केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने 9 अक्टूबर को एक पुस्तक ‘इन द टाइम्स ऑफ आर्टिकल 370’ (In the Times of Article 370) का लोकार्पण किया। इस अवसर पर सिंह ने ट्वीट किया, “एक दुर्लभ समारोह में, 14 साल की दिल्ली की स्कूली छात्रा अयाना कोहली द्वारा #Article370 पर लिखित किताब का विमोचन किया”-अनुवाद।
भाजपा सांसद ने उस किताब पर एक और ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा, “देश भर के बच्चे भी, #Article370 निरस्तगी का जश्न मना रहे हैं।”-अनुवादित। बाद में अज्ञात कारणों से सिंह ने इस ट्वीट को हटा लिया।
इस पुस्तक का विमोचन मीडिया ने भी कवर किया था। ANI ने रिपोर्ट किया कि केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने 14-वर्षीया लड़की, अयाना कोहली द्वारा अनुच्छेद 370 पर लिखित किताब का विमोचन किया। कथित रूप से किताब का सार प्रस्तुत करते हुए ANI ने लिखा कि यह “इस नतीजे पर पहुंचा जा सकता है कि कश्मीर में स्थायी शांति लाने के लिए अनुच्छेद 370 को रद्द करना आवश्यक था।”-अनुवादित।
इस समाचार एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में लड़की के हवाले से लिखा है, “पिछले दो महीनों में मैंने देश भर में यात्रा की है, मैं कह सकती हूं कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के निर्णय पर प्रत्येक भारतीय खुश हैं।” (अनुवाद) लड़की के नाम से यही उद्धरण ANI ने ट्वीट भी किया है।
समाचार एजेंसी PTI ने भी खबर प्रकाशित किया कि 14-वर्षीया अयाना ने “अनुच्छेद 370 पर किताब लिखी।”-अनुवादित। PTI ने आगे अनुच्छेद 370 के संदर्भ में पुस्तक के बारे में बात करते हुए सिंह का उल्लेख किया- “इस पुस्तक में, अब निष्क्रिय कर दिए गए संविधान के अनुच्छेद 370 के कारण उसकी आयु वर्ग के बच्चों की समस्त मानसिक पीड़ा और अन्याय को दर्शाया है”। (अनुवादित)
तथ्य-जांच
क्या यह पुस्तक अनुच्छेद 370 पर है?
नहीं।
हालांकि इस पुस्तक का नाम ‘इन द टाइम्स ऑफ आर्टिकल 370’ है, लेकिन इसमें जम्मू और कश्मीर राज्य के विशेष दर्जे को हटाने के बारे में बात नहीं की गई है। पत्रकार बरखा दत्त द्वारा लिखी गई इस पुस्तक की भूमिका में उल्लेख है कि यह पुस्तक अयाना और उनके पिता द्वारा लिखी गई है। 14-वर्षीया लड़की के पिता उमंग कोहली भारतीय सेना में सेवारत अधिकारी हैं। दत्त लिखती हैं, “यह एक पिता और उसकी बेटी द्वारा ड्यूटी पर तैनात किसी युवा सैनिक के जीवन पर लिखी गई किताब है, जो आतंकवाद की स्थिति में अकल्पनीय, बल्कि कभी-कभी बदलती और बिगड़ती हुई परिस्थितियों में भी, आतंकवाद-निरोधी कर्तव्य का पालन करते हुए क्या अनुभव कर सकता है।” (अनुवाद)
यह किताब एक काल्पनिक साहित्य है — इस कहानी के नायक राम है, जो एक सैनिक है।
ऑल्ट न्यूज़ से बात करते हुए, उमंग कोहली ने भी दोहराया कि इस पुस्तक में भूमिका के अलावा और कहीं अनुच्छेद 370 का उल्लेख नहीं है। वह हमें यह भी बताते हैं कि इस किताब में अयाना ने उनकी कहानी सुनाई है। “वह 14 साल की है जिसने कश्मीर में सैनिकों के जीवन के बारे में लिखा है। अगर मैं नहीं होता तो वह यह सब कैसे जान पाती? उसने मुझसे और एक अधिकारी के रूप में मेरे जीवन से कहानियाँ ली हैं। इस किताब के पीछे मैं उसकी प्रेरणा हूं। मैंने उसका मार्गदर्शन किया है लेकिन इसमें उसने अपनी कल्पना को जोड़कर यह पुस्तक लिखी है। यह एक काल्पनिक साहित्य है।” (अनुवाद)
यह पूछे जाने पर कि क्या वे पुस्तक के सह-लेखक हैं, कोहली ने कहा, “यह कहानी मेरे और मेरे जीवन के अनुभवों से प्रेरित है लेकिन पुस्तक मेरी बेटी ने लिखी है, जिसके कारण लेखक के रूप में उसका नाम है। पुस्तक में मेरी भागीदारी को विधिवत माना गया है। अब कोई इसे ‘सह-लेखक’ कहता है तो कहे।” (अनुवाद)
इस प्रकार, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और समाचार एजेंसी – ANI और PTI ने, गलत दावा किया कि यह पुस्तक अनुच्छेद 370 के बारे में है। इसके अलावा, इनमें से किसी ने उल्लेख नहीं किया कि यह एक काल्पनिक साहित्य की किताब है।
ANI ने लड़की के नाम से गलत उद्धरण दिया
जैसा कि इस लेख में पहले ज़िक्र किया गया है, ANI ने लिखा कि अयाना ने पूरे देश की दो महीने तक यात्रा की और पाया कि अनुच्छेद 370 को लेकर प्रत्येक भारतीय ने जश्न मनाया है। ANI के ट्वीट के जवाब में उमंग कोहली ने लिखा कि यह बयान उनकी बेटी ने नहीं बल्कि भाजपा सांसद श्री सिंह ने दिया था।
ANI ने बाद में केंद्रीय मंत्री का एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें उन्हें वही बयान देते हुए सुना जा सकता है।
#WATCH: Union Minister Dr Jitendra Singh says,”In last two months, I’ve travelled across the country, I can say the decision to abrogate Article 370 has been celebrated by each and every Indian. A documentation like this by a child, I think is a vindication for all of us.” (9.10) https://t.co/nyhmO1Ag8S pic.twitter.com/3LlSwgfd9j
— ANI (@ANI) October 10, 2019
लेकिन स्पष्टीकरण के बगैर, यह अपडेट भी ANI के लेख और यूट्यूब वीडियो में नहीं किया गया है।
ANI ने 14-वर्षीया लड़की का गलत हवाला दिया और दावा किया कि उसने अनुच्छेद 370 पर लोगों के विचार जानने के लिए दो महीने तक देश भर की यात्रा की। PTI और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के साथ ANI ने भी पुस्तक को गलत तरीके से प्रस्तुत किया। संभव है कि इस किताब ‘इन द टाइम्स ऑफ आर्टिकल 370’ में धारा 370 को कमज़ोर करने पर बात की गई हो, लेकिन यह एक सैनिक के जीवन की काल्पनिक कहानी पर लिखी गई किताब है।
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