कोरोना वायरस का खौफ़ लोगों के मन में धीरे-धीरे घर करता जा रहा है. इसी के चलते सोशल मीडिया में शेयर होने वाले हर जानकारी को वो बिना वेरीफ़ाई किये सही मानने लगे हैं. वहीं सोशल मीडिया में लोग मुस्लिम समुदाय पर निशाना साधते हुए उनपर कोरोना फैलाने का आरोप लगा रहे हैं. इसकी शुरुआत दिल्ली के निज़ामुद्दीन में तबलीग़ी जमात द्वारा मार्च महीने में आयोजित किये गए कार्यक्रम के बाद से हुई है जब इस कार्यक्रम से जुड़े हुए कई लोगों के कोरोना टेस्ट पॉज़िटिव आए थे.

फ़ेसबुक पेज ‘Kodagu Hindus’ ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए दावा किया कि मुस्लिम समुदाय के लोग कोरोना को फैलाने के लिए संक्रमित की गयी 500 और 2000 रुपये की नोटें गिरा देते हैं. पोस्ट में लोगों से ज़मीन पर पड़ी ऐसी नोटों को छूने से मना किया गया हैं. पेज ने वीडियो पोस्ट करते हुए कन्नडा में लिखा -“ಕರೊನಾ ಬಂದಿರುವ ಕೆಲವು ಮುಸ್ಲಿಂ ಸಮುದಾಯದ ಜನರು 500, 2000 ನೋಟುಗಳಿಗೆ ಉಗುಳು ಹಚ್ಚಿ ಬಿಸಾಕಿ, ಹೋಗುವ ಕೆಟ್ಟ ಪದ್ಧತಿ ಆರಂಭಿಸಿದ್ದಾರೆ 🙏ಜನ ಎಷ್ಟು ಭಯಗೊಂಡಿದ್ದಾರೆಂದರೆ ಪೋಲಿಸರು ಸಹ ಆ ನೋಟುಗಳನ್ನು ಮುಟ್ಟುತ್ತಿಲ್ಲ 🙏ಆದರಿಂದ ದಾರಿಯಲ್ಲಿ ಹೋಗುವಾಗ 500 & 2000 ರೂಪಾಯಿ ನೋಟುಗಳು ಬಿದ್ದದ್ದು ಕಂಡರೆ ಅವುಗಳನ್ನು ಮುಟ್ಟಬೇಡಿ 🙏 ಕೆಲ ಜನರು ಮಾಡುತ್ತಿರುವ ಇಂಥ ಕೆಟ್ಟ ಕೆಲಸಗಳಿಂದ ಇಡೀ ಮುಸ್ಲಿಂ ಸಮುದಾಯಕ್ಕೆ”. इस पोस्ट को आर्टिकल लिखे जाने तक 20 हज़ार बार देखा जा चुका है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

ಕರೊನಾ ಬಂದಿರುವ ಕೆಲವು ಮುಸ್ಲಿಂ ಸಮುದಾಯದ ಜನರು 500, 2000 ನೋಟುಗಳಿಗೆ ಉಗುಳು ಹಚ್ಚಿ ಬಿಸಾಕಿ, ಹೋಗುವ ಕೆಟ್ಟ ಪದ್ಧತಿ ಆರಂಭಿಸಿದ್ದಾರೆ 🙏
ಜನ ಎಷ್ಟು ಭಯಗೊಂಡಿದ್ದಾರೆಂದರೆ ಪೋಲಿಸರು ಸಹ ಆ ನೋಟುಗಳನ್ನು ಮುಟ್ಟುತ್ತಿಲ್ಲ 🙏

ಆದರಿಂದ ದಾರಿಯಲ್ಲಿ ಹೋಗುವಾಗ 500 & 2000 ರೂಪಾಯಿ ನೋಟುಗಳು ಬಿದ್ದದ್ದು ಕಂಡರೆ ಅವುಗಳನ್ನು ಮುಟ್ಟಬೇಡಿ 🙏

ಕೆಲ ಜನರು ಮಾಡುತ್ತಿರುವ ಇಂಥ ಕೆಟ್ಟ ಕೆಲಸಗಳಿಂದ ಇಡೀ ಮುಸ್ಲಿಂ ಸಮುದಾಯಕ್ಕೆ ಕೆಟ್ಟ ಹೆಸರು ಅಂಟುತ್ತಿದೆ………. !

