कई लोगों ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें भीड़ बेरहमी से एक आदमी को पत्थर और डंडे से पीट रही है. दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो हाल ही में हुए दिल्ली दंगों के दौरान का है. वीडियो में हिंसा दिख रही है इसलिए ऑल्ट न्यूज़ एम्बेड नहीं कर रहा है. लेकिन जो लोग इस वीडियो को देखना चाहते हैं वो नीचे दिए गए हाइपरलिंक पर क्लिक कर देख सकते हैं.
अरब के एक यूज़र ने इस वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया है कि ‘RSS के आतंकवादी’ मुस्लिमों को बेरहमी से मार रहे.
पाकिस्तान से एक ट्विटर यूज़र @AftabAfridiPK ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, “यूएन कृपया ध्यान दे, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए. पीएम इमरान ख़ान ने एक साल पहले आपको मोदी की शह पर चल रहे आरएसएस के बारे में चेताया था लेकिन आप लोगों ने नहीं सुनी. अब आप लोग ही इसके लिए ज़िम्मेदार हैं. #DelhiViolance #DelhiGenocide2020” (ट्वीट का आर्काइव लिंक) एक और पाकिस्तानी यूज़र ने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा है, “भारतीय आतंकवाद में RSS का हाथ #DelhiViolance.”(ट्वीट का आर्काइव लिंक)
कई तमिल यूज़र्स ने भी इस वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है, “अगर आप अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रख सकते हैं तो रखिए. दिल्ली में आरएसएस की हिंसा.” [तमिल मेसेज: உங்களால் முடியும் என்றால்.. உணர்வுகளை கட்டுப்படுத்திக் கொண்டு தொடர்ந்து பாருங்கள். டெல்லியில் RSS வன்முறை]
फ़ैक्ट चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने इस वीडियो को Invid टूल की सहायता से कई फ़्रेम्स में तोड़ा. Yandex पर इनका रिर्वस सर्च करने से हमें बीबीसी की 6 फ़रवरी की एक रिपोर्ट मिली.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, “मध्य प्रदेश के धार ज़िले के मनावर में बुधवार को कुछ लोगों को बच्चा चोरी की अफ़वाह फैलाकर पीटा गया जिसकी वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई और पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गये.”
धार के पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने बीबीसी को बताया, “ये पैसे के लेनदेन का मामला था. कुछ लोग गाड़ियों में आये जहां पर ये मज़दूर काम करते थे. इन्होंने एडवांस में पैसे ले लिये थे और मज़दूरी नहीं कर रहे थे.” ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की 5 फ़रवरी की रिपोर्ट में एक पीड़ित ने बताया है कि 5 मजदूरों ने 50-50 हज़ार कर के एडवांस लिए थे लेकिन काम करने नहीं आए. जब हम लोग पैसा वापस लेने पहुंचे तो उन्होंने हम पर हमला कर दिया. फिर वहां भीड़ आ गयी और वो लोग हमें बच्चा चोर समझकर पीटने लगे.”
इस तरह सोशल मीडिया का दावा कि ये वीडियो दिल्ली हिंसा के समय का है गलत साबित होता है. पिछले साल बच्चा चोरी की अफ़वाहों की वजह से कई निर्दोष लोगों की मौत हुई थी. ऑल्ट न्यूज़ ने ऐसी कई अफ़वाहों को ख़ारिज किया था.
[अपडेट: इस आर्टिकल में 20 अप्रैल को अरबी यूज़र्स का दावा शामिल किया गया है.]सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.