लाल रंग के जैकेट में दिख रहे एक व्यक्ति द्वारा हरे रंग का कपड़ा पहने व्यक्ति की पिटाई करने का वीडियो, इस दावे से व्यापक रूप से प्रसारित है कि वामपंथी पार्टी से जुड़े लोगों ने ABVP के छात्रों को प्रताड़ित किया, इसलिए 5-6 जनवरी को जेएनयू में हिंसा भड़की थी। पत्रकार सुमित कुमार सिंह ने इस वीडियो को सबसे पहले ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा, “इससे #JNU कैंपस में हिंसा भड़क गई। वामपंथी दल से जुड़े हुए लोगों ने #ABVP के सदस्यों की पिटाई कर दी, जब वे एडमिशन प्रक्रिया को पूरा कर रहे थे। #Left से जुड़े छात्र चाहते थे कि #JNU में एडमिशन प्रक्रिया को रोक दिया जाए।” (अनुवाद)

प्रसार भारती ने भी ट्वीट कर यह समान दावा साझा किया है। इस पब्लिक ब्रॉडकास्टर ने लिखा है कि यह वीडियो जेएनयू के वीसी द्वारा दिए गए बयान का सबूत है, “जो भी #JNU के शीतकालीन शत्र के रजिस्ट्रेशन का विरोध कर रहें है, वे ही इस अकादमिक प्रक्रिया के पीछे हिंसा करने वाले लोग है।” (अनुवाद)

इस वीडियो को जेएनयू के वीसी जगदीश कुमार ने भी रिट्वीट किया है।

यह ध्यान देने वाली बात है कि यह हिंसा पिछले तीन महीने से कैंपस में हॉस्टल फीस बढ़ोतरी के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन की पृष्भूमि में हुई है। जेएनयू छात्र यूनियन ने 1 जनवरी से शीतकालीन शत्र के लिए हो रहे रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया का बहिष्कार करने का फैसला लिया था।

IT प्रमुख और भाजपा हिमाचल के संयोजक चेतन ब्रागटा ने भी सिंह के जैसे ही समान दावे को वीडियो के साथ साझा किया है। उन्होंने लिखा, “इस वजह से JNU कैंपस में झड़पें शुरू हो गईं। वामदलों से जुड़े छात्रों ने ABVP के सदस्यों को पीटा जब वे प्रवेश प्रक्रिया में छात्रों की मदद कर रहे थे। लेफ़्ट पार्टियों के छात्र JNU में प्रवेश प्रक्रिया को रद्द करना चाहते थे। #LeftAttacksJNU”

भाजपा के अन्य पदाधिकारियों – राष्ट्रिय IT सेल हेड और भाजपा प्रवक्ता सुरेश नाखुआ ने भी ऐसे दावों वाले ट्वीट को रिट्वीट किया है।

ABP न्यूज़ के विकास भदोरिया ने भी इस वीडियो क्लिप को साझा करते हुए दावा किया, “सावधान- वामपंथियों ने बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड में पहले अराजकता फैलाई, फिर कत्लेआम किया, पश्चिम बंगाल में खूब कत्लेआम किया, साल 2010 में जनता ने अंतिम संस्कार कर दिया #JNU आखिरी गढ़ बचा है अभी अराजकता फैलाई है कल कत्लेआम की कोशिश होगी। अभी नहीं जागे तो देर हो जाएगी।#JNUattack.”

