महिला आरक्षण बिल संसद के दोनों सदनों में पास हो गया है. इसी बीच सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में महिलाओं पर पुलिस लाठीचार्ज करती दिख रही है. इसे मध्यप्रदेश की हालिया घटना बताया जा रहा है. लेखक अशोक कुमार पांडे ने 28 सितंबर 2023 को ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “मध्यप्रदेश में ‘महिला आरक्षण बिल’ पास होने पर लाड़ली बहना को बधाई देता मामा का पुलिसवाला.” (आर्काइव लिंक)

खुद को छात्रनेता बताने वाले राज सिंह यादव ने भी 28 सितंबर 2023 को ये वीडियो शेयर किया और लिखा, “वाह रे सरकार और सरकार मे महिला सुरक्षा ।वाह रे पुलिस , ये कंस मामा की पुलिस है क्या..? क्या करवाई होगी इसपे.” उन्होंने शिवराज सिंह चौहान को कसं मामा कहकर संबोधित किया. (आर्काइव लिंक)

2019 में यही वीडियो असम में नागरिकता संसोधन विधेयक के खिलाफ़ प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज बताकर शेयर किया जा रहा था. इसे असम में व्यापक विरोध प्रदर्शन का बताकर शेयर किया गया था.

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने असम का बताकर शेयर वीडियो पर कमैंट्स को देखा. एक कमेन्ट में इसे झारखंड का वीडियो बताया गया था.

इस जानकारी के आधार पर की-वर्डस सर्च से हमें ये वीडियो 25 सितम्बर, 2019 को यूट्यूब पर अपलोड मिला. द क्विन्ट के यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किए गए इस वीडियो का डिस्क्रिप्शन है, “झारखंड के रांची में प्रदर्शन कर रही आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने डंडे बरसाए हैं. इन महिलाओं के विरोध प्रदर्शन का ये 40वां दिन था. वीडियो में एक भी महिला पुलिसकर्मी नहीं दिखाई दे रही है. साथ ही एक पुलिसकर्मी महिला प्रदर्शनकारी को डंडे से पीटता भी देखा जा सकता है. 25 सिंतबर को क्विंट ने रांची के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल से बात की, तो उन्होंने बताया कि हमने रांची के एसएसपी अनीष गुप्ता को निर्देश दिया है कि पूरे मामले की सही तरीके से जांच करें. उसके बाद हम इस मामले में आगे का कार्रवाई करेंगे.” ज्ञात हो कि उस वक़्त झारखंड में BJP के रघुवर दास की सरकार थी.

पत्रिका की एक रिपोर्ट के अनुसार, जिन महिलाओं पर लाठीचार्ज किया जा रहा था वो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं. जिन्होंने रांची में स्थित मुख्यमंत्री के आवास पर घेराव करने की कोशिश की थी, पुलिस ने प्रदर्शन पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज किया था. कार्यकर्ता तनख्वाह बढ़ाने की मांग कर रहीं थीं. इस घटना के मद्देनज़र, राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिसकर्मी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की थी.

संसद में नागरिकता संसोधन विधेयक के पारित होने के बाद सोशल मीडिया पर कई गलत सूचनाएं शेयर की गईं थीं. इस विवादास्पद कानून की पृष्भूमि में एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर झूठे दावे के साथ शेयर किया गया. यही वीडियो 2023 में मध्यप्रदेश की घटना बताकर शेयर किया जा रहा है. जबकि महिलाओं पर लाठीचार्ज का ये वीडियो झारखण्ड की सितम्बर 2019 की एक पुरानी घटना को दर्शाता है.

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About the Author

Arjun Sidharth is a writer with Alt News. He has previously worked in the television news industry, where he managed news bulletins and breaking news scenarios, apart from scripting numerous prime time television stories. He has also been actively involved with various freelance projects. Sidharth has studied economics, political science, international relations and journalism. He has a keen interest in books, movies, music, sports, politics, foreign policy, history and economics. His hobbies include reading, watching movies and indoor gaming.