पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में TMC के एक बार फिर सत्ता में आते ही राज्य में हंगामा मचा हुआ है. इस जीत के बाद TMC और ममता बनर्जी के बारे में सोशल मीडिया पर जमकर भ्रामकता फैलाई जा रही है. चुनाव परिणाम आने के बाद से ही TMC और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प और हिंसा हो रही है. ये हिंसा इतने बड़े स्तर पर पहुंच गयी कि अबतक कम से कम 14 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें दोनों ही पार्टी के कार्यकर्ता शामिल हैं. भाजपा सदस्य और समर्थक लगातार ग़लत जानकारी देकर जनता में नैरेटिव बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

भाजपा समर्थक संजय दिक्षित ने एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर किया जिसमें रिपब्लिक टीवी का एक विज़ुअल दिख रहा है. इस ब्रॉडकास्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में आरएसएस द्वारा चलाये जा रहे 125 स्कूलों को बंद करवा दिया. ये ख़बर इस तरह से शेयर की जा रही है जैसे ये ममता बनर्जी का हाल में ही लिया गया कोई फैसला हो.

विश्ववाणी डेली के संपादक विश्वेश्वर भट्ट ने भी रिपब्लिक टीवी के ब्रॉडकास्ट का ये हिस्सा शेयर किया. पाठक गौर करें कि स्क्रीनशॉट पर तारीख़ नहीं लिखी है.

भाजपा यूपी की विधान परिषद की सदस्य सरोजिनी अग्रवाल ने भी यही दावा किया लेकिन बिना किसी स्क्रीनशॉट या न्यूज़ रिपोर्ट के.

अन्य भाजपा समर्थक संदीप देव, अभिषेक कुमार और @PuspendraTweet ने भी ममता बनर्जी के बारे में ये दावा शेयर किया और हज़ारों लोगों तक पहुंचाया. ये ‘ख़बर’ ट्विटर पर बहुत ज़्यादा वायरल है.

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फ़ेसबुक यूज़र्स भी इसे शेयर करने में पीछे नहीं हटे और कैप्शन लिखा गया, “बंगाल में RSS के 125 स्कूलों पर ममता बनर्जी ने लगाया बैन.”

तीन साल पुरानी ख़बर

इस ख़बर के बारे में कोई भी गूगल पर सर्च करेगा तो आसानी से रिपोर्ट मिल जाएगी. रिपब्लिक टीवी की ये खबर फ़रवरी 2018 की है जिसका वीडियो आप नीचे देख सकते हैं.

असल में ओरिजिनल स्क्रीनशॉट में चालाकी करते हुए तारीख़ वाला हिस्सा दिखाया ही नहीं गया है. नीचे की गयी तुलना में आप देख सकते हैं कि स्क्रीनशॉट लेते समय वीडियो के नीचे तारीख़ भी लिखी हुई दिखती है.

हिन्दुतान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने 20 फ़रवरी को विधानसभा में कहा था, “राज्य सरकार को आरएसएस से प्रभावित 493 स्कूलों का पता चला है. इनमें से 125 स्कूल बिना नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफ़िकेट के चलाये जा रहे हैं. हमने इन स्कूलों के प्रशासन को पहले भी कहा था कि बिना NOC के नहीं चल सकते. अन्य स्कूलों पर भी जांच कराई जा रही है.”

इस मामले पर फ़र्स्टपोस्ट ने भी रिपोर्ट की थी.

हिंदुस्तान टाइम्स ने आगे बताया कि पार्थ चटर्जी ने विधानसभा से निकलने के बाद पत्रकारों से कहा, “स्कूल चाहे आरएसएस के हों या नहीं, सभी को नियमों का पालन करना होगा. हमारे पास जिनकी भी शिकायतें आ रही हैं सभी के बारे में पड़ताल कर रहे हैं.”

लाइव मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्थ चटर्जी ने कहा था कि राज्य स्कूलों को हिंसा सिखाने नहीं देगा और साथ ही ये भी दावा किया था कि आरएसएस से प्रभावित कुछ स्कूल छात्रों को धार्मिक तौर पर असहिष्णु बना रहे थे. रिपोर्ट में आगे लिखा है कि आरएसएस ने इन सभी आरोपों का खंडन किया था. आरएसएस प्रवक्ता बिप्लब राय के अनुसार स्कूल आरएसएस के कहने पर नहीं चलाये जा रहे थे. उन्होंने कहा, “राज्य को मदरसों पर ध्यान देना चाहिए कि वो क्या पढ़ा रहे हैं.”

ये ख़बर कि पश्चिम बंगाल सरकार ने आरएसएस द्वारा चलाये जा रहे 125 स्कूल बंद कर दिए हैं, तीन साल पुरानी है. TMC के दोबारा सत्ता में आने के बाद से ही विपक्ष की बौखलाहट के रूप में ग़लत और भ्रामक सूचनाओं का अम्बार जारी है.


पश्चिम बंगाल हिंसा : BJP ने मारे गए कार्यकर्ता के नाम पर लगाई इंडिया टुडे के पत्रकार की तस्वीर

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.