हमला करने वाला व्यक्ति ABVP का सदस्य

लाल रंग का जैकेट पहने हुए व्यक्ति एबीवीपी के सदस्य सेंटर फॉर वेस्ट एशियन स्टडीज, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज (SIS), जेएनयू में तीसरे वर्ष के पीएचडी के छात्र शर्वेन्दर है। इनकी पहचान की पुष्टि ऑल्ट न्यूज़ से जेनएयू के अन्य चार छात्रों ने की है, जिनमें से दो छात्र SIS के है।

नीचे, तस्वीर में शर्वेन्दर, वीडियो में से लिए गए स्क्रीनशॉट (बाएं) को ABVP का आई-कार्ड (दाएं) पहने हुए देखा जा सकता है।

उपरोक्त तस्वीर उस बड़ी तस्वीर का हिस्सा है, जिसमें शर्वेन्दर ABVP के अन्य सदस्यों के साथ खड़े हैं।

नीचे की तस्वीर में, शर्वेन्दर (जिन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट को अभी डिलीट कर दिया है) को जेएनयू के वीसी जगदीश कुमार और जेएनयू के स्कूल ऑफ़ इंटरनेशनल स्टडीज़ (SIS) के अश्विनी मोहपात्रा के साथ देखा जा सकता है।

उन्हें अन्य तस्वीरों में जेएनयू के कई अन्य प्रोफ़ेसर के साथ भी देखा जा सकता है। यहां, शर्वेन्दर को अन्य छात्रों के साथ मोहापात्रा को SIS का डीन बनने पर बधाई देते हुए देखा जा सकता है।

ऑल्ट न्यूज़ ने शर्वेन्दर को कई बार कॉल और ईमेल के ज़रिये संपर्क करने की कोशिश की, हालांकि हम अभी भी उनकी प्रतिक्रिया का इंतज़ार कर रहे हैं।

AISA के सदस्य पर हमला किया गया

AISA दिल्ली यूनिवर्सिटी ने हमले का एक वीडियो इस विवरण के साथ पोस्ट किया, “जेएनयू के स्कूल ऑफ़ इंटरनेशनल स्टडीज़ और स्कूल ऑफ़ लैंग्वेज में ABVP के छात्रों का अन्य छात्रों पर उपद्रव देखिये। SIS के छात्र विवेक पांडेय (पूर्व डीयू के छात्र) और अन्य कई छात्रों को एबीवीपी के अन्य छात्रों द्वारा SISऔर SLके मैदान के सामने मारा गया। प्रिय एबीवीपी, आपके सभी प्रयत्नों के बावजूद हम आपको एक इंच भी नहीं देंगे। हम आपको याद दिलाना चाहते है, “किफ़ायती शिक्षा के बगैर कोई पंजीकरण प्रक्रिया नहीं।” (अनुवाद)

Vivek Pandey (former DU student) along with others were brutally beaten up by ABVP goons.

Part 1

ABVP’s hooliganism on common students in School of International Studies and School of Languages, JNU.

SIS student Vivek Pandey (former DU student) along with others were brutally beaten up by ABVP goons infront of SIS and SL lawns. Dear ABVP, despite all your efforts we will not give up a single inch. We remind you again “NO REGISTRATION WITHOUT AFFORDABLE EDUCATION”

#FeesmustFall #BoycottRegistration #CompleteRollback

Posted by AISA Delhi University on Saturday, January 4, 2020

शर्वेन्दर ने जिस व्यक्ति की पिटाई की है उनकी पहचान विवेक पांडेय के रूप में हुई है। ऑल्ट न्यूज़ ने कई छात्रों से इस बात की पुष्टि की और पता किया कि विवेक एमए प्रथम वर्ष के छात्र हैं। हमने विवेक से भी सम्पर्क किया, जिन्होंने हमें एक वीडियो भेजा और इस झूठे दावे को ख़ारिज किया कि वे एबीवीपी के सदस्य हैं। “लाल रंग की जैकेट में जो छात्र है उनका नाम नाम शर्वेन्दर है। वह वेस्ट इंडिया के छात्र हैं। वीडियो में, मैंने हरे रंग की शर्ट पहनी है, मेरे ऊपर आकर 10-15 छात्रों ने हमला कर दिया। लेकिन इस वीडियो को पूरी तरह अलग दावे के साथ साझा किया गया है।” विवेक ने ऑल्ट न्यूज़ को यह भी बताया कि वे AISA से जुड़े हुए हैं।