Posted by Kodagu Hindus on Thursday, 9 April 2020

फ़ेसबुक यूज़र हेमंत सिंह बोहरा ने ऐसी ही एक घटना का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “बुध विहार में जगह जगह पर 2000/-के नोट पडे हुए मिले हैं।” उनके पोस्ट में शामिल वीडियो को ये आर्टिकल लिखे जाने तक 23 हज़ार बार देखा और करीब 2,200 बार शेयर किया जा चुका है. वीडियो में ज़मीन पर पड़ी हुई कुछ नोट दिखाई दे रही हैं और उसके आस-पास कई लोग खड़े हैं. वीडियो में एक पुलिसकर्मी भी दिख रहा है जो उन नोटों पर पत्थर रखवा रहा है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

 

बुध विहार में जगह जगह पर 2000/-के नोट पडे हुए मिले हैं।

Posted by Hemant Singh Bohra on Thursday, 9 April 2020

फ़ैक्ट-चेक

पहले तो हम देखेंगे कि शेयर किये गए लगभग एक जैसे दिखने वाले दोनों वीडियो हकीकत में एक ही घटना के हैं या नहीं. दोनों वीडियो को बारीकी से देखने पर हमने पाया कि ये एक ही घटना के हैं. दोनों में दिखाई दे रही एक जैसी वस्तुओं को आप नीचे की तस्वीरों में देख सकते हैं:

1. पीले रंग की बाइक

2. पीली बाइक से ठीक आगे रास्ते के बीच में रखी हुई काले रंग की बाइक

आगे इस घटना के बारे में जानने के लिए गूगल पर की-वर्ड्स सर्च किया जिससे हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं. 10 अप्रैल 2020 की ‘दिल्ली आज तक’ की एक वीडियो रिपोर्ट में इस घटना के बारे में विस्तार से बताया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, बुद्ध विहार में हुई इस घटना में एक व्यक्ति एटीएम से कैश निकाल कर जा रहे थे तभी उनकी जेब से कुछ नोट ज़मीन पर गिर गए. इस बात से बेखबर वो शख्स वहां से चले गये. आस-पास के लोगों ने जब वहां पर नोट देखे तो वो सब घबरा गए और ये अफ़वाह फैलने लगी कि किसी ने जानबुझ कर कोरोना वायरस फैलाने के लिए इन नोटों को यहां पर गिराया है. मौके पर पहुंची पुलिस ने नोटों को पत्थर के नीचे दबा दिया. कुछ देर बाद वो व्यक्ति वहां पर पहुंचा और उसने बताया कि एटीएम से कैश निकालने के बाद जब वो लौट रहे थे तो ग़लती से उनकी जेब से ये नोटें नीचे गिर गयी.

इस बात की पुष्टि के लिए हमने बुद्ध विहार के SHO कृष्णा जी से बात की. उन्होंने हमें रोहिणी इलाके के ACP एस.डी.मिश्रा के बयान का एक वीडियो भेजा. ACP मिश्रा ने बताया कि, “करीब 7 नोट 2000 रुपये के ज़मीन पर पड़े हुए थे. हम जब नोटों को सील करने वाले थे तब वहां पर ब्रूतेन्दर शर्मा नाम के व्यक्ति आएं और उन्होंने बताया कि ये नोट उनके है और ग़लती से उनकी जेब से गिर गए थे.”

