कोरोना संक्रमण के साथ-साथ सोशल मीडिया में इससे जुड़ी हुई ग़लत जानकारियां भी फैल रही हैं. तबलीग़ी जमात से जुड़े हुए ज़्यादातर लोगों के कोरोना टेस्ट पॉज़िटिव आने के बाद देश में कोरोना फैलाने का ठीकरा मुस्लिमों पर फोड़ा जाने लगा. पुराने और असंबंधित, वीडियो और तस्वीरें शेयर कर सोशल मीडिया में मुस्लिम समुदाय पर कोरोना फैलाने का आरोप लगने लगा. ऐसे ही दावे के साथ एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. वीडियो में सड़क के किनारे कुछ नोट गिरे हुए दिखाई दे रहे हैं और एक पुलिसकर्मी उन नोटों को डंडे से उठाकर एक प्लास्टिक बैग में डाल रहा है. वीडियो शेयर करते हुए दावा किया गया कि एक मुस्लिम व्यक्ति 100, 200 और 500 रुपये की नोटों को सड़क पर फेंक कर चला गया. मेसेज में दावा किया गया है कि मुस्लिम कोरोना वायरस को फैलाने के लिए ऐसा कर रहे हैं.

ट्विटर हैन्डल ‘@SortedEagle’ ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “They’ve found a new way to spread the virus now. A resident of this area in Indore saw a Muslim chap scatter currency notes of 100, 200 & 500 in the locality for people to pick up & get infected. Police was called & they collected them with protection. 10 grand scattered around.” ट्विटर हैन्डल ने अपने ट्वीट में बताया कि इंदौर में मुस्लिम समुदाय के लोग कोरोना वायरस फैलाने के लिए नोटों को सड़क पर फेंक कर चले गए हैं. इस ट्वीट किये हुए वीडियो को आर्टिकल लिखे जाने तक 13,400 बार देखा और 1,200 बार रीट्वीट किया जा चुका है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

ये वीडियो इसी मेसेज के साथ फ़ेसबुक पर भी पोस्ट किया गया है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक) इसके अलावा ये वीडियो तमिल मेसेज के साथ भी शेयर किया गया. दावा किया गया है कि पश्चिम बंगाल में मुस्लिम लोग कोरोना फैलाने के लिए नोटों को रोड पर फेंक कर चले गए. आर्टिकल लिखे जाने तक इस वीडियो को 5,500 बार देखा जा चुका है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

கொரோனோ அபாயம்‼️

#பொதுமக்கள் கவனத்திற்கு

ரோட்டில் #ரூபாய் நோட்டுகள் கிடந்தால் யாரும் அதை எடுக்க வேண்டாம் தற்போது கோரோணா வைரஸை பரப்ப முஸ்லிம்கள் நூதன முறையில் செயல்படுகிறார்கள்*

#மேற்கு வங்கத்தில் சில #முஸ்லிம்கள் ரூபாய் நோட்டுகளை ரோட்டில் வீசி சென்றனர் அதை சிலர் கவனித்து காவல்துறைக்கு தகவல் தெரிவித்தனர் பொதுமக்கள் யாரும் அந்த பணத்தை எடுக்கவில்லை காவல்துறையினர் குச்சிகளை பயன்படுத்தி பணத்தை எடுத்து சென்றனர்😨

எப்போ தான் இவர்கள் திருந்துவார்களோ❓

#அதிகம்பகிரவும்

Posted by இந்து on Friday, 17 April 2020

इस वीडियो को एक हिन्दी मेसेज के साथ भी शेयर किया गया है. हालांकि हिन्दी मेसेज में किसी भी तरह का सांप्रदायिक दावा नहीं किया गया है. इस वीडियो की हकीकत जानने के लिए ऑल्ट न्यूज़ की ऑफ़िशियल मोबाइल ऐप पर भी कई रीक्वेस्ट मिलीं.

फ़ैक्ट-चेक

गूगल पर “इंदौर खातीपुरा 500 नोट” की-वर्ड्स से सर्च करने पर हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. 17 अप्रैल की ‘दैनिक जागरण’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इंदौर की खातीपुरा-गौरी नगर रोड पर गुरुवार की सुबह सड़क पर गिरे हुए कुछ नोट मिले. स्थानीय लोगों ने इस बात की जानकारी पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस ने घटनास्थल पर जाकर नोटों को सेनिटाइज़ कर ज़ब्त कर लिया. इसके अलावा उन्होंने आस-पास के सीसीटीवी फ़ुटेज भी खंगाले लेकिन उन्हें ऐसे किसी संदिग्ध वाहन या व्यक्ति के आने-जाने के सुबूत नहीं मिले. इसके अलावा रिपोर्ट में कही पर भी नोटों को फेंकने वाले व्यक्ति की पहचान मुस्लिम व्यक्ति के रूप में नहीं की गई है.

आगे इस बात की तह तक पहुंचने के लिए हमने हीरा नगर पुलिस स्टेशन के थाना इंचार्ज राजीव भदौरिया से संपर्क किया. उन्होंने हमें बताया, “ये बात क्लियर हो चुकी है कि किसी व्यक्ति या फ़िर किसी मुस्लिम व्यक्ति ने जानबूझ कर ये नोट नहीं गिराए थे. दरअसल ये नोट इंडियन गैस डिलीवर करने वाले एक व्यक्ति की जेब से गिर गए थे. इस व्यक्ति का नाम राम नरेंद्र यादव है और ये इंदौर के गौरी नगर के रहने वाले हैं. यादव हमारे पास नोटों के बारे में जानने के लिए आए थे. उनकी बात सुनकर हमने सीसीटीवी फुटेज को चेक किया और ये बात साफ़ हो गई कि ये नोट उनकी ही थी.”

इस तरह ये बात साफ़ हो चुकी है इंदौर के खातीपुरा इलाके में रोड पर गिरे हुए नोट किसी मुस्लिम व्यक्ति ने कोरोना वायरस फैलाने के लिए जानबुझ कर नहीं गिराए थे. ऐसा एक और मामला पहले भी दिल्ली में देखने को मिला था जिसमें एक व्यक्ति एटीएम से पैसे निकाल कर जा रहे थे, तब उनकी जेब से कुछ नोट गिर गए थे. इस घटना के वीडियो को सोशल मीडिया में सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया गया था.

नोट : भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 14 हज़ार के पार जा पहुंची है. इसकी वजह से सरकार ने बुनियादी ज़रुरतों से जुड़ी चीज़ों को छोड़कर बाकी सभी चीज़ों पर पाबंदी लगा दी है. दुनिया भर में 22 लाख से ज़्यादा कन्फ़र्म केस सामने आये हैं और 1 लाख 54 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और इसी वजह से वो बिना जांच-पड़ताल किये किसी भी ख़बर पर विश्वास कर रहे हैं. लोग ग़लत जानकारियों का शिकार बन रहे हैं जो कि उनके लिए घातक भी साबित हो सकता है. ऐसे कई वीडियो या तस्वीरें वायरल हो रही हैं जो कि घरेलू नुस्खों और बेबुनियाद जानकारियों को बढ़ावा दे रही हैं. आपके इरादे ठीक हो सकते हैं लेकिन ऐसी भयावह स्थिति में यूं ग़लत जानकारियां जानलेवा हो सकती हैं. हम पाठकों से ये अपील करते हैं कि वो बिना जांचे-परखे और वेरीफ़ाई किये किसी भी मेसेज पर विश्वास न करें और उन्हें किसी भी जगह फ़ॉरवर्ड भी न करें.

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About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.