नीचे, विवेक और वीडियो में हरे रंग का कपड़ा पहने व्यक्ति की तस्वीर की तुलना को साफ तौर पर देखा जा सकता है।

एक अन्य व्यक्ति पर भी हमला किया गया था, जिनका नाम अभिषेक पाण्डेय है और वह जेएनयू के पूर्व छात्र है। पांडेय हिंसा के वक़्त परिसर में मौजूद थे। उन्हें वीडियो में 45 सेकंड से देखा जा सकता है। अभिषेक को मैदान पर गिरते हुए और कुछ अन्य छात्रों द्वारा उन्हें उठाते हुए देखा जा सकता है। शर्वेन्दर हमला कर रही भीड़ में बाद में शामिल हुए थे, हालांकि यह बात साफ नहीं है कि वह अभिषेक को ज़मीन पर गिराने वाली भीड़ में शामिल थे या नहीं।

ऑल्ट न्यूज़ से बात करते हुए अभिषेक ने दावा किया कि जब हिंसा शुरू हुई तब वह जेएनयू में अपने मित्र से मिलने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने आगे बताया, “उन्होंने एक चायनीज सेंटर से एक जूनियर छात्र का पीछा किया। वह नीचे गिर गया और हम उसे बचाने के लिए पहुंचे। लेकिन JNUTF के कुछ अध्यापकों और डीन ने मुझे ‘बाहरी’ बताकर लक्षित किया। मैं सिर्फ उस छात्र को बचाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन मुझे मारा गया और मेरे एक अन्य मित्र ने मुझे बाहर निकालने की कोशिश की।”

नीचे की तस्वीर में अभिषेक को हाईलाइट किया गया है। जेनएयू के कई अन्य छात्रों ने उनकी पहचान की पुष्टि की है।

कैसे एक झूठ को बढ़ाया गया

ABVP के सदस्य का एक वीडियो, जिसमें वो AISA से जुड़े एक छात्र के साथ मारपीट कर रहे हैं, इस तरह से पेश किया गया जैसे वामपंथी दलों ने आरएसएस के छात्रसंघ पर हमला किया हो। एक अन्य व्यक्ति अभिषेक पांडे भी जिसे पीटा गया था, एबीवीपी से जुड़े हुए नहीं हैं। पत्रकार सुमित कुमार सिंह ने हमले का जो वीडियो झूठे दावे के साथ ट्वीट किया है, उसे कई अन्य पत्रकारों ने रिट्वीट किया है। उनमें – अभिजीत मजूमदार, स्वाति गोयल शर्मा, आदित्य राज कौल और फिल्मकार अशोक पंडित शामिल हैं।

 

ऋषि बागरी, जिन्हें कई बार गलत सूचना प्रसारित करते हुए पाया गया है, उन्होंने वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा, “JNU में कल होने वाले कार्यक्रम की श्रृंखला से #JNUViolence समझते हैं। 1 . वामपंथी छात्र JNUमें पंजीकरण प्रक्रिया को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। 2. उन्हें इस बात से परेशानी है कि छात्र ऑनलाइन पंजीकरण कर रहे थे।” (अनुवाद)

इस झूठे दावे को आशुतोष मुखर्जी के प्रपौत्र चयन चेटर्जी ने भी साझा किया है।

ट्विटर अकाउंट फ्रेंड्स ऑफ़ आरएसएस ने भी इस वीडियो को साझा किया था।

इसके अतिरिक्त, वेबसाइट ओपइंडिया ने एक अन्य वायरल वीडियो के साथ सुमित कुमार सिंह के ट्वीट को अपने लेख में शामिल किया है और लिखा है, “जो आरोप ABVP पर लगा कर उसे गुंडा तत्व बताया जा रहा था, दो वीडियो ने इस आरोप की हवा निकाल दी।”

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