सोशल मीडिया में तस्वीरों का एक कोलाज़ इस दावे से साझा किया जा रहा है कि यह ब्रिटिश लाइब्रेरी के संग्रहालय में मौजूद बाबरी मस्जिद की तस्वीरें है। यह सभी तस्वीरें ब्लैक एंड व्हाइट है।
#BabriMasjid
Photos from British Library. pic.twitter.com/ah747rzGO5— Zainab. (@Zainab_216) November 12, 2019
Photos of Babri Masjid in India before independence.
Photos are from the British library.Such a beautiful Masjid demolished by Hindutva extremists. May Allah deal with them in the manner they deserve.
May Allah protect all paces of worship around the whole world. pic.twitter.com/N0UM1QGNb7— Shaykh Abdul Raheem (@ShkhAbdulRaheem) November 10, 2019
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि ये तस्वीरें 2017 से ही ऑनलाइन प्रसारित है। उदाहरण के लिए नीचे शामिल की गई फेसबुक पोस्ट दिसंबर 2017 की है।
Babri Masjid Inside pictures joh British Library main hain !!
Posted by Bhindi Bazaar on Sunday, 10 December 2017
तथ्य जांच: असंबंधित तस्वीरें
इस दावे से कुल चार तस्वीरें प्रसारित है। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि इन में से सिर्फ एक ही तस्वीर बाबरी मस्जिद को दर्शाती है। चलिए सभी तस्वीरों पर बारी बारी से नज़र डालते है।
पहली तस्वीर
ऑल्ट न्यूज़ ने इस तस्वीर को रिवर्स सर्च किया और पाया कि यह तस्वीर बाबरी मस्जिद की ही है। यह 1990 के दशक की शुरुआत में खींची गई थी और इसका श्रेय ‘द ब्रिटिश लाइब्रेरी बोर्ड’ को दिया गया है।
दूसरी तस्वीर
उपरोक्त तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह तुर्की की तस्वीर है। यह तुर्की के बर्सा में स्थित ग्रीन मस्जिद की तस्वीर है, जिसे तुर्की भाषा में ‘Yeşil Camii’ कहा जाता है।
तीसरी तस्वीर
उपरोक्त तस्वीर बाबरी मस्जिद की नहीं है, जैसा कि दावा किया गया है। हमने इस तस्वीर को रिवर्स सर्च किया और इसे Team BHP नामक एक ऑटोमोबाइल वेबसाइट पर पोस्ट किया गया पाया। यह इब्राहिम रोज़ा के एक हिस्से को दर्शाती है जो कर्नाटक के बीजापुर में स्थित एक मकबरा है। इसे इब्राहिम आदिल शाह II (1579-1627 CE) द्वारा संचालित किया गया था।
चौथी तस्वीर
ऑल्ट न्यूज़ ने खंभे की इस तस्वीर को स्टॉक फोटोग्राफी वेबसाइट Alamy पर पाया। Alamy के मुताबिक, यह तस्वीर अफगानिस्तान में बल्ख में स्थित नोह गनबाद मस्जिद की है।
यह ध्यान देने लायक है कि प्रसारित तस्वीरों में से सिर्फ एक ही तस्वीर बाबरी मस्जिद की है और बाकी तीन दुनिया के विभिन्न स्थानों की तस्वीरों को बाबरी मस्जिद का बताकर सोशल मीडिया में शेयर किया जा रहा है।
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.