पुलिस शब्द लिखा हुआ काले रंग की टीशर्ट पहने नकाबपोश व्यक्तिओं द्वारा महिलाओं को पीटने का वीडियो फेसबुक पर इस दावे से प्रसारित है कि बजरंगदल, RSS, VHP और शिव सेना के गुंडे भारतीय सेना के वेश में कश्मीरियों को मार रहे है।

 

फौजी वर्दी मे बजरंग दल और आर ऐस ऐस के भघवा गुन्‍डे जो कशमीर की बेटियो की ईज्‍जत लुटने गये थे आज मारेगये 170 भघवा गुन्‍डो की लासे मीली है । 3 लाख भघवा गुन्‍डो को नरेन्द्र मोदी ने कशमीर भेजा है जीसमे शिव सेना । बजरंग दल । आर ऐस ऐस । वी ऐच पी । के गुन्‍डे सामील है

Posted by Tahir Ansari on Sunday, 25 August 2019

वीडियो के साथ साझा संदेश के मुताबिक,“फौजी वर्दी मे बजरंग दल और आर ऐस ऐस के भघवा गुन्‍डे जो कशमीर की बेटियो की ईज्‍जत लुटने गये थे आज मारेगये 170 भघवा गुन्‍डो की लासे मीली है । 3 लाख भघवा गुन्‍डो को नरेन्द्र मोदी ने कशमीर भेजा है जीसमे शिव सेना । बजरंग दल । आर ऐस ऐस । वी ऐच पी । के गुन्‍डे सामील है.” इसे व्यापक रूप से फेसबुक पर साझा किया गया है।

समान वीडियो को थोड़े से अलग संदेश के साथ ट्विटर पर भी प्रसारित किया गया है, जिसमें एक ज़ारा नाम की एक उपयोगकर्ता ने इसे यह कहते हुए साझा किया है कि,“कश्मीर में ये कौन सी पुलिस है, जो चेहरों को छुपा कर बच्चे और औरतों को मार रही है ? क्या देश आज इतना क्रूर हो गया है ? मुस्लिमों से नफरत के चक्कर में इतना भी न गिरो देशवासियों… कि इंसानियत को शर्मसार होना पड़े। सरकार तो अपने पूंजीपति दोस्तों के लिऐ ऐसा घिनौना पाप कर रही है।”

पाकिस्तान के सिंध का वीडियो

वीडियो में ऐसे कई संकेत है जो सोशल मीडिया में प्रसारित वीडियो पर संदेह पैदा करते हैं। पहला कि पुलिसवाले कथित तौर पर भारतीय सेना के कपड़े में नहीं हैं। दूसरा कि पुलिस द्वारा नकाब पहनना भी अजीब बात है। तीसरा यह कि वह व्यक्तियों के हाथ में लाठी तो है लेकिन ये बच्चों और महिलाओं को पीट नहीं रहे है। दोनों तरफ से रोशनी डाली जा रही है और महिलाएं काफी चिल्ला रही है। हालांकि, वीडियो में कोई वास्तविक हिंसा नहीं दिख रही है।

यह संदेह करते हुए कि क्लिप पाकिस्तान से है, ऑल्ट न्यूज़ ने देश के विभिन्न प्रांतों के नामों के साथ इसकी तलाश शुरू की। इसके बाद, हमें सिंध पुलिस का एक ट्वीट मिला जिसमें एक समाचार प्रसारित किया गया था, जिसके अनुसार, यह वीडियो लोगों के एक समूह का है जो पुलिस द्वारा लोगों को डराने की कोशिश करने का है।

आगे समाचार प्रसारण में बताया गया है कि पुलिस ने इस वीडियो को नाटक करार दिया और सिंध, जमशोरो पुलिस को बदनाम करने के लिए चार पुलिस कर्मियों सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया।

इस घटना को पाकिस्तानी मीडिया डॉन ने भी प्रकाशित किया था, जिसके मुताबिक,“SSP ने कहा कि मामले की जांच में, चार वर्दीधारी संदिग्ध पुलिसकर्मी और अन्य चार नाटक करने वाले लोगों की पहचान हुई है” – अनुवाद।

सिंध पुलिस ने एक और ट्वीट कर बताया कि वीडियो “फ़र्ज़ी” था।

कश्मीर में भारतीय पुलिस द्वारा निर्दयता दिखाने के झूठे दावे से पाकिस्तान का वीडियो सोशल मीडिया में साझा किया गया। ऐसे ही कुछ वीडियो और तस्वीरों को जम्मू-कश्मीर में लोगों को प्रताड़ित करने के दावे से साझा किया गया है। ऑल्ट न्यूज़ द्वारा ऐसे कुछ दावों की पड़ताल के वीडियो को आप नीचे देख सकते हैं।

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.