ट्रिगर वार्निंग: परेशान करने वाले दृश्य/ यौन उत्पीड़न
सोशल मीडिया पर एक साथ 2 वीडियोज़ क्लिप जोड़कर शेयर किये जा रहे हैं. पहली क्लिप एक CCTV फ़ुटेज है जिसमें यूनिफ़ार्म पहनी कुछ लड़कियां सड़क पर जाती हुई दिख रही हैं. अचानक एक बाइक सवार आदमी लड़कियों में से एक को ग़लत तरीके से छूता है. वीडियो के दूसरे हिस्से में एक आदमी को पुलिस द्वारा पीटते और सड़क पर घुमाते हुए दिखाया गया है. वीडियो के साथ दावा वायरल है कि अपराधी एक मुस्लिम है जिसे उत्तर प्रदेश पुलिस ने सार्वजनिक रूप से सजा दी. ज़्यादातर सोशल मीडिया पोस्ट में यूपी पुलिस द्वारा आरोपी के साथ किए गए व्यवहार को सही ठहराया गया है.
X यूज़र बाबा बनारस (@RealBababanaras) ने 20 दिसंबर, 2024 को ये दोनों क्लिप शेयर की और लिखा, “अब्दुल हर दिन स्कूली लड़कियों से छेड़छाड़ कर रहा था. उसकी हरकतें CCTV कैमरे में कैद हो गईं. बाकी काम यूपी पुलिस ने किया. क्या आप पुलिस की इस कार्रवाई का समर्थन करते हैं?”
Abdul was molesting school girls every day. His activity captured in CCTV camera. Rest job done by UP police.
Do you support this action of police ? pic.twitter.com/Viuo3QiPWb
— Baba Banaras™ (@RealBababanaras) December 20, 2024
इस ट्वीट को 1 मिलियन से ज़्यादा बार देखा गया साथ ही इसे लगभग 7 हज़ार रिट्वीट भी मिले. पाठकों को ध्यान देना चाहिए कि ये यूज़र नियमित रूप से सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक प्रॉपगेंडा और ग़लत सूचनाएं शेयर करता रहता है.
एक अन्य X अकाउंट, फ्रंटल फ़ोर्स (@FrontalForce) ने इन दोनों वीडियो को इसी कैप्शन के साथ ट्वीट किया, “अब्दुल हर दिन स्कूली लड़कियों से छेड़छाड़ कर रहा था. उसकी हरकतें CCTV कैमरे में कैद हो गईं. बाकी काम यूपी पुलिस ने कर दिया.”
Abdul was molesting school girls every day. His activity captured in CCTV camera. Rest job done by UP police.
Do you support this action of police ? pic.twitter.com/Xfj8GWiBXC
— Frontalforce 🇮🇳 (@FrontalForce) December 20, 2024
इसी तरह, कई सोशल मीडिया अकाउंट्स से भी इस दावे को बढ़ावा दिया गया है.
फ़ैक्ट-चेक
बाइक सवार व्यक्ति द्वारा लड़की को परेशान करने वाले वीडियो से कई कीफ्रेम्स लेने के बाद हमने कुछ फ़्रेम्स पर रिवर्स सर्च इमेज किया. इससे हमें News75.com का एक आर्टिकल मिला जिसका टाइटल था, “बाइक सवार की क्रूरता: स्कूली छात्रा से छेड़छाड़, उसके स्तन पर मारा.” आर्टिकल के मुताबिक, ये घटना 6 दिसंबर, 2024 को महाराष्ट्र के प्रभानी में हुई थी.
इसे ध्यान में रखते हुए हमने एक की-वर्डस सर्च किया. हमें स्थानीय मीडिया आउटलेट देशोन्नति की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, 6 दिसंबर, 2024 को कॉलेज की कुछ छात्राएं महाराष्ट्र के परभणी में महात्मा फुले कॉलेज के पीछे के रास्ते से ज़िला सामान्य अस्पताल जा रही थीं. इस दौरान बाइक पर सवार एक युवक ने उनमें से एक लड़की को परेशान किया. आरोपी के खिलाफ नानलपेट पुलिस स्टेशन में छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया. पूरी घटना CCTV में रिकॉर्ड हो गई, जिससे पुलिस को आरोपी तक पहुंचने में मदद मिली. 8 दिसंबर, 2024 को परली तालुका के धरमपुरी से मोहम्मद असलम नामक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया और आगे की कार्रवाई के लिए नानलपेट पुलिस स्टेशन लाया गया.
