भीड़ द्वारा दो पुलिसकर्मियों को मारने का वीडियो सोशल मीडिया में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) 2019 के खिलाफ चल रहे विरोध-प्रदर्शन की पृष्भूमि में साझा किया जा रहा है। वीडियो में कुछ लोगों को सामुदायिक टोपी पहने हुए देखा जा सक्ता है। फेसबुक पर वीडियो को साझा करने के लिए इस्तेमाल किये गए संदेश कुछ इस तरह हैं, “पुलिस द्वारा चालान काटने पर मुसलमानो ने उनकी पिटाई की । जो कानून को चुनौती है । यह विडियो बताता है कि आगे हिन्दुस्तान मे क्या क्या होगा। कौन देश चलायेगा । और सबका भविष्य क्या होगा । कडवा सच यह है कि देश को बाहर से ज्यादा अन्दर से बहुत ज्यादा खतरा है । दोस्तों ईनसानीयत के नाते आपसे हाथ जोड़कर विनती है की यह विड़ीयो हर एक ग्रुप में भेजना है । कल शाम तक हर एक न्यूज़ चैनल में आना चाहिए ।”
पुलिस द्वारा चालान काटने पर मुसलमानो ने उनकी पिटाई की । जो कानून को चुनौती है । यह विडियो बताता है कि आगे हिन्दुस्तान मे क्या क्या होगा। कौन देश चलायेगा । और सबका भविष्य क्या होगा । कडवा सच यह है कि देश को बाहर से ज्यादा अन्दर से बहुत ज्यादा खतरा है । दोस्तों ईनसानीयत के नाते आपसे हाथ जोड़कर विनती है की यह विड़ीयो हर एक ग्रुप में भेजना है । कल शाम तक हर एक न्यूज़ चैनल में आना चाहिए ।
Posted by टीम भगवामय रामगढ शेखावाटी on Thursday, January 9, 2020
फेसबुक उपयोगकर्ता निखिल कुमार ने 11 जनवरी को समान दावे से यह वीडियो साझा किया था। इस पोस्ट को करीब 9232 बार साझा और 1 लाख से ज़्यादा बार देखा जा चूका है।
फेसबुक और ट्विटर पर कई अन्य उपयोगकर्ता इस वीडियो को समान दावे से साझा कर रहे हैं।
तथ्य जांच
यूट्यूब पर कीवर्ड्स सर्च करने से ऑल्ट न्यूज़ को 14 जुलाई, 2015 को प्रसारित NDTV इंडिया की एक रिपोर्ट मिली। यह वीडियो कम से कम चार साल पुराना है और दिल्ली के गोकुलपुरी एरिया का है। “उत्तर-पूर्व दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में दो ट्रैफिक पुलिस को भीड़ ने पीट दिया। उन्होंने तीन सवारी करने और हेलमेट नहीं पहनने के कारण बाइक रोक दिया था।” (अनुवाद)
रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो में दिख रहे व्यक्ति को दो ट्रैफिक पुलिस ने बाइक पर तीन सवारी करने की वजह से रोक दिया था। अपराधियों और पुलिस के बीच ट्रैफिक नियमों को तोड़ने के कारण चालान भरने की बात को लेकर विवाद हो गया था। बाद में, इन तीनों लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था जबकि तीसरे आरोपी की उम्र के कारण उसे किशोर मानते हुए जांच की जा रही है। इस वीडियो की पड़ताल पहले भी बूम द्वारा की गई है।
अभी हाल ही में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन के दौरान, पांच साल पुराना दिल्ली पुलिस को मारने का वीडियो सांप्रदायिक दावे से साझा किया गया।
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