ट्रिगर चेतावनी: हिंसक दृश्य

सोशल मीडिया पर विरोध प्रदर्शन का एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें एक व्यक्ति को एक पुलिसकर्मी पर बोतल से ज्वलनशील लिक्विड डालते देखा जा सकता है. जैसे ही घटना होती है, वहां अराजकता फ़ैल जाती है साथ ही अन्य पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के एक ग्रुप के बीच झड़प होने लगती है. वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि ये हमला हमास समर्थक/इजरायल विरोधी प्रदर्शनकारी ने किया है. कुछ यूज़र्स ने दावा किया कि ये घटना लंदन की है तो कुछ ने कहा कि ये इटली की है.

एक्स ब्लू यूज़र @rs_rajender ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा: “उन्होंने एक ऑन-ड्यूटी पुलिस अधिकारी को आग लगाने की कोशिश की.. ये #हमास समर्थक जानवरों से भी बदतर व्यवहार कर रहे हैं… #HamasislSIS #Israel #HamasTerrorrists #Palestine #Gaza #Pakistan #PakistanGazaMarch.” (आर्काइव)

X (ट्विटर) यूज़र प्रणव मिश्रा @mishpranav ने भी वीडियो शेयर किया और लिखा, “इजरायल विरोधी, यहूदी विरोधी, आतंकवाद समर्थक प्रदर्शनकारियों ने लंदन में पुलिस अधिकारी को जला दिया. हिंसक मुसलमानों ने ये नारे भी लगाए, ‘सभी यहूदियों को मार डालो’ ‘हम इंग्लैंड में शरिया कानून चाहते हैं’ ‘सभी काफिरों को मार डालो.’ सभी मुस्लिम आतंकवादियों को ब्रिटेन से निर्वासित करने की जरूरत है.” बाद में ये अकाउंट सस्पेंड कर दिया गया.

X ब्लू यूज़र द राइट विंग गाइ @T_R_W_G ने भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर किया था.

‘कंसर्नड सिटिजन’ नाम से हैंडल से चलाने वाले @BGatesIsaPyscho नामक एक अन्य यूज़र ने ये दावा किया कि ये घटना इटली में हुई थी. (आर्काइव)

अन्य X ब्लू यूज़र्स जैसे @j0rgeaquino, @SherrideanA, @RealSpaniel1989 ने भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर किया. (आर्काइव्स 1, 2, 3)

फ़ैक्ट-चेक

हमें इसी वीडियो का लंबा वर्जन 10 जून, 2020 को रॉयटर्स द्वारा यूट्यूब पर अपलोड मिला. इसका मतलब है कि वीडियो कम से कम तीन साल पुराना है. इसके साथ ही जो क्लिप अभी वायरल है वो इस वीडियो का एक मिर्रड वर्जन है (यानी, वीडियो को हॉरिजॉन्टली फ़्लिप किया गया है). वायरल हिस्से को 27 सेकंड से देखा जा सकता है.

डिस्क्रिप्शन में कहा गया है: “ग्राफ़िक कंटेंट: ग्वाडलाजारा में पुलिस दुर्व्यवहार और जियोवानी को न्याय दिलाने के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन के दौरान एक पुलिस अधिकारी को आग लगा दी गई.”

वीडियो में हम ‘C’ टेक्स्ट वाली एक इमारत देख सकते हैं. बाईं ओर ‘यूनिवर्सिटारियो एज़्टेका’ और दाईं ओर ‘मैकडॉनल्ड्स’ है. हमने गूगल स्ट्रीट व्यू पर ये जगह की तलाश की, मालूम चला कि ये जलिस्को में ग्वाडलाजारा विश्वविद्यालय का प्लाजा है. गुआडालाजारा पश्चिमी मेक्सिको में एक महानगर और जलिस्को राज्य की राजधानी है. गूगल मैप्स स्ट्रीट व्यू से जगह का स्क्रीनशॉट नीचे दिया गया है:

यानी, इससे साबित होता है कि ये घटना पश्चिमी मेक्सिको के ग्वाडलाजारा में हुई थी.

