एक वीडियो इस दावे के साथ व्यापक रूप से वायरल है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सदस्यों ने भारतीय संविधान की प्रति जला दी है। एक @IncKinju ने ट्विटर पर यह क्लिप इस कैप्शन के साथ साझा की- “आख़िर वो दिन भी आ ही गया जिसका RSS को बड़ी बेताबी से इंतज़ार कर और जिस बात का देश को ख़तरा था RSS ने अपना असली रूप दिखा दिया और सरे आम अम्बेडकर मुर्दाबाद के नारों के साथ आख़िर संविधान फाड़कर जला ही दिया और जैसा कि ख़तरा था आख़िर मनुवाद ज़िंदाबाद का खुला एलान कर ही दिया।”

इस वीडियो में लोगों को “संविधान मुर्दाबाद, अंबेडकर मुर्दाबाद, आरक्षण मुर्दाबाद” के नारे लगाते हुए सुना जा सकता है। अन्य नारे जो लगाए गए, वे इस प्रकार है- “संविधान जलाओ देश बचाओ” और “मनुवाद ज़िंदाबाद, SC/ST एक्ट मुर्दाबाद।”

पुराना वीडियो

यूट्यूब पर “Constitution burnt”- “संविधान जला” – कीवर्ड से सर्च करने पर हमें 13 अगस्त, 2018 को एक चैनल ‘सिटीजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस’ द्वारा अपलोड की गई उस समान क्लिप मिली।

वीडियो के साथ दिए गए विवरण में लिखा है- “संविधान को जलाना लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता जिसके लिए भारत की पहचान है, को नकारता है। अखिल भारतीय भीम सेना द्वारा 10 अगस्त, 2018 को नई दिल्ली में संविधान जलाने वाले अतिवादी समूहों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज़ कराई गई है। गुंडों ने संविधान जलाते हुए संविधान-विरोधी, अम्बेडकर-विरोधी और SC-ST-विरोधी नारे लगाए।” (अनुवाद)

इस घटना की खबर एनडीटीवी, हिंदुस्तान टाइम्स, द हिंदू और इंडियन एक्सप्रेस समेत कई मुख्यधारा के मीडिया में व्यापक रूप से प्रकाशित की गई थी। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, अखिल भारतीय भीम सेना के राष्ट्रीय प्रभारी अनिल तंवर ने इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। इस मीडिया संगठन ने डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (नई दिल्ली) मधुर वर्मा के हवाले से लिखा- “पुलिस टीम ने दो अलग-अलग संगठनों- यूथ फ़ॉर इक्वेलिटी फ़ाउंडेशन (आज़ाद सेना) और आरक्षण विरोधी पार्टी को संसद मार्ग पर संयुक्त रूप से विरोध-प्रदर्शन करते हुए पाया। दीपक गौर के नेतृत्व में आरक्षण विरोधी पार्टी प्रदर्शन कर रही थी, जबकि यूथ फ़ॉर इक्वेलिटी फाउंडेशन का नेतृत्व अभिषेक शुक्ला नामक व्यक्ति कर रहे थे। सबूतों को इक्क्ठा करने के बाद, आरोपियों को पकड़ने के लिए तीन अलग-अलग पुलिस टीमों का गठन किया गया”। दीपक गौर को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया गया था।

किसी भी रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि इन दोनों में से किसी संगठन का RSS से कोई संबद्ध है।

सोशल मीडिया में वीडियो वायरल

एक फेसबुक पेज ‘AMU Citizens’ ने सोशल मीडिया में वायरल उसी कैप्शन के साथ इस वीडियो को शेयर किया है।

आख़िर वो दिन भी आ ही गया जिसका RSS को बड़ी बेताबी से इंतज़ार कर और जिस बात का देश को ख़तरा था

आख़िर वो दिन भी आ ही गया जिसका RSS को बड़ी बेताबी से इंतज़ार कर और जिस बात का देश को ख़तरा था RSS ने अपना असली रूप दिखा दिया और सरे आम अम्बेडकर मुर्दाबाद के नारों के साथ आख़िर संविधान फाड़कर जला ही दिया और जैसा कि ख़तरा था आख़िर मनुवाद ज़िंदाबाद का खुला एलान कर ही दिया।

Posted by AMU Citizens on Monday, January 20, 2020

वास्तव में यह क्लिप सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म पर वायरल है।

ऑल्ट न्यूज़ को अपने आधिकारिक मोबाइल एप्लिकेशन पर भी इसके सत्यापन के लिए कई अनुरोध मिले हैं।

भीम राव अम्बेडकर और SC/ST एक्ट के खिलाफ नारे लगाते हुए भारतीय संविधान को जलाने वाले लोगों की भीड़ का दो साल पुराना वीडियो, इस दावे के साथ वायरल है कि इस कृत्य में RSS शामिल था। वीडियो का वर्तमान में वायरल होना इस बात का सुझाव देता है कि यह घटना हाल की है। पुलिस द्वारा जिन संगठनों को नामजद किया गया था, वे- यूथ फ़ॉर इक्वेलिटी फ़ाउंडेशन (आज़ाद सेना) और आरक्षण विरोधी पार्टी के लोग थे।

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.