पानी से भरे रिहायशी इलाके से एक व्यक्ति द्वारा मगरमच्छ को बाहर निकालने का वीडियो सोशल मीडिया में इस दावे के साथ चल रहा है कि यह घटना बिहार के पटना में हुई है। एक पोस्ट में किए गए दावे के अनुसार, “भारी बारिश के दौरान पटना में मगरमच्छ”, इस वीडियो को अब तक लगभग 18,000 बार देखा गया है। बिहार फिर से बाढ़ से जूझ रहा है और पिछले 48 घंटों में कम से कम 40 नागरिकों की मौत की खबर है।
Crocodile In Patna during Heavy rain .
Crocodile During Flood.
Posted by Shiksha Point on Sunday, 29 September 2019
कई लोगों ने फेसबुक और ट्विटर पर समान कथा के साथ यह वीडियो साझा किया है।
दूसरी ओर, फेसबुक पेज जागो बिहार जागो ने दावा किया कि यह वीडियो बिहार के जहानाबाद जिले का था। इस पेज द्वारा पोस्ट किए गए कैप्शन में लिखा है, “जहानाबाद में रोड पे बाढ़ में आया मगरमच्छ, बच के चलना रे बाबा। “ ऑल्ट न्यूज़ के आधिकारिक मोबाइल एप्लिकेशन पर भी वीडियो की सच्चाई जानने के लिए भेजा गया है, जहाँ दावा है कि वीडियो कंकड़बाग, पटना का है।
तथ्य-जांच
वीडियो में लोगों की बात सुनकर ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि भीड़ गुजराती में बात कर रही थी। इसके बाद हमने प्रासंगिक कीवर्ड के साथ एक गूगल खोज की तो 4 अगस्त, 2019 को टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा पोस्ट किया गया वीडियो मिला। इस प्रसारण में दूसरी तरफ से बचाव अभियान के दृश्य हैं।
https://www.youtube.com/watch?v=36nFL6VGeGI
वडसर, वडोदरा, गुजरात की एक सोसायटी में वन अधिकारियों द्वारा दस फुट लंबे मगरमच्छ को बचाया गया था। टाइम्स ऑफ इंडिया के यूट्यूब वीडियो में दिए गए कैप्शन के अनुसार, “भारी बारिश से जलभराव के कारण, वड़ोदरा के आवासीय परिसरों में मगरमच्छों के प्रवेश करने की घटनाओं की सूचनाएं मिली हैं। लालबाग के राजस्थम्ब सोसायटी के अंदर एक कुत्ते पर मगरमच्छ के हमले के पिछले सप्ताह वायरल वीडियो के बाद, बचाव दल की एक टीम ने रात में एक घर के प्रवेश द्वार से एक और मगरमच्छ को पकड़ा।” -(अनुवाद)
गुजरात के वडोदरा में एक मगरमच्छ को बचाने का दो माह पुराना वीडियो, इस झूठे दावे के साथ फैलाया गया है कि बिहार में पटना के एक इलाके में मगरमच्छ देखा गया। इससे पहले ऑल्ट न्यूज़ ने रत्नागिरी में बचाए गए मगरमच्छ के एक वीडियो की पड़ताल की थी, जिसे मुम्बई का बताकर साझा किया जा रहा था।
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