क्लिप किया गया है जिसे भाजपा प्रवक्ता तेजिंदर बग्गा ने शेयर किया.

वीडियो की शुरुआत में बैठक में मौजूद लोग केजरीवाल से सवाल कर रहे हैं. उनमें से एक सवाल था, “एक राष्ट्र के तौर पर हमें एक और हरित, पीली और सफ़ेद क्रांति की बहुत ज़्यादा ज़रूरत है. जबतक हम उत्पादकता बड़े स्तर पर नहीं बढ़ाते हैं, खाद्य कीमतों में सुधार होना मुश्किल है. सिर्फ़ वृद्धि दर ही नहीं कानून और व्यवस्था भी. भ्रष्टाचार पर आपकी बात सही है लेकिन हमें कृषि क्षेत्र में उससे आगे बढ़ना होगा. आप इस बारे में क्या सोचते हैं?” इस सवाल का जवाब देते हुए 7 मिनट 22 सेकंड पर अरविन्द केजरीवाल कहते हैं, “कृषि एक ज़रूरी मुद्दा है ये मैं स्वीकार करता हूं…मैं एक छोटा सा उदाहरण देता हूं.” वो आगे कहते हैं, “मुझे एग्ज़ेक्ट्ली याद नहीं आ रहा वो गेंहू था या चावल का था. हरियाणा सरकार के रिकॉर्ड के मुताबिक किसी उत्पाद विशेष (यहां गेंहू या चावल) के उत्पादन का खर्च 1,580 रुपये प्रति क्विंटल है. और न्यूनतम समर्थन मूल्य केवल 1,250 रुपये हैं. आप उसको कॉस्ट भी नहीं दे रहे हो मिनिमम सपोर्ट प्राइस के, तो वो कैसे जियेगा? ज़ाहिर है ये दिक्कत है. तो अगर हमलोग, स्वामीनाथन रिपोर्ट के मुताबिक, लागत से 50 फ़ीसदी ज़्यादा उन्हें देना चाहिए. अगर आप उसको ईमानदारी का प्रॉफ़िट देना चालू कर दो. लेकिन और भी कई जटिलताएं हैं. मुझे लगता है अभी कृषि में बहुत सारी चीजे़ं की जानी बाकी हैं…”

तेजिंदर बग्गा ने जो क्लिप शेयर की है, वो इस वीडियो में 7 मिनट 22 सेकंड से लेकर 8 मिनट 10 सेकंड वाला हिस्सा है.

यानी, एक तो तेजिंदर बग्गा ने 7 साल पुराने वीडियो का एक हिस्सा शेयर किया और कहा कि नए कृषि कानून का केजरीवाल ने समर्थन किया है. और केजरीवाल की पूरी बात भी नहीं दिखाई गयी कि वो आगे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने की बात कर रहे हैं.

जनवरी में भी भाजपा नेता संबित पात्रा ने केजरीवाल का एक क्लिप किया हुआ वीडियो शेयर करते हुए दावा किया था कि वो कृषि कानून के समर्थन में आये हैं. पूरा वीडियो देखने पर मालूम पड़ा कि उसमें बीच हिस्से काट दिए गए हैं और केजरीवाल इसके उलट कह रहे हैं.


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