वायरल वीडियो का दूसरा हिस्सा
दूसरे वीडियो के कुछ कीफ़्रेम्स पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें YouTube पर न्यूज़ 21 की एक वीडियो रिपोर्ट मिली जिसका शीर्षक था, “गादरवारा: मधुर चौरसिया की हत्या 40,000 रुपये के लेन-देन को लेकर की गई | एमपी न्यूज़ | न्यूज़ अपडेट | एमपी पुलिस.” इसे 8 दिसंबर, 2024 को अपलोड किया गया था.
इस बुलेटिन में वही वीडियो है जो अभी वायरल हो रहा है जिसमें पुलिस एक व्यक्ति को सड़क पर परेड करते हुए पीटती हुई दिखाई दे रही है.
इस रिपोर्ट के मुताबिक़, पुलिस ने विकास कुचबंदिया को गिरफ़्तार किया जिसने मध्य प्रदेश के गादरवारा में 40 हज़ार रुपये उधार न लौटाने पर मधुर चौरसिया की हत्या की थी.
इसे ध्यान में रखते हुए, हमने यूट्यूब पर की-वर्डस सर्च किया. हमें भारत संवाद टीवी की एक रिपोर्ट मिली. इस वीडियो में वायरल वीडियो से मिलते-जुलते फ़ुटेज थे.
इस रिपोर्ट के मुताबिक, 5 दिसंबर 2024 को मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर ज़िले के गाडरवारा कस्बे में मधुर चौरसिया नामक युवक की हत्या कर दी गई. ये घटना नालंदा स्कूल के सामने हुई थी. हत्या के मुख्य संदिग्ध विकास कुचबंदिया को जांच के बाद गिरफ़्तार किया गया था. कथित तौर पर हत्या इसलिए की गई क्योंकि मधुर ने विकास को दिए गए 40 हज़ार रुपये नहीं लौटाए थे.
हमारी जांच में हमें कई ऐसी ख़बरें मिलीं जो इस घटना की पुष्टि करती हैं. उदाहरण के लिए, नवभारत ने रिपोर्ट किया कि शिवालय चौक गाडरवारा निवासी कृष्णा साहू ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि विकास कुचबंदिया ने चौपाटी गाडरवारा में मधुर चौरसिया की गला रेतकर और सिर पर पत्थर से वार करके हत्या कर दी. दैनिक भास्कर और अदिति न्यूज़ ने भी इसी घटना की रिपोर्ट की.
कुल मिलाकर, एक साथ कंपाइल किए गए दोनो वीडियोज़ एक-दूसरे से संबंधित नहीं हैं. दोनों घटनाएं दो अलग-अलग राज्य, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की हैं. वीडियो कंपाइलेशन को उत्तर प्रदेश की घटना बताकर ग़लत तरीके से शेयर किया जा रहा है.
पहली घटना में आरोपी की पहचान मोहम्मद असलम के रूप में हुई थी. दूसरी घटना में कथित हत्या के लिए गिरफ़्तार व्यक्ति का नाम विकास कुचबंदिया है. दोनों घटनाएं पूरी तरह से असंबंधित हैं और उनमें से कोई भी उत्तर प्रदेश से नहीं है. हालांकि, दो वीडियो को एक साथ शेयर करके ये कहानी गढ़ी गई कि यूपी पुलिस ने एक मुस्लिम आरोपी के साथ ऐसा व्यवहार किया (सार्वजनिक रूप से उसे कोड़े मारे और परेड कराई). ये सच नहीं है. और ये पहली बार नहीं है जब राईटविंग लोगों ने असंबंधित वीडियो या ग़लत और भ्रामक जानकारी शेयर करके यूपी पुलिस और योगी आदित्यनाथ की सरकार को अपराध के एक मुस्लिम आरोपी के साथ सही व्यवहार करने का क्रेडिट देने की कोशिश की है. ऐसे दावों के पीछे की मंशा ये है कि दूसरे राज्यों के पुलिस बलों को यूपी पुलिस से सीखना चाहिए कि अगर कोई आरोपी मुस्लिम है तो उसके साथ कैसे पेश आना चाहिए.
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