इसके बाद, एक की-वर्डस सर्च से हमें द गार्डीअन की 5 जून, 2020 की एक न्यूज़ रिपोर्ट मिली जिसमें उसी मैक्सिकन शहर का ज़िक्र था. इस रिपोर्ट में लिखा है, “… एक व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक जगह पर फ़ेस मास्क नहीं पहनने की वजह से उसे पुलिस अधिकारियों ने गिरफ़्तार किया, इसके कुछ घंटों बाद उसे पीट-पीटकर मार डाला गया. देश के दूसरे सबसे बड़े शहर ग्वाडलाजारा में गुरुवार शाम को पुलिस के विरोध में प्रदर्शन शुरू हो गए. प्रदर्शनकारी सरकारी महल के बाहर पुलिस अधिकारियों से भिड़ गए, उन्होंने गश्ती वाहनों को जला दिया और इमारत पर तोड़फोड़ की. वीडियो में प्रदर्शनकारियों को पैलेस का दरवाज़ा तोड़ते हुए दिखाया गया है. स्वतंत्र न्यूज़ आउटलेट ज़ोनडॉक्स द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर किए गए एक वीडियो के मुताबिक, एक प्रदर्शनकारी ने मोटरसाइकिल पर बैठे पुलिसकर्मी की पीठ पर ज्वलनशील लिक्विड डालकर अधिकारी को आग लगा दी. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को लाठियों से पीटा और उन पर आंसू गैस छोड़े.”

हमने पुलिस की बर्बरता की इस कथित घटना के बारे में और जानकारी की तलाश की. 30 साल के राजमिस्त्री गियोवन्नी लोपेज़ की हिरासत में मौत के बारे में हमें कई न्यूज़ रिपोर्ट्स मिलीं. 4 मई, 2020 को गियोवन्नी लोपेज़ को ग्वाडलाजारा में कोविड ​​​​महामारी के दौरान फ़ेस मास्क नहीं पहनने के कारण गिरफ़्तार किया गया था. BBC न्यूज़ मुंडो को पहले बीबीसी लैटिन अमेरिकी सेवा के नाम से जाना जाता था. इसकी 5 जून, 2020 की एक रिपोर्ट में जियोवानी के भाई, क्रिश्टन का हवाला देते हुए कहा गया है कि जब गिरफ़्तारी हुई उस वक्त कैसे वो जियोवानी और उनकी चाची के साथ मास्क पहने बिना चल रहा था, और मास्क उन्होंने अपने हाथों में ले रखा था. गिरफ़्तारी का एक वीडियो द गार्डीअन की एक न्यूज़ रिपोर्ट में शामिल किया गया था जिसे यहां देखा जा सकता है. एक दिन बाद, जियोवानी का शव ग्वाडलाजारा सिविल अस्पताल में पाया गया. BBC न्यूज़ मुंडो ने आगे लिखा कि स्थानीय प्रेस के मुताबिक, जियोवानी लोपेज़ की मौत सिर के आघात और चोटों से हुई थी, जिसमें पैर में बंदूक की गोली का घाव भी शामिल था. हार्वर्ड इंटरनेशनल रिव्यू के एक अध्ययन से पता चलता है कि लगातार कई दिनों तक बड़े विरोध प्रदर्शन हुए और आमतौर पर प्रदर्शनकारियों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला नारा था, “जियोवानी मरा नहीं था, राज्य ने उसे मार डाला.”

हमने ZonaDocs द्वारा अपलोड किए गए वीडियो की तलाश की, ये हमें उनके X टाइमलाइन पर मिला. कैप्शन का अनुवाद है, “गुआडालाजारा की सड़कों पर हिंसा में बढ़ोतरी जारी है. यही वो पल है जब एक पुलिस अधिकारी को आग लगा दी गई; जमकर गिरफ्तारियां हो रही हैं. कवरेज: @मारियोमार्लो.” (आर्काइव)

कुल मिलाकर, मेक्सिको के एक विरोध प्रदर्शन का एक पुराना वीडियो इस भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि इज़राइल विरोधी / यहूदी विरोधी / मुस्लिम प्रदर्शनकारी या हमास समर्थक लंदन या इटली में हिंसक हो गए हैं. असली घटना 4 मई, 2020 को मेक्सिको में जियोवानी लोपेज़ की हिरासत में मौत के बाद हुई थी जहां एक प्रदर्शनकारी ने एक पुलिसकर्मी को आग लगा दी थी. लोपेज़ को पहले कोविड महामारी के दौरान मास्क नहीं पहनने के लिए गिरफ़्तार किया गया था. ये वीडियो किसी भी तरह से चल रहे इजराइल-हमास युद्ध से संबंधित नहीं है.

श्रेयतामा दत्ता ऑल्ट न्यूज़ में इंटर्न हैं.

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