इस तरह ये बात साफ़ हो जाती है कि ये नोटें एक व्यक्ति की जेब से ग़लती से गिरी थीं. इस घटना का वीडियो, कोरोना वायरस फैलाने के झूठे दावे से सोशल मीडिया में शेयर होने लगा. पहले भी यूपी में हुई मॉक ड्रिल के एक वीडियो को शेयर कर ये झूठा दावा किया गया कि उत्तरप्रदेश में ‘कोरोना जिहादी’ घुसने की कोशिश कर रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया. एमपी में ब्रैन हैमरेज से हुई एक हेल्थ वर्कर की मौत की घटना को यूपी में उनपर ‘जिहादियों’ द्वारा हमला करने के दावे से शेयर किया गया.

वायरल है ये वीडियो

ट्विटर हैंडल आकाश आरएसएस ने भी ये वीडियो ट्वीट किया है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)

फ़ेसबुक यूज़र सुरेन्द्र बत्रा ने ये वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “बुध विहार में जगह जगह पर 2000/-के नोट पडे हुए मिले हैं।” बत्रा ने अपने फ़ेसबुक परिचय में खुद को इंडियन नैशनल कांग्रेस से जुड़ा हुआ बताया है. बत्रा द्वारा पोस्ट किये गए इस वीडियो को आर्टिकल लिखे जाने तक 8,400 से ज़्यादा बार देखा जा चुका है. (पोस्ट का आर्काइव लिंक)

बुध विहार में जगह जगह पर 2000/-के नोट पडे हुए मिले हैं।

Posted by Surender Batra on Thursday, 9 April 2020

‘ABP न्यूज़’ के पत्रकार विकास भदौरिया ने भी ये वीडियो ट्वीट किया है. भदौरिया जांच में इन नोटों को नकली पाए जाने का दावा किया है. (ट्वीट का आर्काइव लिंक) भदौरिया का नोटों के नकली होने का दावा ग़लत है और इस बात कि जानकारी खुद पुलिस ने अपने बयान में दी है.

हमने पाया कि ये वीडियो फ़ेसबुक और ट्विटर पर इसी मेसेज के साथ खूब वायरल है.

ऑल्ट न्यूज़ के ऑफ़िशियल एंड्रॉइड ऐप पर भी इस वीडियो की हकीकत जानने के लिए रीक्वेस्ट मिली है.

नोट : भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 7,600 के पार जा पहुंची है. इसकी वजह से सरकार ने बुनियादी ज़रुरतों से जुड़ी चीज़ों को छोड़कर बाकी सभी चीज़ों पर पाबंदी लगा दी है. दुनिया भर में 16 लाख से ज़्यादा कन्फ़र्म केस सामने आये हैं और 97 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. लोगों में डर का माहौल बना हुआ है और इसी वजह से वो बिना जांच-पड़ताल किये किसी भी ख़बर पर विश्वास कर रहे हैं. लोग ग़लत जानकारियों का शिकार बन रहे हैं जो कि उनके लिए घातक भी साबित हो सकता है. ऐसे कई वीडियो या तस्वीरें वायरल हो रही हैं जो कि घरेलू नुस्खों और बेबुनियाद जानकारियों को बढ़ावा दे रही हैं. आपके इरादे ठीक हो सकते हैं लेकिन ऐसी भयावह स्थिति में यूं ग़लत जानकारियां जानलेवा हो सकती हैं. हम पाठकों से ये अपील करते हैं कि वो बिना जांचे-परखे और वेरीफ़ाई किये किसी भी मेसेज पर विश्वास न करें और उन्हें किसी भी जगह फ़ॉरवर्ड भी न करें.

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About the Author

Kinjal Parmar holds a Bachelor of Science in Microbiology. However, her keen interest in journalism, drove her to pursue journalism from the Indian Institute of Mass Communication. At Alt News since 2019, she focuses on authentication of information which includes visual verification, media misreports, examining mis/disinformation across social media. She is the lead video producer at Alt News and manages social media accounts for the organization.